-केमिकल यूज न होने की वजह से ऑर्गेनिक फूड फायदेमंद

-आर्गेनिक सब्जी, फल और अंडे का दिख रहा क्रेज

बरेली: कोरोना काल में इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए अब बरेलियंस ने आर्गेनिक की ओर रूख किया है। इतना ही नहीं अब लोगों को आर्गेनिक सब्जी, फल और अंडा यूज करने के लिए डॉक्टर भी सलाह दे रहे हैं। एक्सप‌र्ट्स और डॉक्टर्स का मानना है कि आर्गेनिक फूड स्वास्थ्य के साथ इम्यूनिटी को भी बूस्ट करती है।

क्या है ऑर्गैनिक फूड

ऑर्गैनिक फूड वे फूड आइट्म होते हैं, जो केमिकल-फ्री होते हैं। इनमें किसी तरह के पेस्टिसाइड्स या रासायनिक खाद इस्तेमाल नहीं होता। इन फल और सब्जियों की उपज के दौरान उनका आकार बढ़ाने या वक्त से पहले पकाने के लिए किसी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसे जैविक खेती भी कहा जाता है। ऑर्गैनिक फूड ऑर्गैनिक फार्म में उगाए जाते हैं। वैसे, आम फूड आइटम्स और ऑर्गैनिक फूड आइटम्स के बीच फर्क कर पाना मुश्किल है क्योंकि रंग और आकार में ये एक जैसे ही दिखते हैं।

ऐसे पहचानें

बाजार में तमाम तरह के फल और सब्जियां उपलब्ध हैं, जो देखने में कुछ ज्यादा ही फ्रेश लगते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे ऑर्गैनिक हैं। ऑर्गैनिक फूड आइटम्स सर्टिफाइड होते हैं या छपे होते हैं। इन पर सर्टिफाइड स्टिकर्स लगे होते हैं या छपे होते हैं। इनका स्वाद भी नॉर्मल फूड से थोड़ा अलग होता है। ऑर्गैनिक मसालों की गंध नॉर्मल मसालों की तुलना में तेज होती है। इसी तरह ऑर्गैनिक सब्जियां गलने में ज्यादा टाइम नहीं लेतीं। जल्दी पक जाती हैं।

ये हैं खासियतें

ऑर्गैनिक फूड्स में आमतौर पर जहरीले तत्व नहीं होते क्योंकि इनमें केमिकल्स, पेस्टिसाइड्स, ड्रग्स, प्रिजर्वेटिव जैसी नुकसान पहुंचाने वाली चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। आम फूड आइटम्स में पेस्टिसाइड्स यूज किए जाते हैं। ज्यादातर पेस्टिसाइड्स में ऑर्गेनो-फॉस्फोरस जैसे केमिकल होते हैं, जिनसे कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सेहत के लिए फायदेमंद

1. पारंपरिक फूड के मुकाबले ऑर्गैनिक फूड आइटम्स में 10 से 50 फीसदी तक अधिक पौष्टिक तत्व होते हैं। इसमें विटमिन, मिनरल्स, प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन भी ज्यादा होते हैं। इनमें मौजूद न्यूट्रिशंस दिल की बीमारी, माइग्रेन, ब्लड प्रेशर, डायबीटीज और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाते हैं।

2. ऑर्गैनिक फा‌र्म्स में उपजाए जाने वाले फलों और सब्जियों में ज्यादा एंटि-ऑक्सिडेंट्स होते हैं क्योंकि इनमें पेस्टिसाइड्स नहीं होते इसलिए ऐसे पोषक तत्व बरकरार रहते हैं जो आपकी सेहत के लिए अच्छे हैं और आपको बीमारियों से बचाते हैं।

3. ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और स्किन में निखार लाने में मदद करते हैं। ये शरीर में चर्बी नहीं बढ़ने देते क्योंकि ऑर्गैनिक फूड को प्रोसेस्ड करते वक्त सैचुरेटेड फेट का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इनसे मोटापा नहीं बढ़ता। ये सुरक्षित भी लंबे समय तक रहते हैं।

4. ऑर्गैनिक फूड में आम तरीके से उगाई जानेवाली फसल के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व होते हैं क्योंकि इन्हें जिस मिट्टी में उगाया जाता है, वह अधिक उपजाऊ होती है।

