बरेली (ब्यूरो)। रेलवे ने बिल नहीं तो फूड फ्री नीति शुरू की थी। इसके तहत वेंडर को ग्राहकों को खाने-पीने के सामान का बिल अनिवार्य रूप से देना होता है। अगर कोई वेंडर ग्राहक को बिल देने से इनकार करता है तो यात्रियों को सामान के पैसे देने की जरूरत नहीं है। इसको लेकर काउंटर पर लिखा भी गया है कि नो बिल, द फूड इज फ्री। इसकी सच्चाई जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम बरेली जंक्शन पर पहुंची। वहां टीम ने तीन अलग-अलग प्लेटफॉम्र्स के फूड स्टॉल से नीबू पानी, छोले समोसे और सैंडविच खरीदा। इनमें एनईआर के प्लेटफॉर्म और एनआर के फूड स्टॉल शामिल हंै। दो वेंडर्स ने बिल देने से इनकार कर दिया। इस पर आधारित है दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की एक रिपोर्ट

2019 में शुरू हुई नीति
रेलवे को यात्रियों से अक्सर शिकायतें मिल रही थीं कि वेंडर यात्रियों से मनमाने ढंग से एमआरपी से ज्यादा रेट वसूल करते हैं। वेंडर्स की इसी मनमानी को रोकने के लिए 2019 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बिल नहीं तो फूड फ्री नीति शुुरू की थी। पीयूष गोयल ने ट्वीट कर लोगों को इसकी जानकारी दी थी। अहम बात यह थी कि इसको देश भर के सभी स्टेशन्स और ट्रेन्स में तत्काल प्रभाव से लागू कराया गया था। इसके बाद से ही ऐसी शिकायतों पर रेलवे ने कई वेंडर्स पर कार्रवाई की थी।

वेंडर का जवाब, मशीन खराब है
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम जंक्शन के एनईआर के प्लेटफॉर्म पर 4:29 बजे पहुंची। वहां पर टीम ने एक मल्टी परपज नाम के स्टोर से 20 रुपए का नींबू पानी खरीदा। सौ रुपए देने पर वेंडर ने 80 रुपए वापस कर दिए। इस दौरान वेंडर से बिल मांगा गया तो उसने मशीन खराब होना बताया। इसके साथ उसने कहा कि मशीन है भी नहीं। वेंडर से पुन: एक बार बिल के लिए कहा तो उसने दोबारा भी यह ही जवाब देते हुए कहा कि अगर मशीन होती तो वह बिल अवश्य देता।

बोला वेंडर बिल नहीं है
जंक्शन के एनईआर प्लेटफॉर्म पर धनदेई ट्रेडर्स नाम के स्टॉल पर 4: 41 बजे टीम पहुंची। यहां से छोला समोसा पैक कराया। इस दौरान स्टॉल पर वेंडर को उन्होंने पचास रुपए दिए। वेंडर ने तीस रुपए काटकर बीस रुपए वापस कर दिए। इस दौरान स्टॉल पर दोनों वेंडर्स से बिल मांगा गया, लेकिन उन्होंने बिल न होने की बात कही। बिल कहीं से अरेंज कराने की बात पर भी बिल न होने बात कही। इसके बाद वह स्टॉल पर मौजूद महिला यात्री को सामान देने में व्यस्त हो गया।

सैंडविच की जगह पानी का बिल
इसके बाद टीम 4: 43 बजे प्लेटफॉर्म तीन पर स्थित एएच व्हीलेर एंड को। प्राईवेट लिमिटेड फूड स्टॉल पर पहुंची। वहां पर वेंडर से खाना मांगा गया तो उसने खाना होने से इनकार कर दिया। इस दौरान वेंडर से 30 रुपए का सैंडविच खरीदा। पेमेंट होने के बाद वेंडर से बिल मांगा तो उस ने बताया कि सैंडविच रेलवे की सूची में नहीं आता है इसलिए वह बिल नहीं दे सकता है। इस दौरान उसने कहा कि वह 30 रुपए का किसी दूसरे सामान का बिल बना देगा। इसके बाद वेंडर ने 15-15 रुपए की दो पानी की बोतलों का बिल बनाकर दे दिया।


यात्री नहीं हो रहे जागरूक
वेंडर किसी तरह की कोई मनमानी न कर सकें, इसके लिए रेलवे ने जंक्शन के हर स्टॉल पर रेट लिस्ट के साथ ही बड़ा-बड़ा नो बिल फूड फ्री लिखवाया हुआ है। बावजूद इसके लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। यह ही वजह है कि यात्री फूड स्टॉल पर वेंडर से बिल नहीं लेते हैं। जानकारी न होने पर वह कई बार लूटे भी जाते है। यह ही वजह है कि 15 रुपए का नीर लोगों को वेंडर 20 रुपए में बेच देते हैं। बिल न लेने के साथ ही आम यात्री दिक्कत होने पर टोल फ्री नंबर 139 पर भी कॉल नहीं करते है, जबकि नो बिल फूड फ्री वाले नोटिस पर भी यह नंबर लिखा हुआ होता है। इसके बाद भी लोग इस नंबर का प्रयोग नहीं करते है।

हमने पूरे जंक्शन पर बिल नहीं तो खाना फ्री का नोट लिखा रहा है। इसके बाद भी कोई बिल देने से इनकार कर रहा है तो सामान के पैसे न दें। इसके अलावा मेरे साथ ही जिम्मेदार अफसर और टोल फ्री नंबर 139 पर शिकायत करें। तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
-राकेश सिंह, सीएमआई, बरेली जंक्शन