(बरेली ब्यूरो)। शहर के लोगों की सुविधा के लिए चलाईं गईं इलेक्ट्रिक बसें अब खुद सवारियों का इंतजार कर रहीं हैैं। शहर में चार जनवरी को इलेक्ट्रिक बसों का ऑनलाइन इनॉग्रेशन किया था। उसके बाद भी बसों का काफी दिनों तक संचालन नहीं शुरू हो पाया था। पिछले महीने 19 जनवरी से बसों का आनन फानन मेें संचालन शुरू कर दिया गया । बसों के संचालन को शुरू हुए पंद्रह दिनों से भी ज्यादा का समय हो चुका है। लेकिन बसों में अपेक्षा के अनुसार सवारी बैठी हुई नहीं नजर आ रहीं हैैं। बरेलियंस बसों की अपेक्षा ऑटो में बैठना ज्यादा प्रिफर कर रहे हैैं। सडक़ों पर बसें तो नजर आ रहीं हैैं, लेकिन इनमेंं सवारी नजर नहीं आ रहीं हैैं।

ये आ रहीं समस्याएं
बसों में पैसेंजर्स नहीं मिलने को लेकर जब हकीकत जानी तो पता चला कि पब्लिक के अनुसार बस का किराया कुछ महंगा है। साथ ही इसका कहीं भी स्टापेज का समय भी निर्धारित नहीं है। बस को बाहर भी रूट की जानकारी नहीं लिखी हुई है। पब्लिक में भी बहुत से लोगों को अभी बसों के शहर में चलने के बारे में जानकारी नहीं है।

बस ड्राइवरों का है यह कहना
इलेक्ट्रिक एसी बसों के ड्राइवर और कंड्क्टर से जब बस में कम यात्रियों की कम संख्या होने के बारे में पूछा गया तो पता चला कि शहर में ऑटो की भरमार है। जब हम बस लगाते हैैं तो ऑटो चालक मारपीट पर उतारू हो जाते हैैं। वहीं स्टॉपेज पर बस रोकने पर जाम की समस्या बन जाती है। सवारियों को बाहर निकल कर बस के रूट की जानकारी देनी पड़ रही है। उसके बाद भी सवारी बैठने में कोई खास रूचि नहीं दिखा रहीं हैैं। बसों के शहर के भीतर ही चलना भी कम सवारियों के बैठने का कारण है।

दो रूट पर चल रही हैं छह बस
बरेली में चलाई जा रहीं छह बसों को कुल दो रूटों पर चलाया जा रहा है। जिसमें तीन बसें पहले रूट झुमका तिराहा से मिनी बाईपास, सिटी स्टेशन, चौपुला चौराहा से होकर जंक्शन तक चलाई जा रहीं है। वहीं तीन बसें दूसरे रूट मिनी बाईपास से इज्जतनगर होते हुए सौ फुटा रोड होते हुए रुविवि, बीसलपुर होते हुए सेटेलाइट होते हुए चौकी चौराहा से सिटी स्टेशन होकर मिनी बाईपास तक चलाई जा रहीं है।

वर्जन
शहर के अंदर चल रहीं बसों के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। साथ ही इसमें किराए कि लिस्ट भी नहीं लगी हुई है। बस का कोई समय भी निर्धारित नहीं है।
-अयान

बसें काफी अच्छी हैं, सुविधाएं भी बेहतरीन है। धीरे धीरे लोगों को इसके बारे में पता चलेगा। बस के आगे रूट लिखने की भी आवश्यकता है।
-शोएब

बस में गिनती की सवारी बैठ रहीं हैैं। लोगों को अभी शहर में बसों के चलने के बारे मेें ज्यादा जानकारी नहीं है। स्टॉपेज बढ़ाने की भी जरूरत है।
-रिषभ

बसों में ज्यादा सवारी नहीं बैठी हुई हैैं। मुझे बस के शहर में चलने के बारे में जानकारी थी। लेकिन किस रूट पर चल रही है यह कंफर्म नहीं था।
-गौरव

बस कब आती है कब जाती है इसका कोई समय निर्धारित नहीं है। इसलिए भी सवारी कम आ रहीं हैैं। लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है।
-जितेंद्र

बसों का संचालन ठीक से हो रहा है। बसों में सवारी बढऩे में अभी थोड़ा वक्त लगेगा। लोगों को इसके बारे में जानकारी भी दी जा रही है।
-आरके त्रिपाठी, आरएम, परिवहन विभाग