-राज्यमंत्री व क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रिले का किया शुभारंभ

-ओ¨लपिक में हिस्सा लेने पहुंचे भारतीय दल को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य निकाली रिले

बरेली : टोक्यो ओ¨लपिक का उत्साह बरेली के लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में ओ¨लपिक में भारत का नाम रौशन करने के लिए पहुंचे खिलाडि़यों का हौसला बढ़ाने के लिए निकली जाने वाली जागरूकता रिले का आगाज शुक्रवार को हुआ। खिले चेहरों से भारत माता की जय नारों के साथ जागरूकता रिले के सदस्यों को मशाल और भारत के झंडे के साथ रवाना किया गया।

टोक्यो ओलंपिक में प्रतिभाग कर रहे भारतीय दल को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को खेल जगत फाउंडेशन की ओर से उ.प्र ओलंपिक संघ, उ.प्र स्पेशल ओलंपिक संघ, उ.प्र पैरा ओलंपिक संघ, भारतीय खो खो संघ, खेल विभाग, युवा कल्याण विभाग उ.प्र, खेल जगत आदि के समर्थन प्रदेश में बरेली स्पो‌र्ट्स स्टेडियम से टोक्यो ओलंपिक जागरूकता रिले का शुभारंभ हुआ।

51 जिलों से होकर गुजरेगी

जागरूकता रिले का शुभारंभ राज्यमंत्री जय कुमार सिंह जैकी, राज्यमंत्री महेश चन्द्र गुप्ता, भारतीय ओलंपिक संघ के कोषाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव डा। आनंदेश्वर पांडे ने हरी झंडी दिखाकर किया। क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी जितेंद्र यादव ने बताया कि बरेली से शुरू होकर रिले 51 जिलों से होते हुए 3625 किमी की यूपी टोक्यो ओलंपिक जागरूकता रिले ढोल नगाड़ों के साथ रवाना हुई। इस दौरान जागरूकता रिले के आयोजक व खेल जगत फाउंडेशन के संस्थापक रतन गुप्ता ने राज्य के च्र्वोच्च खेल सम्मान लक्षमण पुरस्कार व च्र्वोच्च युवा सम्मान राज्य विवेकानंद युवा पुरस्कार विजेता रविकांत मिश्रा को बधाई दी। बताया कि इस छह सदस्यीय दल में दीपक, शरद, लखन सिंह, अभिषेक सिंह शामिल रहे।

इन जिलों से गुजरेगी रिले

क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी जितेंद्र यादव ने बताया कि रिले बरेली से शुरू होकर रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, हाथरस, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, कालपी, औरया, जालौन, झांसी, महोबा, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, कानपुर, फतेहपुर, रायबरेली, अमेठी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, भदोही, मि•रापुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़, मुऊ, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीरनगर, बस्ती, अयोध्या, गोंडा, बहराईच, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, होते हुए चार अगस्त को लखनऊ पहुंचकर समाप्त होगी।