बरेली (ब्यूरो)। अगर आप कहीं शॉपिंग मॉल या रेस्टोरेंट में जाते हैं तो आपको सभी जगह जीएसटी नहीं देनी है। कुछ शातिर दुकानदार कस्टमर्स से जीएसटी वसूल रहे हैं। इसके लिए आपको खुद अपडेट रहने की जरूरत है। आप अपने मोबाइल से ही इसकी जांच भी कर सकते हैं। दुकानदार ने अगर कम्पोजीशन का लाभ ले रखा रहा है तो वह किसी भी कस्टमर से जीएसटी नहीं वसूल सकता है। कंपोजीशन का लाभ लेने के बाद भी अगर दुकानदार जीएसटी वसूल रहा है तो आप इसके लिए जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल पोर्टल पर कंप्लेंट कर सकते हैं। इससे उस दुकानदार पर एक्शन हो जाएगा। कस्टमर्स को इसकी जानकारी नहीं होने के कारण दुकानदार जीएसटी के नाम पर कस्टमर्स की जेब काट लेते हैं।

कहीं फर्जी तो नहीं
आप खुद भी किसी दुकानदार के फर्जी जीएसटीएन का पता लगा सकते हैं। कई बार दुकानदार कंपोजीशन का लाभ लेकर फर्जी जीएसटी नंबर डालकर जीएसटी वसूल लेते हैं। इसकी भी आप पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन जांच कर सकते हैं। इसके लिए आपको जीएसटी की वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा। इसमें टैक्सपेयर के ड्रॉप डाउन मेन्यू में जीएसटीएन और यूआईएन क्लिक कर सकते हैं। जीएसटीएन गलत होने पर आपको इनवैलिड जीएसटीएन का मैसेज दिखेगा।

बिल देने से बचते हैं
कंपोजीशन का लाभ लेने के बाद होटल, रेस्त्रां वाले जीएसटी सहित बिल वसूल लेते हैं। वे इसका बिल भी कस्टमर्स को देने से बचते हैं। ऐसे में कस्टमर्स को अवेयर रहने की जरूरत है। अपना बिल दुकानदार से जरूर लें और खुद जांच लें।

कस्टमर्स को नहीं जानकारी
अगर आप कहीं पर शॉपिंग करने के लिए जाते हैं तो वहां पर आपको भारी भरकम बिल चुकाना पड़ता है। कस्टमर्स को जानकारी नहीं है कि उसे हर जगह जीएसटी नहीं चुकानी है। दरअसल जिन व्यापारियों ने सरकार से जीएसटी की कंपोजीशन स्कीम का लाभ ले रखा है, वे अपने कस्टमर्स से जीएसटी नहीं वसूल सकते हैं।

क्या है कंपोजिशन स्कीम
किसी भी वस्तु या सेवा लेने पर हमें केवल उसकी कीमत दुकानदार को देनी होती है। उस पर लगने वाला निर्धारित टैक्स भी सरकार को देना होता है। जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है यानि यह टैक्स हम सरकार को सीधे न देकर व्यापारी के माध्यम से सरकार को देते हैं। छोटे व्यापारियों पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए कंपोजीशन स्कीम का लाभ दिया जाता है। इस स्कीम के तहत व्यापारियों को केवल अपने वार्षिक टर्नओवर पर एक से छह परसेंट हिस्सा जीएसटी के तौर पर सरकार को देना होता है। इसलिए जो भी दुकानदार या व्यापारी कंपोजीशन स्कीम के तहत यह लाभ ले रहे हैं, उन्हें कस्टमर्स से जीएसटी वसूलने की जरूरत नहीं होती है, न ही जीएसटी वसूलने के लिए अनुमति होती है।

बिल पर लिखना जरूरी
जो भी व्यापारी कंपोजीशन का लाभ ले रहे हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से अपने बिल पर &कंपोजीशन टैक्सबल परसन, नॉट इजिबिल टू कलेक्ट टैक्स ऑन सप्लाई&य लिखना होता है। अगर बिल &बिल ऑफ सप्लाई&य पर यह चीज लिखी है तो वह व्यापारी आपसे जीएसटी नहीं मांग सकता है। अगर कहीं आपने पेमेंट की है और यह जानना चाहते हैं कि वह दुकानदार या व्यापारी स्कीम का लाभ ले रहा है या नहीं तो बिल पर लिखे कंपनी के नाम और सीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से आप जानकारी हासिल कर सकते हैं।

ऐसे करें चेक
जीएसटी पोर्टल द्धह्लह्लश्चह्य://222.द्दह्यह्ल.द्दश1.द्बठ्ठ/ सर्च कर टैक्सपेयर पर क्लिक करें। सर्च कांपोजीशन टैक्सपेयर क्लिक करें और राजरू या जीएसटी नंबर के आधार पर उस व्यापारी का स्टेटस चैक करें अगर उसका नाम लिस्ट में है तो उसने बिल में जीएसटी वसूला है। ऐसे में आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए आप जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी पोर्टल द्धह्लह्लश्चह्य://ड्ढद्बह्ल.द्य4/३क्तञ्जष्ठञ्ज्य५ के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं।

टर्नओवर और श्रेणी
नियम के अनुसार वैसे तो रेस्टोरेंट, जहां शराब नहीं परोसी जाती है या फिर वह मैनुफैक्चरर, ट्रेडर और अन्य सेवायें देने वाले छोटे व्यापारियों को इस स्कीम का लाभ मिलता है यानि वो आपसे जीएसटी नहीं वसूल सकते हैं। हालांकि आईस्क्रीम, पान मसाला, गुटखा, ई-कॉमर्स और अंतरराज्यीय व्यापार करने वालों को इस स्कीम का लाभ नहीं मिलता है।

छोटे दुकानदार और बिजनेस करने वालों के लिए यह स्कीम है। यानि जिन दुकानदारों और बिजनेसमैन का ईयरली टर्नओवर कम होता है, उनके लिए कंपोजीशन का लाभ दिया जाता है। कंपोजीशन का लाभ लेने वाले व्यापारी आपसे जीएसटी नहीं वसूल सकते हैं। न ही वे जीएसटी वसूलने का बिल दे सकते हैं।
अनिरुद्ध सिंह, डीसी, जीएसटी