- वेडनसडे सुबह मुरादाबाद की ट्रेन पकड़ने को घर से रेलवे जंक्शन जाने के लिए निकली थीं मां-बेटी

- चौपुला के पास पुलिया पर पीछे से आ रही ट्रेन की चपेट में आने से हुआ हादसा

बरेली। जल्दबाजी और रुपये बचाने के लालच की कीमत अक्सर लोगों को अपनी जान देकर गंवानी पड़ती है। इसके बावजूद इन हादसों से लोग सीख लेने के बजाए इन्हें नजरअंदाज कर दोबारा खुद वही गलती करने पर उतारू रहते हैं। ऐसे ही एक हादसा चौपुला रेलवे क्रासिंग पर वेडनसडे तड़के फिर हुआ। पब्लिक कनवेंस लेने की जगह एक मां-बेटी रेलवे ट्रैक होते-होते रेलवे जंक्शन पहुंचने को चल पड़े। चौपुला पुलिया के पास अचानक पीछे से आई ट्रेन ने उन्हें चपेट में ले लिया। हादसे में बेटी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गई, जिनका इलाज के निजी अस्पताल में चल रहा है।

मुरादाबाद जाने को निकली थी मां-बेटी

सुभाषनगर पुलिस ने बताया कि घटना वेडनसडे सुबह करीब साढे़ चार से पांच बजे के बीच की है। मढ़ीनाथ की रहने वाली रूमा सरकार अपनी बेटी रूपाली सरकार के साथ मुरादाबाद जाने के लिए घर से निकली थीं। रूमा मुरादाबाद अपनी तहेरी बहन के घर होली मिलने जा रही थीं। जंक्शन से उन्हें ट्रेन पकड़नी थी। घर से निकलने के बाद वह पैदल ही रेलवे ट्रैक से होकर रेलवे जंक्शन जाने लगी। चौपुला चौराहे के पास रेलवे पुलिया से गुजरते वक्त अचानक पीछे से एक ट्रेन आ गई, जिसने दोनों को चपेट में ले लिया। हादसे में बेटी रूपाली (24) की मौत हो गई वहीं रूमा (45) गंभीर रूप से घायल हो गई। वहां से गुजर रहे लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रूमा को जिला अस्पताल भेजा, जहां से हालत गंभीर होने पर उन्हें सिविल लाइंस स्थित एक निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं युवती के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।

बहन से हुई थी आखिरी बात

सुभाषनगर पुलिस के मुताबिक घटनास्थल पर पहुंचने के बाद मृतक को मोर्चरी और घायल को अस्पताल भेजा गया। फिर उनकी शिनाख्त की जाने लगी। उनके पास से मिले फोन में लास्ट डायल्ड नंबर पर फोन किया तो वह रूमा की लखनऊ में रहने वाली बहन सुमिता नंदी का निकला। सुमिता लखनऊ में एक एनजीओ चलाती हैं। सूचना मिलने के बाद उन्होंने रूमा के पति सिविल लाइंस में एक कनफेक्शनरी पर काम करने वाले रमेश कुमार सरकार को हादसे की जानकारी दी। सुमिता ने बताया कि कनवेंस ना मिलने के कारण दोनों मां-बेटी पैदल ही रेलवे जंक्शन जाने पर मजबूर थे। लेकिन उन्होंने ट्रैक से जाने का रास्ता चुना, जिसके कारण हादसा हुआ। उनके मुताबिक रूमा अब कोमा में हैं और डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया है। वहीं बताया कि रूपाली की शादी पिछले साल 25 जून को ही हुई थी। जोकि शहर के ही एक इंस्टीट्यूट से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

जल्दबाजी में गई थी जान

साल 2019 में नेकपुर मोहल्ले की रहने वाली एक महिला सोमवती की भी चौपुला क्रासिंग पर ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। सोमवती अपने घर का सामान लेने बाजार जा रही थीं, जिसके लिए वह चौपुला क्रासिंग पार करने पहुंची। लेकिन इसी बीच वहां ट्रेन पहुंच गई। जिसकी आवाज उन्हें सुनाई नहीं दी और वह उसकी चपेट में आ गईं। हादसे में सोमवती की मौके पर ही मौत हो गई थी।

मंदिर जा रही महिला की हुई थी मौत

साल 2019 में ही कालीबाड़ी की रहने वाली एक महिला सीमा देवी की भी चौपुला क्रासिंग पर ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई थी। वह बेटी की शादी से कुछ दिन पहले ही नेकपुर स्थित ललिता देवी मंदिर गई थीं। वहां से वापस लौटते वक्त वह ट्रेन की चपेट में आ गईं। उनकी भी मौके पर ही मौत हो गई थी। कुछ ही दिन बाद उनकी बेटी की शादी होनी थी। लेकिन हादसे के कारण घर की खुशियां गमी में बदल गईं।