बरेली (ब्यूरो)। पानी की कमी बॉडी में सिर्फ डीहाइड्रेशन लेकर नहीं आती है, बल्कि ये बॉडी मेंं कई तरह की बड़ी प्रॉब्लम लेकर आती हैैं। ऐसे में चिलचिलाती गर्मी में बॉडी को फुल हाइड्रेट रखना जरूरी है, जिससे कई तरह की व्यापक बीमारियों से बचा जा सकें। पानी की कमी बॉडी को कमजोर कर देती है और ड्राई स्किन, कब्ज, सिर दर्द और पैरों में अकडऩ जैसी कई बीमारियों से इंसान को ग्रस्त कर देती हैै।


ये हो सकती है प्रॉब्लम

यूटीआई इंफेक्शन
पानी की कमी से पर्सन को यूरिन इंफेक्शन हो सकता है। पानी बॉडी में टम्प्रेचर, पीएच लेवल बैलेंस करता है। इसके अलावा कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया से भी लडऩे में मदद करता है। वहीं अगर बॉडी में पानी की कमी होती है तो बॉडी में सबसे पहले यह टम्प्रेचर, पीएच ही डिसबैलेंस होता है। वहीं कई सारे हानिकारक बैक्टीरिया ब्लैडर में एकत्र होने लगते हैैं, जो यूटीआई में कंवर्ट हो जाता है।

किडनी में पथरी
पानी की कमी से किडनी पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। पानी की कमी से किडनी में पथरी की समस्या भी हो जाती है। बता दें कि पानी की कमी से किडनी का फंक्शन प्रभावित होता है। इसकी वजह से किडनी से टॉक्सिन्स पूरी तरह से प्यूरीफार्ई नहीं हो पाते हैैं और किडनी में ही चिपक जाते हैैं, जो आगे चलकर पथरी का रूप ले लेती है।

लो ब्लड प्रेशर
लो बीपी वैसे तो कई वजह से हो सकता है, लेकिन इसकी एक वजह पानी की कमी की वजह से भी हो सकता है। क्योंकि जब कोई पर्सन कम पानी पीता है तो बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता है। पानी ब्लड के लिए एक होल्डर का काम करता है और बल्ड को हर जगह पहुंचाने में मदद करता है।

ज्वाइंट पेन
पानी की कमी की वजह से ज्वाइंट भी सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैैं। जोड़ो में दर्द की शुरुआत ज्वाइंट के बीच फ्रिक्शन पैदा होने की वजह से होती है। पानी जो जोड़ों के बीच नमी को पैदा करता है और जब पानी की कमी होती है तो शरीर में डिहाईड्रेशन होने लगता होने लगता है। इसकी वजह से जोड़ो में दर्द होने लग जाता है। हर दिन कम से कम आठ गिलास पानी लोगों को रोज पीना चाहिए।

पिएं ज्यादा से ज्यादा पानी
ऐसी चिलचिलाती गर्मी में लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए और पानी वाली फल को सेवन करना चाहिए। जिससे बॉडी का वॉटर लेवल मेंटेन रह सकें। एक पर्सन को दो से तीन लीटर पानी पीना चाहिए। वहीं अगर ऐसी गर्मी में बाहर ज्यादा रहते हैैं तो पानी दो-तीन लीटर से और भी ज्यादा पिए।

धूप में न निकलें
गर्मी में तेज तापमान से लू लगने का भी खतरा बढ़ जाता है। गर्मी की वजह से बॉडी वैसे भी स्वेट कर रही होती है और अंदर से बॉडी मे पानी की कमी भी होने लगती है। जिससे अदर ऑर्गेन भी अफैक्टेड होते हैैं। लू लगने की वजह से पर्सन को बेहोशी और भ्रम सा फील होने लगता है। लू का पता चलते ही इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए नहीं तो यह अदर ऑर्गेन में फैल जाने से अत्यधिक बीमार और मौत का खतरा भी हो सकता है।

लोगों को गर्मियों में पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए। पानी शिकंजी, फल, सब्जियों का सेवन करें। ज्यादा टेम्प्रेचर में बाहर न निकलें। इसके अलावा बॉडी को फुल कवर करके निकलें।
-डॉ। आरके गुप्ता, फिजिशियन

पानी की कमी की वजह से कई तरह की प्रॉब्लम होती हैैं। अत: गर्मियों में लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए ताकि वे पानी की कमी से होने वाली बीमारियों से बच सकें।
-डॉ। सतीश कुमार, न्यूरो सर्जन