बरेली (ब्यूरो)। किसी भी शहर की सडक़ें वहां के डवलपमेंट का आइना तो होती हैं, वहां के लिविंग स्टैंडर्ड, पॉलटीशियंस की एक्टिवनेस के साथ वहां की प्रशासनिक व्यवस्था की स्थिति को भी दर्शाती हैं। बरेली शहर की सडक़ों की जैसी स्थिति है, वह इस स्मार्ट सिटी की इमेज से मेल नहीं खाती हैं। शहर की मुख्य सडक़ों पर लोगों का सफर कितना सुरक्षित है और इन सडक़ों से शहर की इमेज कैसी बनती है, इस पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने संडे को पीलीभीत बाईपास रोड के डिवाइडर का हाल देखा तो स्थिति हैरतअंगेज करने वाली थी। इस डिवाइडर के मनचाहे कट लोगों की जिंदगी के लिए किसी शॉर्टकट से कम नजर नहीं आए। इन शॉर्टकट्स की वजह से जाने कितने लोग जान गंवा चुके हैं। इसके साथ ही कई लोग घायल भी हो चुके हैं।

सात किलोमीटर में 36 कट
पीलीभीत बाईपास रोड कभी नेशनल हाईवे का हिस्सा रहा, पर अब यह स्टेट हाईवे है। ट्रैफिक लोड बढऩे पर इस रोड को डिवाइडर से वन-वे किया गया। वर्तमान में इस रोड पर सैटेलाइट से पीलीभीत की ओर सात किलोमीटर दूरी तक डिवाइडर बना हुआ है। इस रोड पर यह डिवाइडर यूं तो सुरक्षित सफर के लिए बनाया गया, पर अब डिवाइडर के अवैध कट लोगों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। इस रोड पर सैटेलाइट से आशुतोष सिटी तक सात किलोमीटर लंबे डिवाइडर में 36 अवैध कट हैं।

मनचाहे जगह पर बन गए कट
किसी भी रोड के डिवाइडर पर मनचाहे कट नहीं हो सकते हैं, पर पीलीभीत बाईपास रोड के डिवाइडर के अधिकांश कट मनचाहे हैं। इनमें से कई कट डिवाइडर के टूटने से बना लिए गए हैं तो कई कट लोगों ने अपनी सुविधा के लिए डिवाइडर को तोडकऱ बना लिए हैं। इन कट से पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी अंजान बने हुए हैं। यह अवैध हादसे की भी वजह बन रहे हैं।

लोगों की बात
पीलीभीत बाईपास रोड के डिवाइडर पर जहां-तहां कट बना लिए गए हैं। कई वाहन चालक रोड पर ट्रैफिक को नजरंदाज कर इन कट से सडक़ क्रास करने की कोशिश करते हैं। इससे हादसे की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इससे कोई वास्ता नहीं है।
दीपेंद्र कुमार

सडक़ों पर डिवाइडर तो बनाए जा रहे हैं, पर इनमें मानक फॉलो नहीं किए जाते हैं। यही वजह है डिवाइडर पर जहां-तहां मनचाहे कट बना लिए जाते हैं। इससे डिवाइडर की इंपोर्टेंस तक खत्म हो जाती है। पीलीभीत बाईपास रोड पर यह ही हाल है। इस रोड पर चौराहों के अलावा दर्जनों कट बना लिए गए हैं। इससे अक्सर हादसे भी होते रहते हैं।
नवनीत सक्सेना

बोले अधिकारी
हाईवेज के डिवाइडर में कट्स को लेकर तो मानक फॉलो किए जाते हैं, पर शहर की सडक़ों के डिवाइडर में कट्स जरूरत के मुताबिक ही होते हैं। इसके बाद भी डिवाइडर पर मनचाहे कट्स नहीं बनाए जा सकते हैं। पीलीभीत बाईपास रोड के डिवाइडर पर गलत तरीके से बनाए गए कट्स को बंद कराया जाएगा।
नारायण सिंह, एक्जक्यूटिव इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी


केस 1
31 मई को फतेहगंज पश्चिमी में शंखा पुल के पास डिवाइडर पार करते समय एंबुलेंस की डीसीएम से टक्कर हो गई थी। एंबुलेंस में कुल सात लोग घायल हुए थे। इनमें चार महिलाएं व तीन पुरुष थे। वे सब पीलीभीत के रहने वाले थे, जो दिल्ली स्थित एम्स हॉस्पिटल से जांच करवा कर वापस घर लौट रहे थे।


केस 2
छह नवंबर को एक हादसा फरीदपुर के पास हुआ। आलमपुर गजरौला के रहने वाले चुन्नीलाल के पुत्र आकाश (18) और अभिषेक (10) बाइक से घर से निकले थे। वे फरीदपुर हाईवे पर डिवाइडर पर बने कट पर खड़े होकर रोड क्रॉस करने का इंतजार कर रहे थे। इतने में दिल्ली की तरफ से आ रहे ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए। दुर्र्घटना में अभिषेक और आकाश की मौके पर ही मौत हो गई।

केस 3
28 अगस्त को भी डिवाइडर कट पर बड़ा हादसा हुआ। यह हादसा बहेड़ी थाना क्षेत्रांतर्गत सिरसा चौकी क्षेत्र में किच्छा-बहेड़ी मार्ग पर हुआ। इसमें एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर कुछ लाग किसी कार्य से हीं पर जा रहे थे। डिवाइडर के कट को पार करते समय अचानक तेजी से आ रहे कैंटर ने टक्कर मार दी, जिससे छह लोगों की डेथ हो गई, जबकि 25 लाग घायल हुए थे.,


केस 4
पांचवीं दुर्घटना 22 जून को बड़ा बाईपास स्थित लालपुर चौराहा के निकट स्थित बेतरतीब कट पर हुई। कट के इधर-उधर डिवाइडर के दोनों सिरे आमने-सामने एक सीध में नहीं हैं, बल्कि उनके बीच करीब डेढ़ मीटर का फर्क है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि तेज रफ्तार से दौड़ रही कार के सामने अचानक डिवाइडर आया तो ड्राइवर कार को संभाल नहीं पाया। उसने तेज ब्रेक लगाए, लेकिन कार काफी स्पीड में डिवाइडर से टकराई। इससे उसका एक टायर फट गया और वह दूसरी लेन में जाकर सामने से आ रहे ट्रक से जा टकराई। इस दौरान कार में सवार पांच दोस्तों की मौत हुई थी,