-रोजाना डिस्ट्रिक्ट में एक शख्स नशे के साथ होता है गिरफ्तार

-लोकल के साथ दिल्ली, एनसीआर, पंजाब और उत्तराखंड में सप्लाई

बरेली- बरेली में नशे का बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है। यहां लोकल स्तर पर तो तो ड्रग्स की सप्लाई होती है लेकिन यहां से बड़े स्तर पर दिल्ली, एनसीआर, पंजाब और उत्तराखंड में भी नशे का कारोबार किया जाता है। नशा हर किसी को अपनी जद में जकड़ रहा है। मुंबई में एक्टर सुशांत सिंह केस के बाद हर कोई नशे को लेकर जानना चाहता है। इसी को लेकर हम बता रहे हैं कि बरेली में किस तरह से युवा, बच्चे और महिलाएं भी इसकी जद में आ गई हैं। बरेली पुलिस के रिकॉर्ड पर गौर करें तो बरेली में रोजाना एक शख्स ड्रग्स के साथ गिरफ्तार होता है, यह वह हैं, जो इस धंधे में शामिल हैं, लेकिन जो नशा कर रहे हैं, उनकी संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। बरेली में नशे का महीने का कारोबार अनुमानित 10 करोड़ से अधिक का बताया जा रहा है।

नशे की लत में चोरी भी करते हैं

बरेली में नशे की सप्लाई ज्यादातर झारखंड और नेपाल से बिहार के रास्ते होती है। यहां से तस्कर कार या किसी अन्य वाहन में ड्रग्स को छिपाकर लाते हैं और फिर उसे फुटकर में सप्लाई करते हैं। बरेली में चरस, स्मैक और डोडा की ज्यादा डिमांड है। बरेली में किसी भी गली-मोहल्ले में देखा जा सकता है कि नशे की लत लगने के बाद लोग सड़क किनारे बेसुध होकर घूमते हैं। कई बार तो नशे की लत पूरी करने के लिए चोरी की वारदातें भी करते हैं।

महिलाएं भी धंधे में शामिल

ड्रग तस्करी के धंधे में बरेली में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल हैं। कई ऐसे इलाके हैं जहां महिलाओं ने भी धंधा संभाल रखा है। महिलाओं पर लोग आसानी से शक भी नहीं करते हैं। कई बार महिलाएं पकड़ी भी जा चुकी हैं। यहां पर स्मैक, चरस को छोटी-छोटी पुडि़या बनाकर बेचा जाता है। ऐसे में छोटे तस्करों को पकड़ना भी पुलिस के लिए मुश्किल होता है।

बच्चे भी हो रहे शिकार

नशे की लत में कॉलेज के स्टूडेंट तो पड़ ही रहे हैं। बच्चे सबसे पहले गुटखा, तंबाकू और सिगरेट से नशे की शुरुआत शौकिया तौर पर अपने दोस्तों के साथ करते हैं और फिर वह चरस और स्मैक पीने लगते हैं और फिर अपना जीवन खराब कर लेते हैं। कई बार स्कूल के बच्चे भी नशे में शामिल पाए गए हैं। स्कूल के बच्चे या तो व्हाइटनर या फिर नशे की गोली या खांसी का सीरप इस्तेमाल करते हैं। बरेली में पहले भी खांसी के सीरप की गलत तरीके से सप्लाई भी पकड़ी गई थी, जिसमें सामने आया था कि इसे नशे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

पुलिस की भी मिलीभगत

नशे का कारोबार यूं ही बरेली में फल-फुल नहीं रहा है। इस धंधे में कहीं न कहीं पुलिस की भी बड़ी मिलीभगत होती है, तभी तो गली-मोहल्ले में लंबे समय तक ड्रग्स की बिक्री होती है लेकिन कोई एक्शन नहीं लेता है। बारादरी इलाके में एक बार एक महिला के घर दबिश में महिला की मौत के बाद पुलिसकर्मियों के शामिल होने के भी आरोप लगे थे। कुछ दिनों पहले फरीदपुर में ड्रग तस्कर के घर पुलिस कार्रवाई के लिए जेसीबी लेकर पहुंची थी लेकिन ड्रग माफिया को इसकी पहले ही खबर लग गई थी, जिससे साफ था कि कोई पुलिस का भेदिया भी शामिल था।

