-मलेरिया और डेंगू की अधिक से अधिक जांचों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयार की हैं 62 टीमें

बरेली : प्रदेश में अब मलेरिया और डेंगू ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। जिले में भी मलेरिया के दर्जनों केस सामने आ चुके हैं। दो दिन पहले दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सरकारी ऑफिसेज का रियलिटी चेक कर मलेरिया और डेंगू को लेकर आगाह किया था। इसके बाद मलेरिया और डेंगू बीमारी फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा खोजकर उन्हें नष्ट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डोमेस्टिक ब्री¨डग चेकर्स (डीबीसी) को मंगलवार से जमीन पर उतार दिया। 62 डोमेस्टिक ब्री¨डग चेकर्स को जिले के अलग-अलग हिस्सों में मच्छरों का लार्वा नष्ट करने की जिम्मेदारी दी गई है। टीम ने घर या बाहर इधर-उधर जमा पानी के स्त्रोतों पर मच्छरों का लार्वा नष्ट किया। वहीं, लोगों को पानी का जमाव रोकने से रोकने के लिए जागरूक भी किया। वहीं आशाओं व 1500 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक करने के लिए लगाया गया है।

शहर में 20, रूरल में 42 डीबीसी

शहरी क्षेत्र में 20 जगह और ग्रामीण इलाकों में 42 जगह प्रशिक्षित डोमेस्टिक ब्री¨डग चेकर घूम-घूमकर डेंगू और मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों का लार्वा खत्म करने के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव शुरू किया। पूर्व में डेंगू और मलेरिया के लिहाज से संवेदनशील रहे इलाकों में सुभाष नगर व ग्रामीण इलाकों में भमौरा, मीरगंज, धौराटांडा और बहेड़ी में टीमों ने मलेरिया और डेंगू फैलाने वच्ले मच्छरों के लार्वा खोजकर नष्ट किए।

जिले में भयावह रहे हैं हालात

वर्ष 2018 में 37,426 केस मलेरिया के मिले थे। वहीं अगले साल यानी वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 46,417 पर पहुंच गया था। इसके बाद से मलेरिया के केस में गिरावट आई। वर्ष 2020 में मलेरिया के 11,682 मरीज ही जिले भर में पाए गए थे। वहीं, इस साल अभी तक करीब डेढ़ हजार केस सामने आए हैं।

मलेरिया के केस पिछले साल से तुलना में फिलहाल काफी कम हैं। हालात और दुरुस्त रहें, इसके लिए 62 डोमेस्टिक ब्री¨डग चेकर्स की टीमों को जांच के लिए लगाया है। मंगलवार को टीम ने कई जगह जांच भी की है।

- डा। देशराज सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी