यह भी जानें

-30 जुलाई को राज्यसभा में ट्रिपल तलाक विधेयक पास हुआ।

-25 जुलाई को यह विधेयक लोकसभा में पारित हुआ था।

-2017 अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को गैर-कानूनी करार दिया था।

-3 बार लोकसभा में और दो बार राज्यसभा में ट्रिपल तलाक विधेयक अटका

केस.1- समझौता करने आए शौहर ने दिया तलाक

कैंट की रहने वाली सामिया जिया का निकाह तीन साल पहले मो। जीशान से हुआ था। आरोप है कि निकाह के बाद से जीशान उसको दहेज के लिए प्रताडि़त करने लगा। इसी बीच जीशान ने धोखाधड़ी कर उसके नाम से बीस लाख रुपए का लोन ले लिया। विरोध करने पर जीशान व उसके घर वालों ने महिला से मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया। फिर बाद में 23 अक्टूबर को जीशान एक समाजसेवी को लेकर उसके घर पर समझौता करने पहुंचा, लेकिन कहासुनी होने पर तीन तलाक दे दिया। पीडि़ता की शिकायत पर कैंट पुलिस ने आरोपी पर केस दर्ज किया था।

केस:2- फोन कर दिया ट्रिपल तलाक

भोजीपुरा के रहने वाले इकराम खां की बेटी गुलाफ्शां का निकाह छोटे खां के साथ 10 सितम्बर 2017 को हुआ था। निकाह के कुछ दिनों बाद ही छोटे दहेज को लेकर गुलाफ्शां से झगड़ा करने लगा। आरोप है कि साल भर पहले छोटे मियां ने गुलाफ्शां को घर से निकाल दिया फिर बीते 11 अगस्त को कॉल कर तीन तलाक दे दिया। जिसके बाद पीडि़ता ने भोजीपुरा में एफआईआर दर्ज कराई थी।

केस: 3 नाश्ता नहीं मिला तो दिया तलाक

शेरगढ़ के रहने वाले मो। राशिद ने साल भर पहले एक नाबालिग लड़की से निकाह किया था। बीते दस अगस्त को मो। राशिद ने अपनी बीवी को सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि वह टाइम से नाश्ता नहीं बना पाई थी। मामले की शिकायत पर शेरगढ़ पुलिस ने राशिद पर एफआईआर दर्ज की थी।

केस: 4- थाने में दिया तीन तलाक

सिरौली कस्बे के रहने वाली गुलिस्ता का निकाह 11 साल पहले मो। लायक के साथ हुआ था। उनके तीन बच्चे है। गुलिस्तां को जुलाई में घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। इसके बाद उसने सिरौली थाने में शिकायत की थी। बीते 7 अगस्त को काउंसलिंग के दौरान दोनों को बुलाया गया, जहां मो। लायक ने गुलिस्तां को तीन तलाक दे दिया था। उसके बाद सिरौली पुलिस ने गुलिस्तां की शिकायत पर मो। लायक पर रिपोर्ट दर्ज की थी।

-ट्रिपल तलाक का कानून बनने के बाद बरेली जोन में दर्ज हुए छह मामले

-पुलिस सभी मामलों की कर रही जांच, 30 जुलाई को पारित हुआ था ट्रिपल तलाक विधेयक

बरेली : यह चार केस बरेली जोन के ऐसे हैं जो ट्रिपल तलाक विधेयक पास होने के बाद दर्ज हुए हैं। वहीं दो अन्य मामले बारादरी और इज्जतनगर में भी दर्ज हुए हैं। कानून पारित होने के बाद भी ट्रिपल तलाक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आपको बता दें ट्रिपल तलाक मामले में बरेली जोन दूसरे नंबर पर है जबकि मेरठ जोन पहले और आगरा-लखनऊ तीसरे नंबर पर है। अभी हाल ही लखनऊ में आयोजित संवाद के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि यूपी में एक साल में ट्रिपल तलाक के टोटल 273 मामले दर्ज हुए जिसमें बरेली जोन में 68 मामले दर्ज हुए हैं। जबकि मेरठ जोन में 95 और आगरा-लखनऊ जोन में 26-26 मामले दर्ज हुए हैं। वहीं आपको बता दें 30 जुलाई को ट्रिपल तलाक का विधेयक पास होने के बाद भी बरेली जोन में ट्रिपल तलाक के छह मामले दर्ज किए गए हैं। जिन पर पुलिस रिपोर्ट दर्जकर जांच कर रही है।

अभी भी आ रहे मामले

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भी ट्रिपल तलाक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। जिले में शौहर ने बीबी को फोन पर तलाक, नाश्ता में देरी, दहेज की डिमांड पूरी न होने पर तलाक दिए गए। पीडि़ता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों पर एफआईआर भी दर्ज की है।

जोन से जुड़े हैं मशहूर लोग

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक साल में ट्रिपल तलाक के आठ मामले थानों में दर्ज किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के शहर प्रयागराज जोन से भी सात मामले सामने आए हैं। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर से तीन तलाक के 13 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के बरेली जोन में 68 मामले दर्ज हुए हैं। जबकि प्रदेश की राजधानी लखनऊ और ताजनगरी आगरा से 26-26 केस दर्ज हुए हैं।

सुर्खियों में ये केस

उप्र से हटकर शहबानो केस ने तीन तलाक का मुद्दा उठाया था। यूपी में भी शहबानो की तरह ही तीन तलाक के कई केस आए। बरेली जोन में शबीना से लेकर नाजुक जहां, रूहीना, निदा खान जैसी पीडि़ताओं की दर्द भरी कहानी ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।

जोन वायज इतने मामले दर्ज

जोन केस

मेरठ 95

बरेली 68

आगरा 26

लखनऊ 26

कानपुर 20

वाराणसी 08

प्रयागराज 07

गोरखपुर 13

टोटल 273

वर्जन