- लालफाटक ओवरब्रिज निर्माण के दौरान अव्यवस्थाओं से हो रही लोगों को दिक्कत

- कच्ची पड़ी है नई सर्विस रोड, क्रा¨सग वाली सर्विस रोड बदहाल होने से उड़ रही धूल

बरेली : लालफाटक क्रा¨सग से निकलना इस भीषण गर्मी में बड़ा कष्टकारी साबित हो रहा है। रेलवे फाटक पर लगने वाला जाम लोगों को रुला रहा है, वही कच्च्चे व टूटे रास्ते पर उठते धूल के गुबार उन्हें लाचार बना रहे हैं। कैंट की ओर बनाई गई सर्विस रोड कच्च्ची होने के कारण वहां भी धूल उड़ रही है। फिलहाल लोगों को जल्द समस्या से निजात मिलती दिखाई नहीं दे रही है।

फोरलेन रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण करने के लिए करीब दो साल पहले वहां मौजूद क्रा¨सग को कुछ दूर किनारों पर शिफ्ट किया गया था। क्रा¨सग शिफ्ट करने के लिए वहां दोनों ओर सर्विस रोड का निर्माण कराया गया। इसके लिए किनारों पर मिट्टी डालकर सड़क बनाई गई। लगातार वाहनों की आवाजाही के चलते यह सर्विस रोड काफी खराब हो चुका है। इसके किनारे कट चुके हैं और कई जगह से सड़क धंस सी गई है। गड्ढे भी इस पर हो गए हैं। इस कारण वाहन यहां डोलते रहते हैं, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। इस मार्ग से निकलने में लोगों को खासी परेशानी होती है।

धूल से परेशान हो रहे लोग

सेतु निगम ने कांधरपुर की ओर से रेलवे क्रा¨सग तक पुल का निर्माण पूरा कर लिया है। बीते दिनों से कैंट क्षेत्र की ओर भी पुल के लिए पाइ¨लग का काम शुरू कराया है। इसके लिए वहां दोनों ओर सर्विस रोड भी बना दी गई है। हालांकि यह अभी पक्की नहीं बनाई गई है। बीच के हिस्से में रेलवे का काम काफी सुस्त गति से चल रहा है। वाहनों के निकलने से वहां धूल के गुबार उठ रहे हैं। भीषण गर्मी में धूल के गुबार लोगों को और परेशान कर रहे हैं।

एनजीटी के निर्देश पर भी पानी का छिड़काव नहीं

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सभी जगह निर्माण कार्यों के स्थानों पर वायु प्रदूषण बचाने के लिए वहां मिट्टी में पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए हैं। इससे मिट्टी से धूल नहीं उड़ेगी। एनजीटी के निर्देश के बावजूद मौके पर पानी का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है। रेलवे क्रा¨सग की सर्विस रोड पर सूखी मिट्टी होने के कारण धूल के गुबार उठ रहे हैं। यह सीधे लोगों को प्रभावित कर रही है।

लोगों से बातीचत

- करीब पांच साल हो गए है, पुल को बनते हुए। अब तक निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। भीषण गर्मी में यहां काफी धूल उड़ रही है, जिससे राहगीर परेशान हैं।

रवि, चनेहटी

- लालफाटक क्रा¨सग में अक्सर फाटक बंद रहता है, जिस कारण जाम की समस्या बनी रहती है। यहां से निकलने में लोगों को खारी परेशानी होती है।

मो। अशरफ, कांधरपुर

- काम के सिलसिले में अक्सर लालफाटक क्रा¨सग से निकलना पड़ता है। हर बार जाम में फंस जाने से काफी समय खराब हो जाता है।

आकाश, जनकपुरी

- घर के काम से शहर की ओर जाना पड़ता है। लालफाटक के जाम के कारण समय से पहले निकलना पड़ता है। जाम लगा हो तो समस्या बढ़ जाती है।

प्रिया गोस्वामी, रामेश्वरम धाम

धूल के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। रोजाना पानी का एक टैंकर इसी काम में लगा रहता है। गर्मी को देखते हुए उसके राउंड बढ़ाए जाएंगे।

देवेंद्र सिंह, मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम