बरेली (ब्यूरो)। एमजेपीआरयू का डंका एजुकेशन के फील्ड में तो दूर-दूर तक बज ही रहा है, अब इसने वूमेन को सेल्फ डिपेंडेंट बनाने की दिशा में भी इनिशिएटिव स्टार्ट की है। आरयू कैंपस में स्थापित रुहेलखंड इंक्यूबेशन फाउंडेशन सेंटर (आरआईएफ) ने मंडल भर में संचालित सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की 40 हजार से अधिक महिलाओं का डेटा कलेक्ट किया है। सेंटर के अफसरों का कहना है कि सेल्फ हेल्प ग्रुप संचालित करने वाली महिलाओं के पास भी कई बेहतर आइडियाज हैं। वो कई अच्छे प्रोडक्ट्स बना भी रही हैं, लेकिन उसके बाद वह उसके लिए पहचान पाने में पीछे रह जाती हैं। इसके लिए एमजेपीआरयू का आरआईएफ सेंटर उनके प्रोडक्ट ओर उनके काम को नेशनल लेवल पर लगने वाली एग्जीबिशन्स में भी शो करने का मौका दिला चुका है। इतना ही नहीं उनके प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने के लिए भी मदद की जा रही है।

लोकल फॉर वोकल
इंक्यूबेशन सेंटर का काम सेल्फ हेल्प ग्रुप और स्टार्टअप के माध्यम से किए जा रहे बेहतर कार्यों को पहचान दिलाना भी है। इसके माध्यम से उनके लिए कोई सुझाव, एक्सपर्ट की सलाह, ब्रांड और मार्केट मुहैया कराना आदि भी है ताकि उनके लोकल ब्रांड को नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर पहचान मिल सके।

नेशनल में पहचान
आरआईएफ सेंटर पर कोई भी व्यक्ति या फिर महिला किसी भी समय आकर यहां पर सलाह, सुझाव और अपने आइडियाज दे सकता है। अगर कोई स्टार्टअप शुरू करना चाहता है तो वह वहां पर आकर एक्सपर्ट से जानकारी ले सकता है। अगर कोई मैन्यूफैक्चरिंग करता है तो उसके लिए ब्रांड कैसे बनाया जाए, उसकी पैकिंग कैसे की जाए, कैसे उसे मार्केट प्रदान कर लोकल फॉर वोकल बनाया जाए।

इन्हें मिली पहचान
सिटी की शीलू त्रिपाठी अपना स्टार्टअप चलाती हैं। वह सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ गाय के गोबर से उपले आदि तैयार करती हैं। ये हवन पूजन आदि के लिए प्रयोग होने के कारण इनकी खास डिमांड भी है। रुहेलखंड इंक्यूबेशन फाउंडेशन से हेल्प लेकर वह नेशनल स्तर पर अपना प्रोडक्ट शो कर चुकी हैं। इतना ही नहीं उन्हें आरआईएफ सेंटर के माध्यम से मार्केट में भी पहचान मिली है।

सिटी की ही ज्योत्सना भी अपने साथियों के साथ मिलकर आईटी सेक्टर में काम करती हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने आरआईएफ सेंटर पर रजिस्टे्रशन कराया और अपने आइडिया को शेयर किया। उसके बाद ज्योत्सना अब हैकिंग से कैसे बचा जाए, इसके लिए काम कर रही हैं और उन्हें इसके लिए पहचान भी मिली हैं।

नीतिका गुप्ता शहर के सिविल लाइंस एरिया की निवासी हैं। उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए आरयू के आरआईएफ सेंटर पर संपर्क किया। वहां पर उनके आईडिया को महत्व देते हुए उन्हें कोऑपरेट किया गया। नीतिका अब सिर्फ बरेली ही नहीं, बल्कि मंडल भर में महिलाओं को घर बैठे ही ब्यूटीशियन की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।

ये हैं सुविधाएं
ट्रेनिंग
पैकिंग
मार्केटिंग
प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने की ट्रेनिंग

स्टूडेंट्स को लाभ
रुहेलखंड इंक्यूबेशन सेंटर 24 घंटा ऑन रहने के कारण यहां पर स्टूडेंट्स भी आते हैं। वे अपनी क्लास के बाद बचे हुए टाइम का सद्पयोग करने के लिए भी यहां पर आकर अपने आइडियाज शेयर करते हैं और एक्सपर्ट उनके आइडियाज को आगे बढ़ाने का काम करते हैं।


एमजेपीआरयू कैंपस में स्थापित रुहेलखंड इंक्यूबेशन सेंटर सेल्फ हेल्प गु्रप की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहा है। मंडल भर की सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं का डेटा कलेक्ट कर लिया गया है। इसमें जो भी महिलाएं मैन्यूफेक्चरिंग करती हैं, उनको इंक्यूबेशन सेंटर से प्लेटफॉर्म मिला है।
-यतेंद्र कुमार, सीओओ, रुहेलखंड इंक्यूबेशन फाउंडेशन

मंडल की 40 हजार से अधिक सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं का डेटा कलेक्ट किया जा चुका है। महिलाएं जो सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर मैन्यूफैक्चरिंग आदि करती हैं, उनके उत्पाद की पैकिंग और ब्रांडिंग करने के साथ ही मैनूफैक्चरिंग क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए भी यहां पर काम किया जाता है। ओडीओपी के तहत भी ट्रेनिंग कराई जाती है।
-रोबिन कुमार, ऑपरेशन एग्जीक्यूटिव