बरेली (ब्यूरो)। कहा जाता है आंख है तो जहान है, नहीं तो दुनिया वीरान है। आंख बिना दुनिया में जीवन कैसा और कितनी दुश्वारियों भरा हो सकता है, आंख वाले इसकी बस कल्पना ही कर सकते हैं। आंखें जितनी सेंस्टिव होती है, उतनी ही इनकी देखभाल में लापरवाही बरती जाती है। डॉक्टर्स कहते हैं कि सर्दी में आंखों की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। जरा सी लापरवाही बरतने पर आंखों को नुकसान भी हो जाता है। जैसे सर्दियों में ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनते हैैं, कानों में हवा न जाए इसके लिए टोपी या मफलर पहनते हैैं, वैसे ही आंखों को सेफ रखने के लिए जरूरी प्रिकॉशन फॉलो करना जरूरी है, क्योंकि ठंड में आंखों में कई तरह की प्रॉब्लम हो जाती हैैं।

डस्ट पार्टिकल्स से परेशानी
सर्दियों में एटमॉसफियर लो रहता है। इसकी वजह से बैड एयर और डस्ट पार्टिकल्स एवापोरेट नहीं हो पाते हैं। इसकी वजह से यह पार्टिकल्स निचले स्तर पर ही सिमट कर रह जाते हैं और हमारी आंखों के लिए नुकसानदायक होते हैं।

कौन-कौन सी होती हैं प्रॉब्लम
सर्दी में आंखों में कई तरह की समस्याएं हाने लगती हैैं। इस मौसम में जब सीत लहर चलती है तो इसका बुरा प्रभाव आखों पर पड़ता है। इससे आंखों से पानी गिरना, खुजली होना, जलन मचना और ड्राइनेस जैसी परेशानियां होने लगती हैैं।

कैसे करें बचाव
आई एक्सपट्र्स बताते हैं कि ठंड में आंखों का ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। खासकर टू व्हीलर चलाते वक्त तो हेलमेट जरूर होना चाहिए। धूप, डस्ट, कोहरा और शीत लहर से आंखों की सुरक्षा के लिए गॉगल्स का भी यूज किया जा सकता है। इसके साथ ही आंखों में जरा सा भी कोई परेशानी महसूस होने पर आई स्पेशलिस्ट के पास जाने में देर नहीं करना चाहिए।

कॉन्टेक्ट लेंस का यूज कम
आंखों को स्टाइलिश दिखाने के लिए लोग कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैैं। वहीं वीक आई वाले भी चश्मे से निजात पाने के लिए भी कॉन्टेक्ट लेंस का यूज करते हैैं। यह ठंड में आंखों को बहुत ही नुकसान देते हैैं, क्योंकि मिनिमम सात से आठ घंटो तक लोग लेंस लगाए रहते हैैं और यह भी हर रोज। इन लेंस के लंबे समय तक आंख में रहने से आंख में रेडनेस की परेशानी हो सकती है।

आंखों को मलने से बचें
ठंड में जब आंखे ड्राय हो जाती हैैं तो इस वजह से आंखों में जलन और खुजली होने लगती है। वहीं लोग बार-बार आंखों को टच करते हैैं। इस वजह से आंखों में जम्र्स, वायरस और गंदगी आसानी से पहुंच जाती हैै। जो बहुत ही नुकसानदायक है।

आई ड्रायनेस की समस्या से बचें
ठंड में बॉडी के साथ-साथ आंखें भी काफी ड्राय हो जाती हैैं। इसकी वजह से आंखों में जो नेचुरल नमी होती है वह सूख जाती है। रूखी हवा के साथ-साथ ठंड में हीटर, ब्लोवर जैसी चीजों का भी इस्तेमाल बढ़ जाता है। इस वजह से भी आंखे ड्राई हो जाती हैैं और इसमें इचिंग होने लगती हैैं। आर्टीफिशयल हीट इक्यूपमेंट्स के ज्यादा यूज से भी बचना चाहिए।

यह होती है प्रॉब्लम
- ड्राय आई
-पलकों में ड्रेनड्रफ
-एलर्जी
-आंखें लाल हो जाना
-जलन व खुजली होना

कैसे ले प्रिकॉशन
आई स्पेशलिस्ट के मुताबिक आंख की परेशानी से बचने के लिए इनमें मॉइस्चर मेनटेन करके रखें। बाइक चलाते वक्त हेलमेट से आंखों को कवर करके रखें। इसके अलावा आंखों में ग्लासेज जरूर लगाएं, जिससे आंखों पर डायरेक्ट हवा न लग पाए। ठंड में बॉडी में पानी की कमी भी हो जाती है। बॉडी पानी भी कम भी मांगती है तो टाइम-टाइम पर पानी पीते रहना चाहिए, जिससे कि बॉडी डिहाइड्रेंट न हो पाए। इसके अलावा लोग खुद से ही डॉक्टर न बनें, थोडी सी परेशानी होने पर जल्द ही डॉक्टर को दिखाए।

ठंड में डस्ट पार्टिकल्स एटमॉस्फियर में निचले स्तर पर ही रहते हैैं। इस वजह से आंखों में एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। लोगों को खुद से ही डॉक्टर नहीं बनना चाहिए और कुछ प्रिकॉशन जरूर लेना चाहिए।
डॉ। मनु बंसल, सीनियर आई स्पेशलिस्ट


ठंड में आंखों को स्पेशल केयर की जरूरत होती है। इस मौसम में थोड़ी सी एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है, जिसके लिए डॉक्टर को दिखाना जरूरी हो जाता है।
डॉ। अक्षत बॉस, आई स्पेशलिस्ट