-तहसील परिसर में पुलिस की मौजूदगी में कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की उठाई मांग

-महाहड़ताल के बावजूद पहले दिन ऑफिसेस में रोजाना की तरह हुआ कामकाज

बरेली:

कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले वेडनसडे से शुरू हुई सात दिवसीय हड़ताल का पहला दिन कार्यालयों में बेअसर रहा। रोजमर्रा की तरह वहां कामकाज हुआ। हालांकि परिषदीय स्कूलों में ताले लटके रहे। एस्मा से बिना डरे तहसील परिसर में कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन किया और पुरानी पेंशन बहाल न होने पर 12 फरवरी से अनिश्चितकालीन महाहड़ताल करने का ऐलान किया।

रोजमर्रा की तरह हुआ काम काज

पुरानी पेंशन बहाली के लिए मंच ने वेडनसडे से सात दिवसीय महाहड़ताल शुरू कर दी। मंच के सदस्य सुबह दस बजे तहसील परिसर पहुंचे और आंदोलन शुरू किया। इस दौरान मंच ने कार्यालयों में कामकाज नहीं होने देने का ऐलान किया था, लेकिन पहले दिन विकास भवन, माध्यमिक, बेसिक शिक्षा विभाग, वन विभाग आदि कार्यालय में दिनभर रोजाना की तरह कामकाज हुआ।

स्कूल नहीं धरना स्थल पर पहुंचे

बेसिक शिक्षा विभाग ने मौसम के बदलाव को देख विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया। हालांकि अवकाश सिर्फ बच्चों के लिए था, लेकिन शिक्षकों को पहुंचकर दैनिक कार्य निपटाने थे। मंच से जुडे़ सदस्य स्कूल पहुंचने की बजाय धरना स्थल पर पहुंचे और आंदोलन में सहभागिता की।

सरकार की सख्ती बेअसर

सरकार ने कर्मचारियों को हड़ताल से रोकने के लिए एस्मा का भय दिखाया है, लेकिन सरकार की सख्ती काम नहीं आई। तहसील प्रांगण में भारी पुलिस बल मौजूद रहा, लेकिन पुलिस-प्रशासन मंच से जुडे़ कर्मचारी, शिक्षक व अधिकारियों को धरना-प्रदर्शन करने से रोकने में नाकाम रहा।

इनका रहा सहयोग

मुकेश चौहान, सुनील जैन, तापस मिश्रा, डॉ। विनोद शर्मा, इं। एचएन मिश्रा, इं। विवेक शर्मा, सर्वेश शर्मा, प्रेम बाबू, डॉ। अचल अहेरी, संजीव मेहरोत्रा, जगपाल भाटी, मानवेंद्र यादव, अजरार आगा, अरविंद चौहान आदि का महाहड़ताल में सहयोग रहा।