बरेली (ब्यूरो)। स्टडी करने के लिए कोई टाइम निश्चित नहीं होता है। जब स्टडी करने का मन करें तब स्टूडेंट्स को स्टडी करनी चाहिए। बोर्ड एग्जाम शुरु होने वाले हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को यह ही लगता है किस टाइम स्टडी करें, जिससे सब लर्न हो जाए। एग्जाम पास आते ही स्टूडेंट्स में तनाव का स्तर बढऩे लगता है। साइकोलॉजिस्ट्स के अनुसार स्टडी के समय बीच-बीच में ब्रेक जरूर लेते रहना चाहिए।

पहचानें हाई एनर्जी
हर स्टूडेंट्स को एग्जाम की तैयारी करने से पहले अपनी बॉडी को समझना चाहिए कि किस समय स्टडी करना सबसे अच्छा रहेगा। कुछ स्टूडेंट्स का मन नहीं होता है फिर भी बुक्स लेकर स्टडी करने बैठ जाते है। कोचिंग एक्पट्र्स के अनुसार स्टडी करने से पहले बॉडी को पहचानें कि हाई एनर्जी और लो एनर्जी किस टाइम होती है। हाई एनर्जी में पढ़ाई करने से स्टूडेंट्स को पूरा फायदा मिलता है। लो एनर्जी में स्टडी करने से याद कम हो पाता है।

नियमित योग और फुल नींद
साइकोलॉजिस्ट रविंद्र कुमार ने बताया कि अगर स्टूडेंट्स अच्छे से स्टडी करना चाहते हैं तो उसकेे लिए सबसे जरूरी है शारीरिक रूप से स्वस्थ होना। इसके लिए संतुलित फूड लेने के साथ ही पूरी नींद भी लेनी चाहिए। इससे बॉडी में हमेशा एनर्जी बनी रहती है और स्टडी में मन लगने लगता है तब ही स्टूडेंट्स कामयाब हो पाते हैं।

बीच-बीच में लें ब्रेक
सोशलॉजिस्ट ने बताया कि एग्जाम के टाइम ही स्टूडेंट्स रात-दिन मेहनत करते हैं ताकि अच्छे नंबर आ जाएं। इसके लिए बीच-बीच में ब्रेक भी लेना जरूरी होता है। अगर दो घंटे स्टडी कर रहे हैं तो उसके लिए लगभग 20 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। इससे स्टूडेंट्स का माइंड फ्रेश रहता है और पढ़ाई में मन लगता है। ऐसे में जब दोबारा जब पढऩे बैठेंगे तो अच्छे से स्टडी कर पाएंगे।

पंक्चुअल टाइम नहीं
कोचिंग एक्पट्र्स की मानें तो एग्जाम स्टडी का कोई एक पंक्चुअल टाइम नहीं होता है कि इस ही समय ही तैयारी करनी है। जिस टाइम फुल माइंड पढ़ाई करने को करे, उस ही टाइम अकेले रूम में बैठकर स्टडी करनी चाहिए। तब ही एग्जाम में सक्सेस मिलती है।

बोर्ड एग्जाम हो या कोई और इसके लिए स्टूडेंट्स दिन-रात मेहनत करते हंै। सब यह ही चाहते हैं कि मेरे अच्छे नंबर आएं या मैं यूपी टॉपर बनूं, एग्जाम में तैयारी करने का सही समय मॉर्निग में तीन बजे से सात बजे तक होता है। इस टाइम शोर शराबा नहीं होता, फ्रेश माइंड होता है इसलिए जल्दी याद होता है।
रविंद्र कुमार, मनोविज्ञानी

हर बच्चे में एक जनरल और एक बायोलॉजिकल क्लॉक होती है। हमे उसे समझना चाहिए। बॉडी में तीन घंटे का हाई एनर्जी टाइम और तीन घंटे का लो एनर्जी टाइम होता है। अगर आप हाई एनर्जी टाइम में सिर्फ एक घंटा स्टडी कर लें तो लो एनर्जी टाइम में छह घंटा स्टडी करने के बराबर होता है।
-डॉ। कुलभूषण त्रिपाठी, श्रेष्ठ आईएएस क्लासेज

अगर ऑब्जेक्टिव वाले क्वेश्चन का एग्जाम है तो इस दौरान नाइट में स्टडी करना ज्यादा बेटर रहता है। इस ही तरह अगर क्वेश्चन आंसर करने वाला एग्जाम है तो मॉर्निंग में तैयारी करना सबसे अधिक अच्छा रहता है। स्टडी के बाद रिवीजन जरूर करना चाहिए।
-डॉ। अतुल पटेल, बायोलॉजी टीचर

बोर्ड एग्जाम के दौरान स्टूडेंट्स के लिए साइकोलॉजिस्ट के तौर पर स्टडी का सबसे अच्छा टाइम रात का होता है। टाइम के दौरान स्टूडेंट्स का माइंड शांत रहता है और उन्हें किसी भी विघ्न का समाना नहीं करना पड़ता है। रात में स्टडी करने से स्टूडेंट्स अधिक संगठित और केंद्रित हो सकते है।
-डॉ। हेमा खन्ना, मनोवैज्ञानिक

स्टडी को कोई विशेष समय नहीं होता। जब स्टूडेंट का पूरी तरह पढऩे का मन करे, कहीं इधर-उधर न भटके तब उसे स्टडी के लिए बैठना चाहिए। एकांत स्थान पर स्टडी करें तो और भी अच्छा रहता है।
- अनुराधा गोयल, सोशलॉजिस्ट