हमारी सड़क खाली करो

- कोहाड़ापीर चौराहे से डेलापीर मंडी तक फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा, अफसरों ने फेरी निगाहें

- मंडी समिति रोड पर सिर्फ जाम, दोनों तरफ बनी अवैध पार्किग ने कब्जाई आधी से ज्याया सड़क

- चौराहों पर लापरवाह ड्राइवरों के कारण लगता है जाम, किनारे बैठे सुस्ताते हैं पुलिसकर्मी

बरेली। शहर में अतिक्रमणकारियों ने हर मुख्य सड़क व चौराहे पर कब्जा कर रखा है। शहर में शायद ही कोई सड़क ऐसी होगी जहां फुटपाथ नजर आते हों। नहीं तो फुटपाथों को भी बरेलियंस के चलने की जगह कॉमर्शियल बनाकर मार्केट प्लेस बना दिया गया है। दुकानदार अपना सामान दुकान से बाहर सड़कों पर ऐसे हक से रखते हैं, जैसे मानो सड़क की भी रजिस्ट्री करा रखी हो।

ऐसा ही कुछ हाल कोहाड़ापीर से लेकर डेलापीर चौराहा और मंडी समिति रोड का है। पूरी सड़क पर कहीं अवैध स्टैंड, पार्किग, फड़ तो कहीं दुकानों का सामान ही नजर आता है। निगम के अफसरों ने भी ध्वस्त पड़ी इस व्यवस्था से आंखें फेर रखीं हैं। व्यस्त चौराहों पर दौड़ते वाहन हर वक्त किसी हादसे को दावत देते रहते हैं। लेकिन इस पर कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाता।

बेच दिए गए फुटपाथ।

कोहाड़ापीर पेट्रोल पंप से लेकर धर्मकांटा चौराहा और फिर डेलापीर चौराहे तक सड़क पर बरेलियंस के पैदल चलने के लिए फुटपाथ बनाए गए थे। लेकिन अब उनमें से कोई भी देखने को नहीं मिला। कुछ सरकारी महकमो की उदासीनता के कारण टूट गए तो बाकियों पर फड़ व खोखे लगाकर उगाही की जाती है। जगह-जगह प्लास्टिक का सामान, सिगरेट-गुटखा के खोखे और जूस व सब्जियों की फड़ नजर आती हैं।

बने हैं अवैध टेंपो-टैक्सी स्टैंड

कोहाड़ापीर पेट्रोल पंप से कुछ आगे बढ़ते ही सड़क पर टेंपो की भरमार नजर आती है। दोनों तरफ सड़क पर खड़े टेंपो ड्राइवर सवारियों का इंतजार करते रहते हैं। ऐसे में सड़क पर निकलने की जगह ही नहीं बचती। विरोध करने पर यह लोग झगड़ा करने तक पर उतारू हो जाते हैं। ऐसी बदहाल व्यवस्था पर ट्रैफिक पुलिस भी कार्रवाई नहीं करती। वहीं यहां कुछ मेकेनिक व हार्डवेयर की भी दुकानें हैं जिनका आधा से ज्यादा सामान सड़क पर ही रखा मिलता है।

दुकान खाली, सामान सड़क पर

कोहाड़ापीर से लेकर डेलापीर तक कई फर्नीचर, कंफेक्शनरी, रेडीमेड गामर्ेंट्स की दुकानें हैं। यहां धर्मकांटा चौराहा तक सड़क करीब 50 फीट, फिर इससे आगे दोगुनी भी हो जाती है। लेकिन बाजार खुलने के समय आधी से भी कम सड़क बरेलियंस को चलने के लिए मिल पाती है। कई फर्नीचर की दुकानों का सामान सड़क पर सजा नजर आता है। वहीं अन्य दुकानदार भी डिसप्ले और ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सामान बाहर सजाकर सड़क पर कब्जा कर लेते हैं।

सड़क पर हो रही अवैध पार्किग

वैसे तो ट्रैफिक पुलिस को शासन से नो पार्किग में खड़ी गाडि़यों का तुरंत चालान करने का आदेश मिला हुआ है। लेकिन शहर का हाल देखकर मालूम होता है कि जिले की पुलिस ने आदेश को पूरी तरह नजरअंदाज किया हुआ है। सड़क किनारे जितने भी ऑफिस या दुकानें हैं, सभी सड़कों को फेंस व ग्रिल लगाकर पार्किग कराने के लिए कब्जा रखा है।

मंडी समिति रोड की हालत भी खस्ता

डेलापीर चौराहे से आगे बढ़ते ही सड़क पर दोनों तरफ सिर्फ फड़, ठेले और गलत तरीके से पार्क की हुई गाडि़यां ही नजर आती है। सूत्रों के मुताबिक इन फड़-ठेलों से पुलिस व निगम कर्मचारियों की मोटी कमाई भी होती है। मंडी समिति कार्यालय व मंडी के बाहर से दिन में निकलना तक मुश्किल होता है। रात में ही पूरी सड़क पर बड़े वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है। वहीं लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले वाहनों के लिए भी आधी से ज्यादा सड़क कब्जाकर अवैध पार्किग बना दी गई है।

ये कहते हैं व्यापारी।

कई जगहों पर अवैध पार्किग, फड़ व ठेलों का अतिक्रमण देखने को मिलता है। अभियान भी चलते हैं, लेकिन खानापूर्ति करके छोड़ दिया जाता है। निगम को खाली ग्राउंड व अन्य जगहों पर मार्केट बनवाने चाहिए, जिससे अतिक्रमण कम हो और बरेलियंस को भी परेशानी ना हो। - सुनील कुमार त्यागी, कारोबारी

इलाके में ज्यादा समस्या नो एंट्री में वाहन आने और ई-रिक्शा से होती है। लोग नो एंट्री में वाहन ले आते हैं, जिन्हें लौटाने की कोशिश करते वक्त ट्रैफिक पुलिस व राहगीरों को भी काफी समस्या होती है। उन्हें पहले ही रोक लेना चाहिए। वहीं ई-रिक्शा जहां-तहां रोककर सवारी बैठाने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। - वसीम शहजाद, कारोबारी

सड़क पर कई जगह अवैध पार्किग व दुकानों का अतिक्रमण है। शिकायतों पर कभी-कभी ही अभियान चलाया जाता है, लेकिन उसमें भी पक्षपात किया जाता है। ऐसे में सड़कें घिर जाती हैं और लोगों को चलने में काफी समस्या होती है। इसके लिए निगम और ट्रैफिक पुलिस दोनों ही जिम्मेदार हैं। - पंकज अग्रवाल, कारोबारी