-यात्रियों को दी जाने वाली टिकट में नहीं भरा जा रहा कोई भी ऑप्शन

- स्पेयर तो दूर बसों के मुताबिक ही नहीं है पर्याप्त मशीनें

बरेली : रोडवेज बसों में यात्रा करने से पहले यात्रियों को थोड़ा सा सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, यात्रियों को कंडक्टर ईटीएम (इलेक्ट्रिक टिक¨टग मशीन) खराब होने की बात कहते हुए मैनुअल टिकट बनाने का काम कर रहे हैं। बनाई जाने वाली इस टिकट में न तो स्पष्ट रूप से डिटेल भरने का काम किया जाता है और न ही गाड़ी का नंबर आदि की जानकारी दी जाती है। जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यदि किसी यात्री का कोई सामान आदि बस में रह जाए और बस छूट जाए तो उस यात्री को बस का पता लगाना मुश्किल है। क्योंकि यात्रा के दौरान दी जाने वाली मैनुअल टिकट में कंडक्टर न तो बस का नवंबर लिखते हैं और और न ही स्पष्ट रुप से इसका विवरण होता है कि यात्री को दी जाने वाली टिकट कितने रुपये की है। वह कहां तक की यात्रा करेगा।

मैनुअल टिकट का यह है नियम

रोडवेज बस में यात्रा के दौरान वैसे तो परिचालक को ईटीएम (इलेक्ट्रानिक टिकट मशीन) से ¨प्रटेड रसीद देनी होती है। इस टिकट में समय, दिनांक, बस नंबर समेत अन्य जरुरी डिटेल होती है। लेकिन यदि किन्हीं कारणों से मशीन में कोई कमी या मशीन उपलब्ध नहीं है तो परिचालक मैनुअल टिकट दे सकता है। दी जाने वाली इस मैनुअल टिकट में कंडक्टर को बस नंबर, किराया और यात्री की यात्रा का विवरण भरना होता है। जिसे कंडक्टर पूरा नहीं करते हैं। यात्रियों को दी जाने वाली टिकट में केवल धुंधला सा पेन चला होता है। जिसमें कंडक्टर के हस्ताक्षर तक नहीं होते है।

स्पेयर तो दूर प्रत्येक गाड़ी के लिए नहीं है ईटीएम

परिवहन निगम के बरेली व रुहेलखंड डिपो में ईटीएम की कमी है। जिसका लाभ विभिन्न रुटों को जाने वाली बसों के कंडक्टर उठा रहे हैं। दोनों ही डिपों में आधे से ज्यादा ईटीएम खराब पड़ी हुई है। ऐसे में बस कंडक्टर मैनुअल टिकटों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लंबे रुट की बसों पर यात्रियों से अधिक किराया लेते हुए कम की टिकट दी जा रही है। वैसे नियमों की बात करें तो प्रत्येक डिपों में बसों की उपलब्धता से 25 प्रतिशत अधिक ईटीएम का प्रावधान है। लेकिन जनपद के दोनों डिपों में इसकी कमी है।

एक नजर ईटीएम पर

डिपो बस कुल मशीनें सही मशीनें खराब मशीनें

बरेली 201 414 150 250

रुहेलखंड 201 400 90 265

शासन से जल्द ही नई ईटीएम का टेंडर किसी कंपनी को होना है। टेंडर होते ही मशीनों की दिक्कत पूरी तरह से दूर हो जाएगी।

- भुवनेश्वर कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रुहेलखंड डिपो

कई मशीनें खराब हैं जिन्हें बनवाने के लिए लखनऊ भेजा गया है। इसके अलावा समय-समय पर मशीनें आती जाती भी रहती है। जल्द ही ईटीएम की समस्या का समाधान हो जाएगा।

- चीनी प्रसाद, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बरेली डिपो