- साइबर अपराध एवं आईटी एक्ट के विवेचकों के साथ आईजी ने की बैठक

- विवेचना में आने वाली समस्याओं के बारे में की जानकारी, कराई जाएगी ट्रे¨नग

बरेली : साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि 80 फीसद ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड ठग फोन कॉल, पिन, ओटीपी एवं ओएलएक्स आदि साइट के जरिए अंजाम दे रहे हैं। फेसबुक से रकम मांगने के दस फीसद, फर्जी टोल फ्री नंबर द्वारा ठगी के आठ एवं अन्य माध्यमों से दो फीसद ठगी के मामले सामने आए हैं। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईजी रमित शर्मा ने विवेचकों के साथ बैठक की। बैठक में विवेचकों को उन्होंने साइबर क्राइम से संबंधित अपराधों की विवेचना के बारे में जानकारी दी।

विवेचना के बारे में दी जानकारी

कोतवाली में आयोजित बैठक में आईजी रमित शर्मा ने विवेचकों से साइबर अपराध के मामलों के बारे में जानकारी की। बताया गया कि बरेली में 108 साइबर क्राइम एवं आइटी एक्ट के अभियोग पंजीकृत हैं। इनमें अधिकांश आनलाइन फाइनेंशियल फ्राड से संबंधित हैं। शेष इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक, अश्लील, भड़काऊ पोस्ट आदि से संबंधित हैं। आइजी ने सभी विवेचकों से उनके द्वारा की जा रही विवेचनाओं के संबंध में एक-एक विवेचना पर चर्चा की। विवेचना में आने वाली समस्याओं की जानकारी की। इसके बाद आइजी ने कहा कि विवेचनाओं को शीघ्रता एवं गुणवत्ता के साथ किये जाने के लिए पुलिसकर्मियों को ट्रे¨नग दी जाएगी। थाने पर नियुक्त कम्प्यूटर आपरेटरों को भी इस सम्बन्ध में जानकारी दिये जाने का निर्णय लिया गया। जिससे आवेदक के थाने पहुंचने पर उसकी तत्काल मदद की जा सके। बैठक में एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, एसपी सिटी र¨वद्र कुमार, एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल व अन्य शामिल रहे।

जनता के साथ पुलिसकर्मियों को भी किया जाएगा जागरुक

आइजी ने कहा कि साइबर अपराध की रोकथाम के लिए जनता के साथ-साथ पुलिसकर्मियों को भी जागरुक किया जाएगा। यह भी कहा कि समयबद्ध एवं गुणवत्ता के साथ विवेचना किये जाने के उद्देश्य से साइबर अपराध एवं आइटी एक्ट के अभियोगों के विवेचकों को हर 15 दिन में साइबर सेल से संपर्क करना होगा।