(बरेली ब्यूरो)। कोरोना की तीसरी लहर की अब तक की स्थिति भले ही चिंताजनक न हो, पर सावधान करने वाली जरूर है। ओमिक्रोन के खतरे के साथ आई इस लहर का मिजाज इससे पहले आई लहरों से बिलकुल जुदा नजर आ रहा है। जिले में कोरोना की स्थिति की निगरानी की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ। अनुराग गौतम बताते हैं कि इस लहर में इंफेक्टिविटी अर्थात संक्रमण फैलने का खतरा पहले से ज्यादा है। यही वजह है कि अब हर दिन पॉजिटिव केसेस की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीच राहत की बात यह है कि इस लहर में सेवेरिटी यानी पेशेंट की स्थिति गंभीर होने का खतरा पहली और दूसरी लहर की अपेक्षा बहुत कम है। इसके चलते ही अब तक किसी भी पेंशेंट को गंभरी स्थिति में हॉस्पिटलाइज करने की जरूरत नहीं पड़ी है।

पूरा परिवार निकल रहा है संक्रमित
कोरोना की तीसरी लहर में इंफेक्टिविटी अधिक होने का ही परिणाम है कि परिवार के किसी सदस्य के पॉजिटिव होने पर पूरा परिवार ही पॉजिटिव हो रहा है। इस संबंध में डॉ। अनुराग बताते हैं कि कोरोना पॉजिटिव के कांटेक्ट में आए लोगों के पॉजिटिव निकलने पर इस बात की पुष्टि की जा सकती है। उन्होंने बताया कि पहली लहर में इंफेक्टिविटी सबसे कम रही थी, वहीं दूसरी लहर में सेवेरिटी बहुत अधिक रही थी, पर इस लहर में इंफेक्टिविटी अधिक है।

संक्रमण की चपेट में बच्चे
इस लहर में इंफेक्टिविटी अधिक होने का खतरा बच्चों पर भी पड़ रहा है। यही वजह है कि अब हर दिन पॉजिटिव केसेस में बच्चे व किशोर भी शामिल हैं। डॉ। अनुराग बताते हैं कि पहली व दूसरी लहर में बच्चे व किशोर संक्रमण से बचे हुए थे। अब बच्चे व किशोर भी संक्रमित निकल रहे हैं। इस लहर में इंफेक्टिविटी अधिक होना इसकी एक बड़ी वजह है। जिले में 10जनवरी को 15 साल तक के पॉजिटिव बच्चों व किशारों की संख्या 13 थी तो 11 जनवरी को इनकी संख्या 8 थी। इनमें एक साल का मासूम भी शामिल था।

पॉजिटिविटी रेट अंडर कंट्रोल
कोरोना की तीसरी लहर में अब तक स्थिति सामान्य है। इसका आंकलन जिले के पॉजिटिविटी रेट से लगाया जा सकता है। डॉ। अनुराग ने बताया कि एक से 10 जनवरी तक की कोरोना सैंपलिंग और पॉजिटिव केसेस की संख्या के आधार पर जिले में पॉजिटिविटी रेट 2.6 व रिकवरी रेट 98 परसेंट रहा। जिले में सबसे अधिक पॉजिटिविटी रेट दूसरी लहर के पीक में रहा था। यह पीक बीते वर्ष अप्रैल व मई में रहा था। डॉ। अनुराग ने बताया कि तब जिले में पॉजिटिविटी रेट 4.5 के करीब रहा था।

बेबी पॉजिटिव तो भी फीडिंग कराए मां
इस लहर में मासूम भी कोरोना पॉजिटिव निकल रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनकी देखभाल करना परिवार के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है। डॉ। अनुराग ने बताया कि अगर किसी परिवार में कोई बच्चा पॉजिटिव हो तो उस परिवार के लोगों को खुद बचाव के उपाय अपनाने चाहिए। बच्चों को हर वक्त मास्क में रखना मुमकिन नहीं होने से परिजनों को घर में मास्क यूज करना चाहिए। मदर को भी चाहिए कि वह खुद मास्क और अन्य जरूरी एहतियात बरत कर बेबी को फीडिंग कराए।

फैक्ट फाइल 12 जनवरी
4075: कुल सैंपलिंग
142 : पॉजिटिव
943 : एक्टिव केसेस
06 : डिस्चार्ज