बरेली (ब्यूरो)। पांच हजार की रिश्वत लेने के आरोप में एंटी करप्शन की टीम ने मंडे को लेखपाल समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से रिश्वत की रकम मौके पर ही बरामद कर ली गई। नोटों को सील कर दिया गया है। दोनों आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है। पकड़ा गया एक आरोपित चकबंदी लेखपाल तो दूसरा प्राइवेट काम करने वाला लेखपाल का साथी है।

डिस्ट्रिक्ट लैब में पकड़ा
सीओ एंटी करप्शन यशपाल सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर इश्तियाक वारसी के साथ टीम ने बीसलपुर में रिश्वत लेने वाले लेखपाल की फील्डिंग लगाई। बीसलपुर में जसोली गांव के रहने वाले प्रानसुख ने चकबंदी लेखपाल को पांच हजार की रिश्वत दी। इसी दौरान टीम ने लेखपाल संजीव कुमार निवासी गांव नंदनऊ, थाना पटवई, रामपुर और उसके साथ साथी अर्जुन प्रसाद निवासी ग्राम मवइया, थाना बिलसण्डा, पीलीभीत को दोपहर एक बजे ई-डिस्ट्रिक लैब कक्ष तहसील बीसलपुर से गिरफ्तार कर लिया। अर्जुन प्रसाद एक प्राइवेट व्यक्ति है। वह लेखपाल संजीव कुमार के लिये वसूली करता था। पुलिस टीम ने अर्जुन को भी दोषी बनाया है।

डीएम को दी जानकारी
प्रानसुख ने बताया कि उन्होंने खेत की मिटटी उठाने की परमीशन ली थी। लेकिन लेखपाल ने खेत से मिट्टी उठाने पर रोक लगा दी। मिट्टी निकालने के लिए सहयोगी अर्जुन प्रसाद के माध्यम से लेखपाल संजीव कुमार ने चार हजार रुपये व सहयोगी के लिए एक हजार रुपये मांग की गई। मामले की शिकायत एंटी करप्शन के अधिकारियों से की गई थी। इसके बाद सीओ ने पूरे मामले की जांच कराई। डीएम पीलीभीत संजय कुमार से दो सरकारी गवाह लिए। इसके बाद लेखपाल और उसके सहयोगी को रंगे हाथ रिश्वत लेते ट्रैप किया।


तीन हजार रिश्वत लेते प्रशासिनक अधिकारी को पकड़ा

बरेली : सीएमओ ऑफिस मे तैनात प्रशासनिक अधिकारी देवेन्द्र सिंह को एंटी करप्शन की टीम ने तीन हजार की रिश्वत लेते छह जून को पकड़ा था। आरोपित के खिलाफ एंटी करप्शन टीम ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराने के बाद जेल भेज दिया है। देवेन्द्र पेंशनरों से चिकित्सा प्रतिपूर्ति की फाइल पास कराने के नाम पर रिश्वत ले रहा था। शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने आरोपित को पकड़ा तो सीएमओ ऑफिस में हलचल मच गई। सीएमओ ऑफिस में पोस्टेड देवेंद्र सिंह मूल रूप से मुरादाबाद के रामगंगा बिहार कालोनी का निवासी है। वर्तमान में राजेंद्र नगर में रह रहा है। प्रशासनिक पद पर तैनाती के बाद भी उसे चिकित्सा प्रतिपूर्ति रिटायमेंट का पद संभालने के लिए दिया गया था। आरोपित वहां पर आने वाले पेंशनरों से हर फाइल को पास कराने और उसे आगे बढ़ाने के नाम पर रिश्वत लेता था। बीते दिनों इज्जतनगर के आलोक नगर निवासी रामकृष्ण से भी आरोपित ने उनकी फाइल पास कराने के नाम पर तीन हजार रुपये की मांग की थी। जब उन्होंने रुपये देने में असमर्थता जताई तो उनकी फाइल को आगे नहीं बढ़ाया। साथ ही मानसिक रूप से भी परेशान किया। जब उन्हें लगा कि अब उनकी फाइल आगे नहीं बढ़ेगी तो उन्होंने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की। एंटी करप्शन के अधिकारियों ने शिकायत को जांच कराई तो सत्यता पाई गई। इसके बाद ट्रैप सेट किया गया।