बरेली (ब्यूरो)। सौरमंडल में ग्रह की परिक्रमा कर रहे उपग्रहों के बीच ऐसा भी सयम आता है जब एक पर दूसरे की परिछाई पड़ती है। इसे ही ग्रहण कहा जाता है और अब 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्र ग्रहण पडऩे वाला है। बताया गया कि यह साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण होगा।


ग्रहण का धार्मिक पहलू
-ग्रहण शुरू होने से पहले खुद को शुद्ध कर लें।
-ग्रहण काल में भगवान की पूजा पाठ करना शुभ होता है।
-चंद्र ग्रहण में दान करना भी अच्छा माना जाता है।
-ग्रहण खत्म होने के बाद एक बार फिर स्नान करना चाहिए।
-ग्रहण काल के दौरान खाने पीने की चीजों में तुलसी पत्ता डालना चाहिए।


ग्रहण काल का समय
-ग्रहण शुरू-रात 1:5:18 -29
-ग्रहण मध्य-रात 1:44:1
-ग्रहण मोक्ष-रात 2:22:39
पर्वकाल-1:17:21 सेकेण्ड,
ग्रासमान -0126 लगभग 13

दिखेगा चन्द्र ग्रहण
पंडित राजीव शर्मा ने बताया कि भारत में जब 28 अक्टूबर की मध्य रात्रि एक बजकर पांच मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू होगा। उस समय पूरे भारत वर्ष में चंद्र उदय हो चुका होगा। भारत के सभी नगरों में इसका प्रारम्भ मध्य और मोक्ष देखा जा सकेगा।

ग्रहण का सूतक
28 अक्टूबर को इस ग्रहण का सूतक काल शाम चार बजकर पांच मिनट पर शुरू हो जाएगा।

चंद्र ग्रहण कैसे और क्यों होता
पूर्णिमा के दिन जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आएगी तो सूरज की रोशनी चन्द्रमा तक नहीं पहुंच पाएगी। चन्द्रमा के जितने भाग पर पृथ्वी की परिछाई पड़ेगी, उतना भाग डार्क दिखाई देगा। चन्द्र ग्रहण पर चन्द्रमा का यह डार्क वाला भाग देर रात यहां भी दिखाई देगा।