- अगले माह से महिला हॉस्पिटल में इग्नू के माध्यम से दिया जाएगा प्रशिक्षण

- हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टर देंगे ट्रेनिंग, 6 माह तक चलेगी ट्रेनिंग, योजना तैयार

बरेली : जिले में झोलाछाप के गलत इलाज से आए दिन लोगों की मौतें हो रही है। लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट की चुप्पी के चलते इन झोलाछापों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं। हालांकि हाल ही में हेल्थ डिपार्टमेंट ने 42 झोलाछापों पर कार्रवाई की है। लेकिन अब सीएचओ यानि कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर्स की तैनाती से झोलाछापों के खेल पर अंकुश लग सकेगा।

अगले माह से दी जाएगी ट्रेनिंग

आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी की ओर से महिला हॉस्पिटल में बने सभागार में नर्सिग स्टूडेंट्स को सीएचओ के ब्रिजकोर्स के लिए 6 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी। अगले माह से यह ट्रेनिंग शुरू कर दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद स्टूडेंट्स को इग्नू की ओर से सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।

सीएचसी-पीएचसी पर दी जाएगी तैनाती

ट्रेनिंग के बाद सीएचओ को जिले भर के सीएचसी और पीएचसी में तैनाती दी जाएगी। सीएचओ को ओपीडी में आने वाले मरीजों को प्राइमरी ट्रीटमेंट देने की जिम्मेदारी दी जाएगी। जिससे मरीज झोलाछापों के पास जाने की जगह सीएचसी और पीएचसी पर जाएंगे जिससे उन्हें गलत इलाज का सामना नही करना पड़ेगा।

8 वरिष्ठ डॉक्टर्स देंगे ट्रेनिंग

डिस्ट्रिक्ट मेल और फिमेल दोनों हॉस्पिटल के करीब आठ वरिष्ठ डॉक्टर्स स्टूडेंट्स को हेल्थ की ट्रेनिंग देंगे। जिससे नर्सिग स्टूडेंट्स को पूरी तरह से मरीजों को इलाज देने के लिए परिपक्व किया जा सके।

वर्जन

इग्नू की ओर से नर्सिग स्टूडेंट्स को अगले माह से हॉस्पिटल में ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके लिए सभागार बनाया लिया गया है। यहां प्रशिक्षित हुए सीएचओ को सीएचसी-पीएचसी में तैनात किया जाएगा, जिससे लोग झोलाछाप की जगह यहां पहुंचकर उचित इलाज करा सकें।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस महिला हॉस्पिटल।