बरेली (ब्यूरो)। कभी फ्री रिचार्ज के नाम पर तो कभी जॉब दिलाने के नाम पर ठगी की बात तो आपने अक्सर सुनी होगी। इस बार साइबर ठगों ने आयोध्या में वीआईपी एंट्री दिलाने के नाम पर भी लिंक शेयर करना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं इनठगों ने अयोध्या में वीआईपी एंट्री दिलाने के नाम पर लोगों को लिंक शेयर करना शुरू कर दिए हैं, जबकि कुछ लोगों को एप इंस्टॉल कराने की बात कर रहे हैं। हालांकि इस मामले में कई लोग अलर्टनेस दिखाते हुए इनके झांसा में नहीं आए र्हं। किस तरह साइबर ठग लोगों को मैसेज करके अपना शिकार बनाते हैं, पढि़ए पूरी रिपोर्ट

टू गेट वीआईपी एक्सेस
अयोध्या में इस समय देश-विदेश से हर कोई आने के लिए आतुर है। 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है, इसलिए लोगों से 22 जनवरी के बाद ही आयोध्या आने की अपील की जा रही है, ताकि भीड़ अधिक न हो। लेकिन इसका भी लाभ उठाते हुए ठगों ने ठगी के लिए लिंक क्रिएट करके लोगों को भेजना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही एप भी इंस्टॉल करने के लिए कहा जा रहा है। इस पर लिखा है &वीआईपी एक्सेस एंड शेयर&य। इस तरह के मैसेज लोगों को अजनबी नंबर से कुछ लोगों के पास आए हैं। हालांकि किसी के साथ ठगी तो नहीं हुई, लेकिन इसको लेकर लोग अलर्ट हो गए हैं कि जब आयोध्या में एंट्री 22 के बाद मिलनी है तो उससे पहले वीआईपी के नाम पर ठगी ही हो सकती है। वहीं मामले की जानकारी लगते ही साइबर क्राइम थाना पुलिस भी अलर्ट है। साइबर थाना पुलिस का कहना है कि वह समय समय पर अभियान भी चलाकर लोगों को अवेयर करते हैं ताकि लोग साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकें।

ऑनलाइन ठगी से कैसे बचें
-सही वेबसाइट पर जाएं, जिसके लिए यूआरएल सही डालना चाहिए
-किसी भी तरह के लालच और ऑफर में न आएं
-अनजान व्यक्ति से फोन पर बात न करें, उसके बहकावे में न आएं
-फेसबुक अकाउंट और ट्विटर अकाउंट आदि पर आईडी का पासवर्ड स्ट्रांग रखें
-सोशल मीडिया पर आने वाले अनजान लिंक पर भूल कर भी क्लिक न करें

क्लिक करने से पहले जांचें
-ऐसे में अगर साइट का यूआरएल द्धह्लह्लश्चह्य से शुरू होता है तो यह एक असली वेबसाइट है, जबकि फर्जी और असुरक्षित साइट द्धह्लह्लश्च से शुरू होती हैं।
-यदि कोई साइट पर आपको कांटेक्ट नम्बर, ईमेल आईडी नहीं दे रखी है तो समझे कि वेबसाइट फर्जी है। इसके अलावा आप इंटरनेट पर ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट गूगल पर सर्च कर किसी भी साइट के सुरक्षित या असुरक्षित होने के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
-संदिग्ध वेबसाइट में नीचे स्क्रॉल कर कॉपीराइट संबंधी जानकारी जरूर देखें
-वेबसाइट ओरिजनल होती है तो उनके यूआरएल के आगे लॉक का निशान बना होता है
-यदि आपके पास किसी भी तरह का लिंक आता है और संदिग्ध लगता है तो उस पर क्लिक न करें।
-वेबसाइट की स्पेलिंग चेक करें, उसमें मिलती जुलती गलतियां हो सकती हैं तो क्लिक करने से बचें

साइबर ठग लोगों को लालच देकर लिंक पर क्लिक आदि कराने के लिए जो मैसेज देते हैं, ऐसे लिंक पर क्लिक करने से बचें। साइबर ठग अगर किसी को वीआईपी सुविधा के नाम पर कोई लिंक भेजता है तो उस पर क्लिक न करें, क्योंकि इससे आपके साथ ठगी हो सकती है।
-शालू, एसआई साइबर थाना