5. ऑर्गैनिक खेती शुरू करने से पहले जमीन को 2 साल के लिए खाली छोड़ा जाता है ताकि मिट्टी में पहले से मिले पेस्टिसाइड्स का असर पूरी तरह खत्म हो सकते। इस वजह से इन उत्पादों में विटमिन और मिनरल अधिक होते हैं।

6. आजकल लोगों में एंटि-बायॉटिक को लेकर प्रतिरोध बढ़ रहा है। इसकी वजह जरूरत न पड़ने पर भी एंटि-बायॉटिक लेने के अलावा उन चीजों का सेवन भी है, जो हम खाते हैं क्योंकि उन्हें खराब होने से बचाने के लिए एंटि-बायॉटिक दिए जाते हैं। जब हम ऐसी चीजों को खाते हैं तो हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। ऑर्गैनिक फूड्स की वजह से इस नुकसान से हम बच जाते हैं।

मुर्गी पालन पर विशेष ध्यान

शहर में जहां आर्गेनिक खेती को लोग बढ़ावा दे रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने खास नस्ल की मुर्गी का पालन भी शुरू किया है। बरेली के फार्म के ओनर बताते हैं कि पहले वह नार्मल नस्ल की मुर्गी का ही पालन करते थे। लेकिन इस वक्त खास नस्ल की मुर्गी पालन कर रहे हैं उनके खान पान को आर्गेनिक किया है ताकि अंडा भी आर्गेनिक मुहैया हो सके। कहा जाए कि अब कोरेाना काल में आर्गेनिक अंडे की डिमांड डेढ़ गुना तक बढ़ गई है। जबकि आर्गेनिक अंडे की डिमांड कुछ समय पहले ही नाममात्र की होती थी।

मुर्गियों को आर्गेनिक दाना

मुर्गी पालन फार्म हाउस ओनर्स का कहना है कि वह अपने यहां पर जो भी मुर्गी पाल रहे हैं वह विशेष नस्ल की हैं। जिसमें मुर्गियों को दाना आदि पूरी तरह आर्गेनिक दिया जा रहा है ताकि मुर्गी का अंडा आर्गेनिक मिले। इसके लिए काफी डिमांड भी है।

फसलों में भी जैविक खाद

जहां एक तरफ आर्गेनिक अंडा तो वहीं अब किसान आर्गेनिक खेती को बढ़ा रहे हैं तो वहीं जैविक खाद का भी फसल उगाने में प्रयोग कर रहे हैं। यहां तक कि खरपतवार नाशक के लिए जैविक का यूज कर रहे हैं।

-अब इंसान जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है, जैविक कीटनाशक आदि यूज कर रहा है इससे कहीं न कहीं इंसान की बीमारी से बचाव होगा। रासायनिक कीटनाशक इतने नुकसान दायक होते हैं कि वह इंसान को बीमारी की ओर ले जाते हैं।

डॉ। अजय मोहन अग्रवाल, सीनियर फिजिशियन, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

आर्गेनिक फसल कैमिकल फ्री फसल उगाना ही अर्गेनिक है। रासायनिक कैमिकल आदि यूज करते हैं वह पौधे कहीं न कहीं अपने अंदर भी अवशेषित कर लेते हैं, और अगर हम ऐसी कैमिकल वाली फसल यूज करते हैं तो वह हमारे लिए नुकसानदाय है.क्योंकि पेस्टीसाइड असर खत्म होने में वर्षो लग जाते हैं।

डॉ। आलोक खरे, पर्यावरणविद्

कोरोना काल ही नहीं हम तो वैसे भी आर्गेनिक सब्जियां अधिक पसंद करते हैं। लेकिन कई बार अवेलेबल नहीं होने के चलते प्रॉब्लम होती है। इसके लिए आर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन बढ़ाया जाए।

नंद किशोर

-हमारे यहां मुर्गी की कुछ खास नस्ल हैं जिनको पाला जा रहा है। कोरोना काल में आर्गेनिक अंडा की डिमांड अधिक बढ़ी है। यहां तक कि आर्गेनिक अंडे की डिमांड इस वक्त पहले से काफी बढ़ गई है।

संजय, फार्म ओनर