- स्वजन अस्पताल में अपना मरीज ढूंढते रहे, श्मशान में एंबुलेंस चालक से भी स्वजनों की हुई नोंकझोंक

बरेली : कोविड संक्रमण से अपनों की मौत की दुख क्या कम है कि अब स्वजनों को उनके शव ढूंढने में भी मशक्कत करनी पड़ रही है। कोविड के बेकाबू होते हालात में पीलीभीत रोड के अपेक्स अस्पताल में वार्ड ब्वाय की गलती ने एक परिवार को इस दुख के करीब लाकर खड़ा कर दिया। कोविड संक्रमण से मौत के बाद परिवार एक नजर शव को देखना चाहते थे। बहुत खुशामद के बाद जब स्टॉफ ने उन्हें शव दिखाया तो परिवार के सदस्य हैरान रह गए, क्योंकि वो शव उनके शख्स का नहीं था। इसके बाद दो घंटे हंगामा हुआ, पूछताछ के बाद सामने आया कि उनका शव संजयनगर के श्मशान घाट में लावारिस समझकर एंबुलेंस से भेजा गया है। परिजन श्मशानघाट दौड़ पड़े। वहां चिता पर शव रखा मिला। एंबुलेंस वाले से नोकझोक करते हुए स्वजनों ने शव को अपने कब्जे में लिया। इसके बाद गुलाबबाड़ी श्मशानघाट ले जाकर दाह संस्कार किया।

कटरा चांद खां निवासी ललित गुप्ता के मुताबिक बुधवार को वह अपने जीजा हरिश्चंद्र को लेकर अपेक्स अस्पताल पहुंचे। शाम तक उनका इलाज चला। गुरुवार को तड़के उन्होंने दम तोड़ दिया। लेकिन अस्पताल में किसी ने भी उनके परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी नहीं दी। सुबह जब उन्होंने वार्ड के बेड पर अपने मरीज को नहीं देखा तो अस्पताल में प्रबंधन से बात की। मामले की जानकारी देने से कुछ देर तो अस्पताल प्रबंधन बचता रहा। बाद में उन्हें एक शव को सौंपा जाने लगा। जब उन्होंने प्लास्टिक का कवर हटाकर चेहरा दिखाने के लिए कहा, तब जाकर हकीकत सामने आई। क्योंकि कवर के अंदर 60 साल के बुजुर्ग थे। शव बदल जाने पर हंगामे ने तूल पकड़ लिया। बाद में जानकारी हुई कि उनके शव को संजयनगर स्थित श्मशान घाट पहुंचा दिया गया है। परिजन श्मशान पहुंचे और वहां फिर एबुंलेंस चालक से परिजनों में नोकझोंक हुई। मौके पर पुलिस ने पहुंच कर मामले को शांत कराया। परिजन संजयनगर स्थित श्मशान से शव लेकर गुलाबबाड़ी स्थित श्मशान घाट पहुंचे और वहां अंतिम संस्कार किया।