बरेली (ब्यूरो)। बहुत फेमस कोट है, हेल्दी फूड मेक्स बॉडी हेल्दी, लेकिन आजकल कई प्रेग्नेंट वूमेन इसे फॉलो करती दिखाई नहीं देतींं। प्रेगनेंसी के दौरान जंक फूड और अनहेल्दी फूड का ज्यादा से ज्यादा सेवन करती हैैं। इसका सबसे ज्यादा असर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। इसकी वजह से कई बार बेबी अंडर वेट जन्म लेता है। डॉक्टर्स एवं फूड एक्सपट्र्स ऐसी लेडीज को इसके प्रति अवेयर रहने की सलाह देते हैं।

मदर में पोषक तत्व जरूरी
हेल्दी डाइट लेने से मदर और बेबी दोनों ही हेल्दी रहते हैैं, लेकिन आजकल की मदर को बाहर का खाना ही भा रहा है। वे अपनी पूरी प्रेगनेंसी के दौरान भी पिजा, बर्गर, चाऊमीन और अदर जंक फूड का मोह नहीं छोड़ पातीं। बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी डायट को इग्नोर कर वे इस सब का सेवन कर रही हैैं, जिस से उन की हेल्थ पर तो इफेक्ट पड़ता ही है, उनका बेबी भी इस से प्रभावित हो रहा है।

मानसिक विकृत हो सकता है बच्चा
विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्भ में पल रहे बच्चे को पूरी तरह विकसित होने के लिए पोषण की जरूरत होती है, जिससे वह एक प्रॉपर वेट और स्ट्रांग बोन्स के साथ पैदा हो, लेकिन कई मदर ऐसा नहीं करती हैैं। इसकी वजह से कई बार प्रीमेच्योर डिलीवरी तक कराना पड़ जाती है। हेल्दी बच्चे के लिए मदर को प्रॉपर मिनरल्स, विटामिन, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और अमीनो एसिड की रिक्वायरमेंट होती है। ऐसा नहीं करने के कारण कई बार बच्चे की ग्रोथ रुक जाती है। कई बार बच्चे कुपोषित भी पैदा हो जाते हैैं।

अनहेल्दी खाने के नुकसान
डाइटीशियन्स बताते हैं कि जब कभी प्रेगनेंट वूमेन प्रेग्नेंसी के दौरान अनहेल्दी आइटम खाती हैं तो उन्हें खाने को पचाने में दिक्कत होने लगती है। उनका पूरा डाइट सिस्टम बिगड़ जाता है। उन्हें उल्टी, गैस, जी मचलाने की समस्या हो जाती है। जंक फूड वैसे भी काफी हैवी होता है और अगर प्रेगनेंट वूमन ऐसे में जंक फूड खाती हैं तो वेट बढऩे के कारण प्रीमेच्योर डिलीवरी, प्री-एक्लेम्पसिया और मिसकैरेज जैसा खतरा बढ़ जाता है।

जन्म के साथ हो सकती है परेशानी
भारत में बच्चे का स्टैैंडर्ड वेट 2.5 केजी या उससे उपर का है। अगर इससे कम वेट होगा तो वह अंडर वेट की कैटेगिरी में गिना जाता है। ऐसे में बच्चे को जन्म के साथ ही कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। एक रिसर्च के अनुसार अच्छे से आहार नहीं लेने की वजह से बच्चे में बॉडी पार्ट डेवलप होने में दिक्कत हो सकती है।

हेल्दी डाइट में क्या करें शामिल
-ज्यादा से ज्यादा पानी पिए।
-फल और हरी सब्जियों का सेवन करें।
-डाइट में आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड वाली चीजें खाएं।
-दूध, दही और हरी पत्तीदार सब्जियां खाएं।
-डिलीवरी के टाइम सहजन, कीवी, संतरा, चुकंदर खाने से ब्लड की कमी नहीं होती है अत: इसका भी सेवन करें।
-नारियल पानी पीना चाहिए।
-हर दिन तीन से पांच सब्जियां और फल खाएं।
-तीन बार लें मुख्य आहार।
-एक से दो पोषक स्नैक्स खाएं।

हेल्दी डाइट के फायदे
-बहुत ज्यादा वेट बढऩे से रोकता है।
-बच्चे को हेल्दी रखता है।
-मां को एनीमिया और इंफेक्शन से बचाता है।
-प्रीमेच्योर डिलेवरी होने से बचाता है।
-लो वेट बेबी होने की संभावना कम होगी।

महिलाओं को पे्रग्नेंसी के दौरान जंक फूड का सेवन कम करना चाहिए। डाइट में हेल्दी आइटम एड कर लेने चाहिएं, क्योंकि अनहेल्दी खाने से बच्चे को कई परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
डॉ। हिमानी गोयल, गाइनाकोलॉजिस्ट

महिलाएं बाहरी खाने पर ज्यादा फोकस करती हैं। ऐसे में नौ महीने में बच्चे को प्रॉपरली डेवलप होने के लिए खाने की जरूरत होती हैं। उन्हें वह पोषण नहीं मिल पाता है।
पायल, फैमिली प्लानर काउंसलर