बरेली (ब्यूरो)। सर्कुलेटिंग एरिया से जंक्शन तक बच्चा गैंग सक्रिय रहता है। ये बच्चे यात्रियों से मांगने-खाने के बहाने जंक्शन के प्लेटफार्म पर घूमते रहते हैं और मौका मिलते ही ट्रेन के अंदर और प्लेटफॉर्म पर घूम रहे यात्रियों के सामान पर हाथ साफ कर देते हैं। आरपीएफ और जीआरपी के कर्मी बच्चों को चाइल्डलाइन के माध्यम से पकड़ कर उनके घर वालों को चेतावनी देकर सौंप चुके हैं। इसके बावजूद ये बच्चे बाज नहीं आते हैं। कई बार तो बच्चों के बहाने उनके माता-पिता भी जंक्शन पर पहुंच कर मौका मिलते ही आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं।

आठ बच्चों का गैंग
बता दें कि सर्कुलेटिंग एरिया से लेकर जंक्शन के हर प्लेटफॉर्म पर आठ बच्चों का गैंग सक्रिय रहता है। ये लोग यात्रियों से खाने का सामान और पैसों की डिमांड करते हंै। ये बच्चे इतने ज्यादा शातिर होते हैं कि एक इशारे पर एक-दूसरे की पूरी बात को समझ लेते हैं। चाइल्डलाइन द्वारा किसी बच्चे के पकड़े जाने पर बाकी बच्चे उसके माता-पिता को इस की जानकारी दे देते हंै। इसके कुछ देर बाद ही उनके माता-पिता पूरी प्लानिंग के तहत रोते हुए आते हैं और आते ही बच्चों को मारने-पीटने का नाटक करते हैं। इसके साथ ही दोबारा जंक्शन पर न आने की बात कह कर अपने साथ ले जाते हैं।

घुमंतुओं का कब्जा
सर्कुलेटिंग एरिया पर कई घुमंतुओं ने भी कब्जा जमा रखा है। यहां पर बने सभी डिवाइडर्स पर ये लोग रह रहे हंै। यह यहां पर ही खाना बनाते हैं और रात को डिवाइडर पर ही सो जाते हैं। ऐसे ही घुमंतुओं की आड़ में कई अपराधी तत्व भी सर्कुलेटिंग एरिया को अपना ठिकाना बना लेते हंै। जीआरपी और आरपीएफ द्वारा बार-बार खदेडऩे के बाद घुमंतू लोग दोबारा सर्कुलेटिंग एरिया में लौट आते हैं।

इसलिए जंक्शन ठिकाना
इस प्रकार के गैंग जंक्शन को इसलिए ठिकाना बनाते हंै, क्योंकि उन्हें जंक्शन पर आसानी से लोगों से खाने-पीने का सामान भी मिल जाता है। इसके साथ ही वे बहुत ही आसानी से ट्रेन से सामान और यात्रियों के मोबाइल फोन भी उड़ा लेते है, जबकि दूसरी जगहों पर पुलिस और अन्य लोग ऐसे लोगों को आसानी से टिकने नहीं देते हैं। इनके एक्टिव रहने के पीछे कड़वा सच यह भी है कि आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस कोई आपराधिक घटना होने तक ऐसे लोगों को गंभीरता से नहीं लेती है। एक बार घटना होने के बाद पुलिस को घुमंतू गिरोह और उनके डेरे याद आते हैं।

आठ बच्चे हैं, जो हमेशा जंक्शन पर घूमते फिरते रहते हंै। ये यात्रियों से मांगते-खाते हैं। कई बार इन्हें पकड़ कर माता पिता को सौंपा जा चुका है। इसके बावजूद ये बाज नहीं आते। माता-पिता की शह पर ही यह बच्चों ऐसी हरकत करते हैं.&य&य
दिव्य कठेरिया, सुरपवाइजर जंक्शन चाइल्ड लाइन