केस 1

4 करोड़ की स्मैक के साथ पकड़ा

इज्जतनगर पुलिस ने रहपूरा मोड पर टी यू बी कार में गुलाम नबी निवासी गुल्डिया मीरगंज और आसिफ उर्फ असलम निवासी शिकारपुर चौधरी इज्जत नगर को पकड़ लिया गया, जब कार की तालशी ली तो कार से 4 किलो स्मैक मिली, जिसे थैले में छिपाया गया था, ड्रग की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत 4 करोड़ रुपए बताई गई थी

केस 2

अलीगंज पुलिस ने गैनी मार्ग पर वाहन चे¨कग के दौरान एक बाइक पर बैठकर जा रहे तीन युवकों को 600 ग्राम अफीम बरामद के साथ पकड़ा। तस्कर झारखंड के चतरा क्षेत्र का देवेंद्र यादव व धीरेन्द्र यादव के अलावा थाना अलीगंज के ग्राम महोबा का वीरपाल है।

केस 3

किला पुलिस तस्करों के विवाद के बाद बजरिया हाफिजगंज निवासी हसनैन और हरिद्वार निवासी सुमित कश्यप उर्फ शोभित को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 120 ग्राम स्मैक बरामद हुई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत करीब 12 लाख है। एक दिन पहले इनके चार साथियों को 17 किलो डोडा के साथ पकड़ा था।

केस 4

अलीगंज पुलिस ने 700 ग्राम अफीम के साथ अलीगंज निवासी नन्हेलाल, किशन लाल, नेतराम, आंवला निवासी हीरालाल और लुधियाना पंजाब निवासी गुरमीत सिंह, अमर सिंह और जग्गा को गिरफ्तार किया है। सभी बोलेरो कार से चंडीगढ़ ड्रग लेकर जा रहे थे।

केस 5

दिल्ली पुलिस ने मीरगंज की महिला को आधा किलो स्मैक के साथ पकड़ा था। महिला तस्कर की निशानदेही पर दिल्ली एसओजी की टीम ने फतेहगंज पश्चिमी पुलिस के साथ मीरगंज स्थित करीब दर्जनभर स्मैक तस्करों के घर पर छपामारी कार्रवाई की, लेकिन सूचना लीक होने के कारण एक बार फिर तस्कर घरो में ताला डालकर पूरे परिवार के साथ फरार हो गए,

केस 6

एसटीएफ ने फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा के पास कासिम निवासी शामली और साबिर निवासी लोनी गाजियाबाद को पकड़ा था। उनकी कार में पुलिस को पांच किलो चरस मिली थी और 14 किलो अफीम मिली थी। जिसकी कीमत 60 लाख रुपए थी।

वर्ष 2020 में ड्रग तस्कर गिरफ्तार

265 एफआईआर बरेली जिले में एनडीपीएस एक्ट में दर्ज की गई

486 एफआईआर एनडीपीएस की बरेली रेंज में दर्ज की गई

299 अभियुक्त ड्रग तस्करी में गिरफ्तार किए गए

557 ड्रग तस्कर बरेली रेंज में गिरफ्तार किए गए

417 किलो ड्रग्स बरेली जिले में हुआ बरामद

1814 किलो ड्रग्स बरेली रेंज में पकड़ा गया

70 परसेंट अधिक कार्यवाई वर्ष 2020 में एनडीपीएस एक्ट में करवाई की गई

ड्रग्स बरेली डिस्ट्रिक्ट बरेली रेंज

गांजा 55 किलो 64 किलो

चरस 41 किलो 65 किलो

अफीम 35 किलो 45 किलो

डोडा 283 किलो 1960 किलो

अदर 4 किलो 97 किलो

नोट-सभी आंकड़े 1 जनवरी से 15 सिंतबर 2020 तक

ड्रग तस्करी के धंधे में कई लोग शामिल है। पुलिस की टीमें लगातार एक्शन ले रही हैं और कई लेागों की गिरफ्तारियों भी की गई हैं।

राजेश कुमार पांडेय, डीआईजी रेंज