-बेरोजगारों को जाल में फंसाकर हेड क्लर्क और वार्ड ब्वॉय से मिलवाता था विकास

- हेड क्लर्क बनाता था डॉक्यूमेंट तो वार्ड ब्यॉय करवाता था मेडिकल

बरेली: विकास के पकड़े जाने के तुरंत बाद ही कोतवाली पुलिस अस्पताल के बड़े बाबू कुलदीप शर्मा और वार्ड ब्वॉय ताहिर को भी हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में उन्होंने बताया कि पूरा प्लानिंग बड़े बाबू और वार्ड ब्वॉय की थी। अस्पताल में कर्मचारियों का फायदा उठाकर दोनों ने विकास से बात की। चूंकि विकास पहले से ही दलाली के चलते पीडि़तों को जिला अस्पताल उनका काम कराने लाता था, जिसके एवज में मोटा कमीशन भी लेता था। ऐसे में विकास जरूरतमंद बेरोजगारों को ढूंढकर लाने और फंसाने का अच्छा जरिया बना।

पांच लाख पर एक लाख

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बेरोगजारों को ढूंढकर विकास लाता था। जबकि अस्पताल का सारा काम बाकी दोनों कराया करते थे। पेपर वर्क की जिम्मेदारी हेड क्लर्क की थी, वहीं मेडिकल वार्ड ब्वॉय कराया करता था। वहीं विकास ने बताया कि हर पद के लिए तीन लाख से लेकर पांच लाख और उससे भी ऊपर की रकम तय की गई थी। रुपये मिलने के बाद हर पांच लाख पर उसे एक लाख रुपये दिए जाते थे और ऊंचे पदों के लिए कमीशन बढ़ जाता था। बाकी बची रकम दोनों आपस में बांट लेते थे। विकास ने बताया कि नौकरी ना लगने के बाद जब लोग उस पर रुपये लौटाने का दवाब बनाने लगे तो वह शिकायत किए जाने से पहले ही शहर छोड़कर परिवार के साथ भाग निकला था।

निजी अस्पताल में हुई थी मुलाकात

आरोपियों ने बताया कि विकास पहले कुछ साथियों के साथ गांधी उद्यान रोड स्थित एक निजी अस्पताल में काम करता था। जिसके बाद जिला अस्पताल में ठेके पर काम करने लगा। वहीं उसकी वार्ड ब्वॉय से जान पहचान हुई। वहीं इस प्रकरण में उन्होंने सबसे पहले पीलीभीत के सोमेश को फंसाया था। वहीं जिस दिनेश के साथ निजी अस्पताल में काम करता था, उसके जानने वाले आठ लोगों को फंसाया था। पुलिस के मुताबिक अब तक सिर्फ 38 पीडि़तों ने ही बयान दर्ज कराए हैं।

बहन की शादी को लिया चेक बाउंस

बेरोगजारों से रुपये लेने के बाद जब एक साल तक नौकरियां नहीं लगी तो पीडि़तों ने अपने रुपये वापस लेने का दवाब बनाया था। इस पर कुछ लोगों को विकास ने रुपये चैक द्वारा रुपये दिए थे। एक पीडि़त कालीबाड़ी के रजत ने पुलिस को बताया कि उसने रुपये देने के बाद बहन की शादी के लिए रुपये वापस मांगे थे, लेकिन जो चैक उन्हें मिला वह बाउंस हो गया था। पुलिस के मुताबिक बैंक से जानकारी करने पर सामने आया कि विकास के एक बैंक खाते से पिछले डेढ़ साल में करीब 43 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन हो चुके हैं। वहीं आरोपी बनाया गया बॉबी दरअसल ताहिर का ही दूसरा नाम है।

विकास को पुलिस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपी भी हिरासत में है। उनके ठगी और रुपयों के बारे में पूछताछ की जा रही है। सभी को जेल भेजा जाएगा।

-रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी