बरेली (ब्यूरो)। सीबीएसई के बाद अब काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की ओर से भी परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया जा रहा है। यह बदलावा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में आगामी सेशन से प्रभावी होगा। इस बदलाव से जिलें में इस बोर्ड के सैकड़ों स्टूडेंट्स को बड़ी सहूलियत होगी और इसका पॉजिटिव असर उनके रिजल्ट पर भी दिखाई देगा। परीक्षा पैटर्न में वर्ष 2024 से होने वाले बदलाव से 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों में नौ वीं और 11 वीं के प्रश्न शामिल नहीं होगे। यह परीक्षा सिर्फ 10 वीं और 12 वीं के कोर्स पर ही आधारित होगी। बोर्ड ने नौ वीं से 12 वीं तक की क्लासेस के कोर्स को सेप्रेट कर दिया है।

किया गया बदलाव
शहर में सीआईएससीई बोर्ड के स्कूल सेंट जेवियर के प्रिंसिपल आकाश शुक्ला ने बताया कि स्कूलों में अब इसी बदलाव के आधार पर ही पढ़ाई चल रही है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के बाद काउंसिल ने यह निर्णय लिया था। इसके लिए तभी काउंसिल ने कोर्स भी तय कर दिया था। बोर्ड ने अंग्रेजी विषय के नौ वीं और 10वीं का अलग कोर्स जारी कर दिया है। इसके अलावा 11वीं और 12वीं के विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया है।

स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ
इस बोर्ड के टीचर्स का मानना है कि अब नौ वीं से 12वीं तक के क्लास के हिसाब से जो कोर्स होगा उसी के आधार पर परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार होंगे। 2024 में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, वाणिज्य, एकाउंट, इतिहास आदि विषयों की परीक्षा नए पाठ्यक्रम के आधार पर होगी। बताया कि काउंसिल की यह पहल स्टूडेंट्स के हित है। इससे उनका बोझ कम होगा। दो साल की पढ़ाई छात्र-छात्राओं के लिए मुश्किल साबित होती थी। इसके बदलाव से रट्टामार पद्धति भी खत्म होगी।

लिमिट में होगा कोर्स
क्लास के हिसाब जब कोर्स होगा तो इससे स्टूडेंट्स को काफी राहत मिलेगी। उनका स्लेबस कम होगा तो उन्हें स्टडी के लिए ज्यादा समय मिलेगा। इसका फायदा टीचर्स को मिलेगा। वह स्टूडेंट् को क्वालिटी एजुकेशन दे सकेंगे।

नौ वीं से 12वीं तक के कोर्स में जो बदलाव 2024 से होने जा रहा है, उससे स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा। स्टूडेंट्स नए कोर्स से बेहतर स्टडी करेंगे और इससे वह माक्र्स में बेहतर पाएंगे। यह बोर्ड की बहुत ही सकारात्मक पहल है।
आकाश शुक्ला, प्रिंसिपल सेंट जेवियर स्कूल

बोर्ड जो बदलाव कर रहा है, उससे हम सभी स्टूडेंट्स को स्टडी करने में आसानी होगी। अब पहले से बेहतर नंबर आने के चांस रहेंगे। बोर्ड एग्जाम से 9वीं और 11वीं का कोर्स हटने से कोर्स भी लिमिटेड हो जाएगा।
राघव सिंह, स्टूडेंट