बरेली (ब्यूरो)। भगवान बचाए रखना, क्योंकि अगर शहर में आग लगने की कोई बड़ी घटना होती है तो फायर डिपार्टमेंट के पास पानी के माकूल इंतजाम नहीं हैैं। स्मार्ट सिटी में सब कुछ स्मार्ट हो रहा है, लेकिन फायर हाईड्रेंट को लेकर कुछ नहीं किया गया है। इस बीच जो हाईड्रेंट थे भी, वह सब फायर बिग्रेड की लापरवाही की वजह से लुप्त हो गए हैैं। जिले भर में 64 फायर हाईड्रेंट थे। इनमें शहर में 15 फायर हाईड्रेंट थे। भगवान न करे अगर शहर की तंग गलियों और बाजारों में आग की कोई घटना होती है, तो पानी लाना बड़ी समस्या बन जाएगा।

गलियों में है बड़े गोदाम
शहर की संकरी गलियों में कई बाजार चल रहे है। इसमें रोजाना हजारों की संख्या में लोग आते हैैं। शहर में बड़ा बाजार कमर्शियल इलाका है। तंग गलियों में व्यापारियों के गोदाम बने हुए हैं। इसके साथ ही यह बाजार आर्टिफिशिल ज्वैलरी का भी हब है। इसके साथ ही साड़ी शोरूम, लहंगा, सूट और पास में ही आलमगिरीगंज में सर्राफा बाजार मौजूद हैं। यहां पर सैकड़ों की संख्या में दुकानें हैं, जहां से व्यापारी करोड़ों का रोजाना कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में संकरी गालियों में चलने वाले गोदाम और दुकानों में कोई अनहोनी होती है, तो मुश्किल आएगी।

बिना एनओसी के शोरूम
शहर की तंग और संकरी गलियों में बिना फायर एनओसी के बड़े-बड़े शोरूम और गोदाम चल रहे है। गिनती के प्रतिष्ठानों को छोड़ दिया जाए। तो शायद ही किसी के पास फायर सेफ्टी की व्यवस्था हो। फायर विभाग इसको लेकर भी लापरवाही बरत रहा है। फायर विभाग इसके लिए साल में कोई अभियान भी नहीं चलाता है। सिर्फ दीपावली के मौके पर खानापूरी कर दी जाती है।

सिर्फ दूसरी मंजिल तक बुझेगी आग
बरेली स्मार्ट सिटी हो गया है। यहां शहर में तीस से ज्यादा हाई राइज बिल्डिंग बनी हुई हैं। लेकिन फायर बिग्रेड के पास सिर्फ दो मंजिल तक आग बुझाने के इंतजाम हैं। अगर तीसरी मंजिल पर आग लगती है। तो फायर विभाग के पास वहां तक बाहर से जाने कोई इंतजाम नहीं है। सीएफओ चन्द्रमोहन शर्मा ने बताया कि उन्होने 42 मीटर की फायर हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म के लिए शासन को डिमांड भेजी है। जिसके मिलने पर 14 मंजिल बिल्डिंग तक की आग को बुझाया जा सकता है।

कैसा है इंतजाम
10 बड़ी गाड़ी
04 छोटी गाड़ी
03 बाइक टेंडर
01 क्रेन
01 रेस्क्यू वैन
170 दमकल कर्मी

नगर निगम हाईड्रेंट नहीं लगवाता है, और न ही उन्हे बंद करता है। अगर फायर डिपार्मेंट की डिमांड आती है, तो उनकी मांग के अनुसार हाईड्रेंट लगवा दिए जाएंगे।
निधि गुप्ता वस्त, नगर आयुक्त

जिले में कुल 64 हाईड्रेंट थे। जिसमें से शहर में 15 हाईट्रेंड की संख्या थी। शहर से लेकर देहात तक के ज्यादातर हाईड्रेंट बंद हो गए हैैं। कुछ सडक़ में दब गए हैं। पानी आसानी से मिल जाता है। इसके लिए बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों को चिन्हित किया हुआ है, जहां पर हर समय पानी उपलब्ध रहता है।
चद्र मोहन शर्मा, सीएफओ