बरेली (ब्यूरो)। ओवर ईटिंग और अनहेल्दी ईटिंग की वजह से लोगों में कई सारी परेशानी बनी ही रहती है। स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी ने लगभग 40 साल लगाकर एक कैंसर पर एक रिसर्च की, इसमें कैंसर होने की मुख्य वजह तलाशी गई। हाल में पब्लिश रिसर्च में पाया गया कि 10 में से चार लोगों को ओबेसिटी की वजह से कैंसर होता है। यह काफी चिंता का विषय है, क्योंकि लोगों में मोटापा काफी तेजी से बढ़ रहा है।

क्या कहती है स्टडी
स्वीडल में माल्मो में लुंड युनिवर्सिटी ने 40 साल तक रिसर्च किया। इस अवधि में 4.1 मिलियन से ज्यादा लोगों के वजन और लाइफस्टाइल की स्टडी की। इसमें बीमारियों के 122 टाइप और सबटाइप की जांच की और मोटापे के संबंध के साथ कैंसर के 32 टाइप को आइडेंटिफाई किया। इस स्टडी में 10 में से चार लोगों को मोटापे की वजह से कैंसर होता है। इस स्टडी में 30 तरह के कैंसर को ओबेसिटी से जोड़ा गया है।

19 तरह के कैंसर
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने 2016 में ब्रेस्ट कैंसर, इंटेसटाइन कैंसर, यूटरस कैंसर सहित 13 तरह के कैंसर को प्वाइंट आउट किया था। इस स्टडी में पहली बार ओबेसिटी से रिलेटिड 19 तरह के कैंसर को प्वाइंट आउट किया गया है। इसमें मोटापे की वजह मेल में कैंसर होने की संभावना 24 प्रतिशत होती है और महिलाओं में कैंसर 13 प्रतिशत बढ़ जाती है

13 कारणों से बनती है वजह
यह सबके लिए जरूरी नहीं कि सभी को कैैंसर हो जाए, लेकिन ज्यादा टाइम तक ओवरवेट या ओबेसिटी हो तो इसकी वजह से 13 तरह के कैंसर हो सकते हैैं। ऐसे में लोगों को सावधानी रखने की जरूरत है।

-ब्रेस्ट कैंसर
-कोलन और रेक्टम कैंसर
-गौलब्लैडर का कैंसर
-अपर स्टमक
-अडेनोकर्सिनोमा ऑफ एसोफेगस
-यूटरस
-किडनी
-लीवर
-ओवरी
-पैनुक्रियाज
-थाएरोइड
-मेनीगियोमा (टाइप ऑफ ब्रेन कैंसर)
-मल्टीपल माइलोमा

कैसे ओबेसिटी बन जाता है कैंसर
बॉडी का लंबे समय तक ओवरवेट रहना और ओबेसिटी से ग्रस्त रहना कैंसर का कारक हो जाता है। मोटापा शरीर में लंबे समय तक रहने वाली सूजन और इंसुलिन के सामान्य स्तर से अधिक, इंसुलिन जैसे विकास कारक और सेक्स हार्मोन सहित परिवर्तन का कारण कैंसर का कारक बन सकता है।

हेल्दी लाइफ स्टाइल
हमारा खानपान ही हमारी सबसे बड़ा दुश्मन है। हेल्दी और न्यूट्रीशियन फूड की जगह पिज्जा, बरगर, बाहर का तला-भुना और अनहेल्दी खाना लोगों को काफी पसंद है। इसकी वजह से लोग कई बार पोषण युक्त खाना खाते ही नहीं हैं। पेरेंट्स हो या युवा वर्ग हर कोई इसी में लगा हुआ है। बाहर के खाने पर डिपेंडेंसी लोगों को कई तरह की बीमारियों से जोड़ रही है। उसी में से एक ओबेसिटी भी है।

पैक्ड फूड से बनाए दूरी
मार्केट में पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड का क्रेज काफी तेजी से बढ़ रहा है। पैक्ड फूड की लाइफलाइन बढ़ाने के लिए कई तरह के कैमिकल्स का इस्तमाल किया जाता है, जो काफी नुकसानदायक है।

फिजिकल एक्सरसाइज जरूरी
लोगों को एक हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करना चाहिए। हेल्दी ईटिंग की वजह से लोग ओबेसिटी की वजह से होने वाली कैंसर से बचा जा सकता है। फिजिकल एक्टिविटी करने से लोग भागते जा रहे हैैं। लोगों हेल्दी खाने से साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए।

क्या है ओबेसिटी और ओवर वेट
ओबेसिटी और ओवर वेट वह बॉडी वेट है जो आइडियल वेट से ज्यादा है। पर्सन की बीएमआई यानी की बॉडी मास इंडेस्क उसके रियल वेट को दर्शाता है। हाइट और वेट से बीएमआई को नापा जाता है।

बीएमआई कैटगिरी
18.5 से कम अडंरवेट
नॉर्मल वेट 18.5 से 24.9 तक होता है
ओवरवेट 25 से लेकर 29.9
ओबेसिटी पर्सन का वेट 30 या फिर 30 से ज्यादा होता है


कैंसर की कई वजह होती है। यह कहा जा सकता है कि उनमें ओबेसिटी भी एक वजह है। ओबेसिटी एक हाई रिस्क फैक्टर होती है। मेरी फील्ड में गले का कैंसर किसी को अगर होता है तो उसका ओबेसिटी एक कारक है।
- डॉ। पुलकित अग्रवाल, ईएनटी एंड कैंसर स्पेशलिस्ट

कैंसर कई वजह से हो सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण लोगों का खान-पान है। लोग हेल्दी फूड की जगह अनहेल्दी डाइट का इस्तमाल कर रहे हैैं, जो कई तरह की बीमारियों को एक्टिव कर देता है।
- डॉ। अभिषेक सिंह, कैंसर स्पेशलिस्ट