-बिना प्रोटोकॉल के कोविड शवों का किया जा रहा अंतिम संस्कार

-नाविक बोले हर दिन बढ़ते शवों के आंकड़ों को देखकर अब दहलता है कलेजा

बरेली: शहर की तीनों ही श्मशान भूमि में आने वाले सामान्य शवों के साथ कोविड शवों की संख्या हर दिन तेजी के साथ बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर रामगंगा किनारे शवों की कतारें लग गई हैं। रविवार को सिर्फ रामगंगा किनारे 40 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

लगी रही शाम तक कतार

श्मशान भूमि में चबूतरों से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार जमीन पर किया जा रहा है। ऐसे में शव के साथ आने वाले स्वजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिना किसी दिक्कत के शव की अंत्येष्टि हो सके, इसलिए स्वजन शव को लेकर रामगंगा तट पर पहुंच रहे हैं। रामगंगा किनारे नाविक किशोर सैनी ने बताया कि सुबह सात बजे से ही शवों के आने का सिलसिला शुरू हो जा रहा है। बताया कि अब तक 40 से अधिक शव अंतिम संस्कार के लिए आ चुके हैं, जिसमें से कोविड के 42 शवों का अंतिम संस्कार हुआ है।

रामगंगा किनारे ही फेंक पीपीई किट

कोविड शव के साथ आने वाले स्वजन और एंबुलेंस चालक शव का अंतिम संस्कार कर पीपीई किट खुले में ही फेंक रहे हैं। इससे रामगंगा किनारे रहने वाले लोगों में काफी नाराजगी है। रामगंगा के पास रहने वाले पंकज ने बताया कि कई बार लोगों को टोक देते हैं तो वह जला देते हैं। वरना, कोई न कहे तो खुले में ही फेंककर चले जाते हैं।

श्मशान भूमि पर लगता अधिक खर्चा

कोविड शव को श्मशान और रामगंगा तट पर अंतिम संस्कार के लिए लाने वाले एंबुलेंस चालक मनमर्जी वसूली कर रहे हैं। रामगंगा किनारे अपने पिता की अंत्येष्टि के लिए पहुंचे विवेक ने बताया कि राजश्री अस्पताल से यहां शव को लाने के लिए एंबुलेंस चालक ने उनसे पांच हजार रुपये मांगे। काफी जिद करने के बाद दो हजार में बात तय हुई।