- वर्ष 2012 से किसान कर रहे मुआवजे के लिए संघर्ष, नहीं हो पा रहा समझौता

<- वर्ष ख्0क्ख् से किसान कर रहे मुआवजे के लिए संघर्ष, नहीं हो पा रहा समझौता

BAREILLY: BAREILLY: मुआवजे की मांग को लेकर ट्यूजडे कलेक्ट्रेट में किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ा बाईपास किसान संघर्ष समिति के बैनर तले करीब दो दर्जन से ज्यादा किसान ट्यूजडे डीएम से गुहार लगाने पहुंचे तो उन्होंने आचार संहिता का हवाला देते हुए बाद में आने की बात कही। फिर क्या था किसानों ने प्रशासन पर गैरजिम्मेदराना रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए करीब आधा घंटा तक डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने के बाद सभी किसान वापस लौट गए।

मुआवजा नहीं मिला

बड़ा बाईपास किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक वर्ष ख्0क्क्-क्ख् से मुआवजा का मामला चल रहा है। प्रशासन की काफी मान-मनौव्वल के बाद किसानों ने मामले पर समझौता को राजी हुए थे। बाईपास निर्माण के दौरान आने वाली जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा था। बाद में प्रशासन ने कुछ मांगे मानी तो निर्माण शुरू हुआ। फिर भी अभी करीब भ् सौ किसानों का मुआवजा नहीं मिला है। जिन्हें हर बार प्रशासन और एनएचएआई टरका देते हैं। बताया कि लास्ट ईयर अक्टूबर में मामला सुलझने की कोशिशें तेज होती दिखी पर अब फिर से ढुलमुल रवैया प्रशासन अपना रहा है।

प्रशासन पर लगाए आरोप

कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों के मुताबिक प्रशासन ने नवंबर में समझौते के लिए बुलाया था, पर किन्हीं वजह से सहमति नहीं बनी। फिर दिसंबर में बुलाया गया। जिस पर एक जनवरी को किसानों ने डीएम से मुलाकात की थी। डीएम ने क्0 जनवरी को एनएचएआई परियोजना अधिकारी की मौजूदगी में मीटिंग बुलाई थी। आरोप है कि एनएचएआई के अधिकारी ने लखनऊ में होने और प्रशासन ने आचार संहिता लगने के बाद आने की बात कहकर फिर किसानों को बरगला रहे हैं।