बरेली (ब्यूरो)। 40 डिग्री तापमान और धूप की तपिश के बीच रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने वीसी ऑफिस का घेराव किया। उनकी शिकायत है कि इस जबरदस्त गर्मी में उन्हें न ढंग से पानी मिल रहा है और न बिजली। पानी अक्सर गंदा और बदबूदार आता है। उन्होंने कहा कि टॉयलेट तक साफ नहीं कराए जा रहे हैं। छात्राओं ने कहा कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए आज वह अपनी बात वीसी से कहने के लिए आई हैं। इनमें तीन हॉस्टल की छात्राएं शामिल थीं। बता दें कि रुहेलखंड यूनिवर्सिटी की यूजीसी ग्रेडिंग ए प्लस-प्लस है और वहां के हॉस्टल का ये हाल है।

दो बजे शुरू हुआ हंगामा
एमजेपीआरयू कैंपस के मैत्रीय हॉस्टल की छात्राएं दोपहर दो बजे वीसी ऑफिस के बाहर पहुंचीं। उन्होंने अपनी समस्या बताई तो हर कर्मचारी समस्या सुनकर परेशान हो गया। भीषण गर्मी में बिजली और पानी नहीं मिलने से वह बीमार हो रही हैं। छात्राओं का कहना था कि सेमेस्टर एग्जाम चल रहे हैं उनकी पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। इस कारण वह परेशान हैं और वह वीसी को अपनी समस्या से अवगत कराने के लिए ऑफिस आई हैं। वीसी के नहीं मिलने पर वह ऑफिस के बाहर धरना देकर बैठ गई.परीक्षा नियंत्रक भी नहीं होने के कारण डिप्टी रजिस्ट्रार ने छात्राओं का ज्ञापन लेेकर उन्हें समस्या दूर करने का आश्वासन देकर वापस हॉस्टल भेज दिया।

ये बताई समस्याएं
छात्राओं का कहना था कि भीषण गर्मी में कई-कई घंटा बिजली नहीं आने से पानी भी नहीं मिल पाता है। गर्मी में वह पीने के पानी तक के लिए तरस रही हैं। पानी जो मिलता है वह गंदा और बदबूदार आता है। उसे पीकर कई छात्राएं तो बीमार हैं और हॉस्पिटल से इलाज करा रही हैं। रात को लाइट अक्सर खराब हो जाती है। रात को मच्छर काटते हैं इस कारण नींद भी नहीं आती है और बीमार हो रही हैं।

रात को नहीं है कर्मचारी
छात्राओं की समस्या सुनकर डिप्टी रजिस्ट्रार ने बिजली इंजीनियर मोहर सिंह को अपने ऑफिस बुलाया। उनसे पूछा कि आप पैसे मुझसे लीजिए और छात्राओं की हॉस्टल की बिजली ठीक कर दीजिए। मोहर सिंह ने बताया कि एक करोड़ रुपए से अधिक की केबल बिछाई जानी है। ये सुनकर वह भी दंग रह गई। इस पर उन्होंने आचार संहिता तक वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। छात्राओं ने कहा कि रात को बिजली खराब होने पर डयूटी पर बिजलीकर्मी को कॉल किया जाता है तो वह नम्बर ही ब्लॉक कर देता है। यहां तक कि नाइट डयूटी पर हॉस्टल इंचार्ज का भी नम्बर ब्लॉक कर दिया। इस पर डिप्टी रजिस्ट्रार ने मोहर सिंह से कारण पूछा तो बताया कि नाइट में दस बजे के बाद कोई बिजली कर्मचारी डयूटी ही नहीं करता है। अगर बिजली खराब हो जाती है तो वह सुबह को ठीक करते हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि नाइट डयूटी लगाई जाए और उसका नम्बर उन्हें भी दिया जाए।

टॉयलेट गंदे और पानी नहीं
छात्राओं की समस्या यहीं नहीं खत्म हुई उन्होंने बताया कि टॉयलेट सफाई नहीं होती है। दुर्गंध आती है ऊपर से उसमें पानी तक नहीं आता है। इस कारण उन्हें और समस्या होती है। छात्राओं ने बताया कि टॉयलेट तक टूटी हुई हैं। वहीं वार्डन का कहना था कि छात्राओं की समस्या को लेकर पहले ही अवगत कराया गया था लेकिन समाधान नहीं हो सका।

अफसरों की सुनिए
छात्राओं की समस्या को दूर कराने के लिए वीसी से बात करूंगी ताकि जल्द से जल्द समस्या को दूर किया जा सके। केबल और ट्रांसफार्मर का जो भी नया काम होना है, वह चार जून के बाद ही हो सकेगा। इससे पहले जो समस्या है, उसको भी दूर कराया जा रहा है।
सुनीता यादव, डिप्टी रजिस्ट्रार

हरुनगला सब स्टेशन से ही बिजली कटौती हो रही है। इससे एमजेपीआरयू कैंपस में बिजली की समस्या बनी हुई है। सीनियर को इस बारे में अवगत कराया जा चुका है। डिप्टी रजिस्ट्रार सुनीता यादव ने वीसी से बात कर समस्या दूर कराने का भरोसा दिया है। बिजली कटौती से गल्र्स को समस्या हो रही है।
प्रो। निवेदिता श्रीवास्तव, वार्डन

छात्राओं का दर्द सुनिए
हॉस्टल में बिजली कटौती इतनी अधिक हो रही है कि पानी तक को तरस गए हैं। टॉयलेट गंदे हैं ऊपर से पानी भी नहीं है। कोई सुनने को तैयार नहीं है।
काजल

रात को हॉस्टल में बिजली अक्सर खराब हो जाती है। रात को कोई भी बिजली कर्मचारी डयूटी पर होता है तो उसे कॉल करें तो वह नंबर ब्लॉक कर देता है।
अपूर्वा

बिजली पानी की समस्या से हॉस्टल की छात्राएं जूझ रही हैं। इतनी बड़ी समस्या को लेकर कई बार वार्डन से भी कहा, लेकिन समाधान नहीं हुआ है।
अशरा

हम सभी बाहर के रहने वाले हैं। यहां हमारा कोई रिलेटिव तक नहीं है। हॉस्टल में पानी नहीं है। एग्जाम भी चल रहे हैं, पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
निधि उपाध्याय

बिजली-पानी के साथ हॉस्टल में मच्छर इतने हैं कि सोना दूभर हो जाता है। हम सभी बीमार हो रहे हैं। गर्मी के कारण हॉस्टल में रुकना मुश्किल हो रहा है।
दिव्यांशी

एग्जाम चल रहे हैं। बिजली नहीं आने से स्टडी भी नहीं हो पा रही है। इससे एग्जाम में माक्र्स भी अच्छे कैसे आएंगे। अफसरों को चाहिए कि इस समस्या का जल्दी समाधान कराएं।
निदा