बरेली(ब्यूरो)। जिला अस्पताल में एच3एन2 के संदिग्धों की ओपीडी में भीड़ लग रही है। यहां से ले कर प्राइवेट अस्पताल तक हर दिन सर्दी जुकाम, बुखार से पीडि़त मरीज पहुंच रहे हैं। इस के बावजूद अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से मात्र एक ही व्यक्ति का सैंपल लिया गया है। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गाइडलाइन के अनुसार सब का सैंपल लेना अनिवार्य नहीं हैं।

नहीं दे रहे ध्यान
एक तरफ जहां सर्दी जुकाम बुखार से मरीजों की हालत खराब है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सैंपङ्क्षलग की संख्या बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ। एएम अग्रवाल बताते हैं कि इस समय ओपीडी में उनके पास करीब 30 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जो सर्दी, जुकाम व बुखार से जूझ रहे हैं। हालांकि वह बात अलग है कि उन में अब तक गंभीर रोगी सामने नहीं आए हैं, जिस से उन का सैंपल कराया जा सके। उधर प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों का कहना है कि वे अभी सामान्य सर्दी बुखार का इलाज कर रहे हैं। मरीजों को प्रारंभिक उपचार से ही लाभ हो रहा है, इसलिए अभी सैंपङ्क्षलग के लिए नहीं भेज रहे हैं। जिन मरीजों के लक्षण जुकाम, बुखार और खांसी से अलग होते हैं, उन्हें सैंपङ्क्षलग के लिए भेजा जाएगा।

जांच की सुविधा नहीं
प्राइवेट हॉस्पिटल्स के डॉक्टर्स का कहना है कि जिले में जांच की सुविधा नहीं होने के कारण भी समस्या आ रही है। यदि कोई डॉक्टर प्राइवेट लैब से जांच कराएगा तो स्वास्थ्य विभाग उस रिपोर्ट को कोविड की तरह नहीं मानेगा। इसलिए और भी तमाम डॉक्टर्स प्राइवेट लैब से जांच नहीं करवा रहे हैं। हालांकि प्राइवेट लैब से इस की जांच की सुविधा बरेली में नहीं है।

भर्ती पेशेंट्स का ही सैंपल
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ। अखिलेश्वर ङ्क्षसह बताते हैं कि गाइड लाइन में ऐसा कोई नियम नहीं हैं कि सभी लोगों की जांच कराई जाए। गाइड लाइन के अनुसार केवल उन्हीं लोगों की जांच करानी हैं जिनकी हालत गंभीर होगी और उन्हें भर्ती किया गया होगा, क्योंकि इन दिनों एच3एन2 के साथ ही सामान्य वायरल बुखार भी चल रहा है। इसलिए सभी की जांच करना संभव नहीं है। ऐसे में गाइडलाइन के अनुसार ही जांच की जाएगी।

जांच के लिए बनाई जाएंगी तीन स्लाइड्स
एच3एन2 वायरस की जांच के लिए लैब में एक साथ तीन स्लाइड बनाई जांएगी। जिससे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सटीक रिपोर्ट प्राप्त हो सके। एच3एन2 के साथ दो अन्य वायरसों की जांच भी कर ली जाएगी। जिला एपीडेमियोलाजस्टि डा। मीसम अब्बास ने बताया कि पूरे प्रदेश से जिन भी लोगों के सैंपल लिए जाएंगे। लैब में उनकी तीन स्लाइड बनाई जाएगी। पहली स्लाइड में संदिग्ध मरीज की एच1एन1 की जांच होगी। दूसरी स्लाइड में एच3एन2 की जांच होगी और तीसरी स्लाइड में एडिनो वायरस की भी जांच होगी। जिससे यह पता चल सके संक्रमित किस वायरस की चपेट में है। क्योंकि तीनों ही वायरस की चपेट में आने पर लगभग एक जैसे ही लक्षण होते हैं। इसलिए कई बार डाक्टरों को भी सामान्य तौर पर यह पहचानना मुश्किल होता है कि आखिर मरीज किस वायरस की चपेट में हैं। जो आरटीपीसीआर जांच से ही स्पष्ट होगा। डा। मीसम बताते हैं कि यदि मरीज की तीनों स्लाइडों में से किसी एक में भी वह संक्रमित मिलता है तो उसे इंफ्लूएंजा पीडि़त माना जाएगा। शनिवार को भेजेे गए संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट आने में अभी तीन से चार दिनों का समय लग सकता है।