बरेली (ब्यूरो)। गोकशी की घटना को छिपाने और गोतस्करों को बचाने के लिए नीलगाय की मौत होना दिाा अज्ञात पर मुकदमा दर्ज करना ाोजीपुरा पुलिस को ाारी पड़ गया। मामले में पुलिस की लापरवाहïी मानते हïुए शुक्रवार देर शाम एसएसपी ने ाोजीपुरा इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। पुलिस ने नीलगाय बताते हुए वन विााग को सूचना दिए बिना ही शव को गड्ढे में दबवा दिया था। मुकदमा ाी पशु क्रूरता अधिनियम में दर्ज कर लिया। जबकि वन्य जीव संरक्षण की धारा 9/51 में मुकदमा दर्ज करना चाहिए था।

हिंदू संगठनों में रोष
मामला ाोजीपुरा थाना क्षेत्र के गांव अंबरपुर का है। छह दिसंबर को अंबरपुर गांव में गोकशी की सूचना पर पुलिस पहुंची और नीलगाय की तार में फंसकर मौत होने की बात कहते हुए एक अज्ञात के ािलाफ आईपीसी की धारा 429 में मुकदमा दर्ज कर मामला रफा-दफा कर दिया। मामले में हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने जब हस्तक्षेप किया तो पुलिस ने सात दिसंबर को गोकशी की धारा बढ़ा दी। वन विााग के अधिकारियों के अनुसार पुलिस ने एफआईआर में नीलगाय की मौत होना दर्शाया है इसलिए मुकदमा आईपीसी धारा 429 में नहीं बल्कि वन्य जीव संरक्षण की धारा 9/51 में दर्ज करना चाहिए था। मामले को गंाीरता से लेते हïुए एसएसपी ने ाोजीपुरा इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंहï, एसआई जावेद अली, कविंद्र सिंहï व आरक्षी दिनेश कुमार को शुक्रवार देर शाम निलंबित कर दिया।

नहीं कराई वीडियोग्राफी
ाोजीपुरा पशु चिकित्साधिकारी डॉ। राजीव सिंह ने बताया कि लॉ एंड ऑर्डर के चलते या रात में पुलिस स्वयं सैंपलिंग कर सकती है, लेकिन यदि मामला दिन का हो तो सूचना देनी होती है। पशु चिकित्सक स्वयं जाकर सैंपलिंग करते हैं। लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। वहीं यदि पुलिस स्वयं सैंपलिंग करती है तो फोटोग्राफी करानी होती है और घटना के कुछ समय बाद ही सैंपल पशु चिकित्साधिकारी को सौंपना होता है। पुलिस को पशु का शव मिलने की सूचना सुबह करीब आठ बजे मिल गई, लेकिन पुलिस ने न तो फोटोग्राफी कराई और न ही उन्हें सूचना दी। साथ ही सैंपल ाी दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे उन्हें सौंपा गया।

ऑडियो हुआ था वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो में ाोजीपुरा इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह हिंदू संगठन के कार्यकर्ता हिमांशु पटेल से बातचीत कर रहे हैं। इसमें ाोजीपुरा इंस्पेक्टर कह रहे हैं कि आज बाबा का प्रोग्राम है, इसे हो जाने दो जैसा आप चाहते हैं वैसा ही होगा। साथ ही रात में पुलिस ने मामले में धारा 3/5/8 सीएस एक्ट बढ़ा दी। हिमांशु पटेल ने बताया कि उनके पास एसपी देहात राजकुमार का ाी फोन आया और उन्होंने कहा कि मामले में धारा बढ़ाने के साथ ही पशु के मांस को जांच के लिए मथुरा लैा ोजा गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

24 घंटे के अंदर का था मांस
डॉ। राजीव कुमार ने बताया कि जो मांस उन्हें जांच के लिए लैब ोजने के लिए सौंपा गया, वह 24 घंटे के अंदर का फ्रेश मांस था। जबकि ाोजीपुरा पुलिस ने एफआईआर में जिक्र किया है कि नीलगाय का शव सड़ गल चुका था। जब शव सड़ गल चुका था तो फ्रेश मांस पुलिस के पास कहां से आ गया।

बोले अधिकारी
हिंदू संगठनों ने गोकशी का आरोप लगाया था। इसके बाद उसमें गोकशी की धारा बढ़ाने के बाद सीओ नवाबगंज को मामले की जांच सौंपी दी है। फिलहïाल मामले में ाोजीपुरा इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रााव से निलंबित किया गया हïै।
आिलेश कुमार चौरसिया,एसएसपी