बरेली (ब्यूरो)। केस चाहे दुष्कर्म का हो या फिर गोकशी का। हर केस की धाराओं से खेल करने में बरेली पुलिस एक्सपर्ट नजर आ रही है। काी गोतस्करों से दोस्ती निााते हुए उन्हें बचाने के चक्कर में गोकशी के मामले में कटीले तारों से नीलगाय की मौत दर्शाकर अज्ञात किसान पर पशु क्रूरता का मुकदमा दर्ज किया जाता है तो काी नाबालिग मूक बधिर से दुष्कर्म के मामले को छेड़छाड़ में दर्ज कर पुलिस पल्ला झाड़ लेती है। मामला चाहे कैसा ाी हर मामले में अपराधी को बचाने का रास्ता पुलिस तलाश ही लेती है।

आठ दिन में दो मामले
पुलिस की लापरवाही और धाराओं में खेल करने के दो मामले सात दिन सामने आ चुके हैं। छह दिसंबर को भोजीपुरा पुलिस ने गोतस्करों को बचाने के लिए गोकशी की घटना को पशु क्रूरता की धारा 429 में दर्ज कर मामला रफा-दफा कर दिया था। बाद में मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने गोकशी की धारा बढ़ा दी। इसमें एसएसपी आिलेश कुमार चौरसिया ने ाोजीपुरा थाना प्राारी समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था। मंगलवार को शीशगढ़ थाना क्षेत्र का एक युवक अपनी मूक बधिर बच्ची को लेकर पहुंचा और उसने एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि उसकी बच्ची से पड़ोसी ने दुष्कर्म किया। जब उन्होंने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर आरोपित को जेल भेज दिया।

पॉक्सो एक्ट की जगह छेड़छाड़ का मुकदमा
शीशगढ़ थाना क्षेत्र के गांव निवासी युवक मंगलवार को करणी सेना की महिला कार्यकर्ताओं संग एसएसपी कार्यालय पहुंचा और आरोप लगाया कि 25 नवंबर को पड़ोसी चंद्रपाल पुत्र मदनलाल ने उसकी नाबालिग मूक बधिर पुत्री से दुष्कर्म किया। जब वह बंजरिया चौकी पहुंचे तो पुलिस ने लड से सने कपड़े ले लिए और 28 नवंबर को छेड़छाड़ की धारा में मुकदमा दर्ज कर आरोपित को जेल ोज दिया। जब उन्होंने पुत्री से दुष्कर्म होने की बात की तो पुलिस ने उन्हें डांटकर ागा दिया। कहा कि पीडि़ता ने जो बयान एक्सपर्ट के समक्ष दिए हैं, उसी आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। 18 दिन बीतने पर ाी जब न्याय नहीं मिला तो करणी सेना से मदद मांगी। करणी सेना जिलाध्यक्ष सुधा शर्मा, महानगर अध्यक्ष शिवाली श्रीवास्तव समेत तमाम महिला कार्यकर्ताओं ने एसएसपी से पीडि़ता को न्याय दिलाने की मांग की। एसएसपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित थाने फोन कर मामले की जांच करने के निर्देश दिए.एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि पीडि़ता के बयान एक्सपर्ट के समक्ष दर्ज कराने के बाद जो एक्सपर्ट ने बताया उसी आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपित को अरेस्ट कर जेल ोज दिया था। अब परिजन दुष्कर्म की बात कह रहे हैं तो पीडि़ता के परिजनों की सहमति से मेडिकल कराया जाएगा। साथ ही कोर्ट में 164 के बयान दर्ज कराने के बाद अग्रिम कार्रवाई कराई जाएगी।

गोकशी की जगह पशु क्रूरता का मुकदमा
छह दिसंबर को ाोजीपुरा थाना क्षेत्र के गांव अंबरपुर में गोकशी की घटना होने के बाद पुलिस ने गोतस्करों को बचाने के लिए गोकशी की धारा में मुकदमा दर्ज न कर एक अज्ञात किसान के ािलाफ पशु क्रूरता का मुकदमा दर्ज कर दिया था। हिंदू संगठनों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने अगले दिन गोकशी की धारा बढ़ाईं। एसएसपी आिलेश कुमार चौरसिया ने मामले में लापरवाही बरतने और दायित्वों का निवर्हन न करने पर ाोजीपुरा इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।

बोले अधिकारी
शीशगढ़ का मामला संज्ञान में आया है। पीडि़ता के पिता का आरोप है कि पुलिस ने दुष्कर्म का मामला छेड़छाड़ में दर्ज किया है। मामले में विवेचना आी जारी है। पीडि़ता का मेडिकल कराने के साथ ही कोर्ट में 164 के बयान दर्ज कराने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
अखिलेश कुमार चौरसिया, एसएसपी