बरेली (ब्यूरो)। साहू राम स्वरूप महिला महाविद्यालय में एडमिशन प्रॉसेस शुरू हो गया है। ऐसे में महाविद्यालय में कई ऐसे डिप्लोमा कोर्स और सर्टिफिकेट कोर्सेज हैैं, जो स्टूडेंट्स के पैशन को तो आगे बढ़ाते हैैं और उन्हें अर्निंग करने में भी काफी हेल्प करते हैैं। इन कोर्स के बदौलत स्टूडेंट्स अपना घर तक चला रही हैैं।

सर्टिफिकेट कोर्स
1. सर्टिफिकेट इन फैशन डिजाइनिंग
2. सर्टिफिकेट इन इनटीरियर डेकोरेशन
3. सर्टिफिकेट इन डिजाइन कामर्शियल
4. सर्टिफिकेट इन कथक
5. सर्टिफिकेट इन फि जिकल फि टनेस एण्ड जिम ट्रेनर
6. सर्टिफिकेट इन गांधी अध्ययन
7. सर्टिफिकेट इन बौद्ध अध्यन
8. सर्टिफिकेट इन संगीत सितार
9. सर्टिफिकेट इन वेकिंग
10. सर्टिफिकेट इन योग
11. सर्टिफिकेट इन डाइटेटिक्स
12. सर्टिफिकेट इन कम्प्यूटर
13. सर्टिफिकेट इन फ ोक डान्स तबला
14. सर्टिफिकेट इन तबला संगत (सोला)
15. सर्टिफिकेट इन स्कल्पचर
16. सर्टिफिकेट इन सिलाई

डिप्लोमा कोर्स
1. डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग
2. डिप्लोमा इन योग
3. डिप्लोमा इन डिजाइन कामर्शियल
4. डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन
5. डिप्लोमा इन कत्थक

स्टूडेंट्स हो रहे इंडिपेंडेंट

स्टूडेंट्स के लिए कई ऐसे कोर्स हैैं जिसे स्टूडेंट परसू कर रहे हैैं और पढ़ाई के साथ-साथ इंप्लाइड भी हो रहे हैं। साथ ही अपना घर को भी चला रहे हैैं। महाविद्यालय की ओर से स्टूडेंट्स के लिए सेमिनार और एग्जीबिशन ऑर्गेनाइज किया जाता है। जहां पर स्टूडेंट्स अपने बनाए गए आर्टिकिल, प्रोडेक्ट को सेल करते हैैं। इसके अलावा कई स्टूडेंट्स से बात की तो उन्होंने बताया कि वे कॉलेज से कोर्स करने के दौरान ही अपना काम स्टार्ट कर चुके हैैं और अपने घर वालों की मदद कर रहे हैैं। आज वे एक इंडिपेंडेंट की तरह काम कर रहे हैैं।

फैशन डिजाइन से मिला सब

फैशन डिजाइज डिपार्टमेंट में कई ऐसे स्टूडेंट्स है जो डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्र्स कर रहे हैैं और इसी कोर्स के साथ उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है। स्टूडेंट्स ने बताया कि वे कई तरह की ट्रेंडिंग ड्रेस बना लेते हैैं और साथ ही इसे बनाकर पैसे भी कमा रहे हैैं। एक आउटफिट बनाकर वे 1000 रुपए तक कमा लेते हैैं।

ड्राइंग एंड पेंटिंग का क्रेज

ड्राइंग और पेंटिंग का क्रेज भी स्टूजेंट्स में काफी बढ़ा हुआ है। स्टूडेंट्स अगर बीए, एमए के कोर्स फुल हो जाए तो डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स में एडमिशन लेते हैैं। डिप्लोमा कोर्स जहां एक साल का होता है। वहीं तीन कोर्स छह महीने के हैैं। जिसमें से एक मूर्तिकला, इंटीरियर डेकोरेशन, डिजाइन कामर्शियल शामिल है। विभाग की एचओडी ने डॉ। गीता अग्रवाल ने बताया कि स्टूडेंट्स के बनाए हुए आर्टीफाइज दो से तीन हजार तक में बिकते हैैं। वहीं होटल, रेस्ट्रो में भी यह आर्टीफाइज और पेंटिंग लगाइ जाती हैैं।

बढ़-चढक़र ले रहे हिस्सा

सर्टिफिकेट कोसेस में स्टूडेंट्स बढ़-चढक़र हिस्सा लेते हैैं साथ ही अपनी स्किल को भी डेव्लप करते हैैं। इससे उनकी पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी हो जाती है। महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ। अनुपमा मेहरोत्रा ने बताया कि लड़कियों के कोर्स काफी अच्छे होते हैैं। इन कोर्स के चलते कई स्टूडेंट्स ने अपना काम भी शुरू कर दिया है। वहीं इस सर्टिफिकेट कोर्स के लिए कोई भी न्यूनतम शौक्षिक योग्ता एंव आयु सीमा बाध्य नहीं है। वहीं सर्टिफिकेट कोर्स के लिए कोई भी स्टूडेंट अप्लाई कर सकता है। इसके लिए कॉलेज का स्टूडेंट होना जरूरी नहीं है।

ये हैै नया कोर्स

महाविद्यालय में बीबीए रिटेलस ऑपरेशन एक नया कोर्स हैैं। जिसमें स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ-साथ रिटेलस की ट्रेनिंग भी दी जाती है। इस कोर्स में स्टूडेंट को तीन दिन कॉलेज की पढ़ाई कराई जाती है। वहीं अगल तीन दिन स्टूडेंट्स को मार्केट ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसमें स्टूडेंट्स को साल भर में दो लाख से ज्यादा स्टाइपेंड कमाने का मौका दिया जाता है। इस कोर्स में टोटल 60 सीट्स हैैं। स्टूडेंट्स के लिए इसमें काफी स्कोप हैै इस कोर्स के जरिए स्टूडेंट्स कंपनीज में रिटेलिंग के जरिए काफी सारे मुकाम भी हासिल होता है।

हमारे कॉलेज में काफी सारे कोर्स ऐसे हैैं जिसमें स्टूडेंट्स बढ़-चढक़र हिस्सा लेते हैैं और अपना नाम भी कमाते हैैं। यहां से पास आउट स्टूडेंट्स ने आज अपना खुद का बिजनेस भी खड़ा कर लिया है।
- डॉ। अनुपमा मेहरोत्रा, प्रिंसिपल

स्टूडेंट्स का ड्राइंग एंड पेटिंग में काफी रूझान हैैं। इस कोर्स के जरिए स्टूडेंट्स अपनी खुद की आर्टीफाइड्स बनाते हैैं और उसे सेल भी करते हैैं। जो स्टूडेंट्स को काफी कॉनफीडेंस देता है।
- डॉ। गीता अग्रवाल, एचओडी, ड्राइंग एंड पेंटिंग

स्टूडेंट्स को अपनी स्किल को नरिश करने में महाविद्यालय पूरी तरह से लगा रहता है। हम लोग टाइम -टाइम पर स्टूडेंट्स के लिए वर्कशॉप और एग्जीबिशन कराते हैैं। जहां वे अपने द्वारा बनाए गई ड्रेस को प्रेजेंट करती हैैं और अच्छी अरनिंग भी करती हैैं।
- डॉ। अलका जयसवाल, एचओडी, फैशन डिजाइन डिपार्टमेंट