-सुधा मर्डर केस में बंदी ने महिला और बाल अपराध पर बनाई पेंटिंग

-बंदियों के हुनर को संवारने के लिए जेल में कई तरह के दिए जा रहे हैं ट्रेनिंग प्रोग्राम

>BAREILLY: प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। चाहे कितनी भी मुसीबतें हो प्रतिभा निखर कर सामने ही आ जाती है। डिस्ट्रिक्ट जेल में भी कई ऐसे बंदी हैं, जो प्रतिभा के धनी हैं। ऐसे ही मर्डर में बंद एक बंदी की प्रतिभा ने जेल के बंदियों समेत जेल प्रशासन का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। बंदी ने समाज की सबसे बड़ी बुराई महिलाओं पर अत्याचार व बाल अपराध पर पेंटिंग तैयार की हैं। इन पेंटिंग के जरिए वह बैरक के बंदियों में जागरुकता भी बढ़ा रहा है। उसके जैसे कई अन्य बंदी हैं, जो अपने हुनर से भविष्य की नई राहें तलाश रहे हैं।

जेलर ने भी हुनर िदया बढ़ावा

डिस्ट्रिक्ट जेल में सुनील कुमार प्रेमनगर की एफसीआई कालोनी में 2 दिसंबर 2013 को हुए चर्चित सुधा मर्डर केस में आरोपी है। पुलिस ने उसे 22 फरवरी 2014 को गिरफ्तार जेल भेजा था। उसके साथ में उसके सगे भाई को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सुनील ने आठवीं तक की पढ़ाई की है। वह पेंटिंग का काम करता है। जेल में सभी बंदियों की तरह उसे भी ट्रेनिंग दी गई। उसने पेंटिंग में रुचि दिखाई तो उसे विशेष ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग का असर भी अब बैरक में बनी पेंटिंग में दिखने को मिल रहा है।

वॉल पेंटिंग में छिपा है मैसेज

जेल प्रशासन के मुताबिक सुनील ने बैरिक में तीन वॉल पेंटिंग बनाई हैं। वॉल पेंटिंग में उसने महिला और बाल अपराध पर फोकस किया है। उसके दिमाग में इस तरह की पेंटिंग जेल में बंद बंदियों से बातचीत के बाद आई हैं। उसने सभी बंदियों की कहानी सुनी तो पता चला कि किस तरह से महिलाओं और बालकों के प्रति अपराध हो रहे हैं। एक पेंटिंग में उसने दिखाया है कि घर का मुखिया आराम से बैठकर शराब पी रहा है और महिला काम कर रही है। लेकिन इसकी वजह से उसका बच्चा रो रहा है। इसी पेंटिंग में उसने दो महिलाओं के बीच झगड़ा, महिलाओं को दहेज के लिए जला देने और गर्भ में ही बच्चे को मार देने, महिलाओं से रेप व छेड़छाड़ के साथ दिखाया है कि इंसान जैसे राक्षस ने महिलाओं और बच्चियों को जंजीरों में जकड़ लिया है। उसने दूसरी पेंटिंग में दिखाया है कि बदलती लाइफ स्टाइल की वजह से मां-बाप बिजी हैं और बच्चे परेशान हैं। इसके अलावा उसने एक अन्य पेंटिंग बनाई है। जेल में पेंटिंग के अलावा जरी, जरदोजी, फर्नीचर के साथ अन्य कामों की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। पढ़े लिखे बंदियों को कंप्यूटर को भी ट्रेनिंग दी जा रही है।