बरेली (ब्यूरो)। महाराणा प्रताप संयुक्त मंडलीय चिकित्सालय में बने सरकारी आवासों से कुछ स्वास्थ्यकर्मियों को ऐसा मोह हुआ कि अस्पताल में सेवा पूरी करने के बाद भी वे उन्हें खाली नहीं कर पा रहे हैैं। दरअसल सरकारी आवासों का सुकून अस्पताल में सेवा देने वाले स्टाफ को इतना अच्छा लगा कि इनमें से कई रिटायर हो गए तो कई लोगों का ट्रांसफर हो गया। लेकिन परिवार यहीं रह रहा है। इस तरह की स्थिति स्वास्थ्य विभाग की लाचारी को दर्शाती है, इतने वर्षो से कब्जा हटाने को लेकर वह हिम्मत नहीं जुटा पाया। अब नया पदभार संभालने वाले अधिकारी आवासों को खाली कराने को लेकर कार्रवाई की बात कह रहे हैैं।

किया था निरीक्षण
नौ मई को जिला अस्पताल के अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ। मेघ सिंह ने आवासों का निरीक्षण किया। वहां छह ऐसे कर्मचारियों का आवासों पर कब्जा मिला जो कि काफी समय पहले रिटायर हो गए थे। वहीं तीन कर्मचारियों का दूसरे जिलों में ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्होंने सभी कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जल्द आवास खाली करने का आदेश दिया था।

की जाएगी कार्रवाई
एडीएसआईसी डॉ। मेघ सिंह ने बताया कि कब्जेदारों को चेतावनी दे दी गई थी। उसके बाद भी आवासो को खाली नहीं किया जा रहा है। इसको लेकर जल्द कार्रवाई की जाएगी। लंबे समय से कब्जा जमाए लोगों से आïवास खाली कराने को लेकर एडीएसआईसी का यह भी कहना है कि उनके बाबू का ट्रांसफर हो गया है। वह ही आवासों का मामला देख रहा था। साथ ही इसको लेकर संबंधित को लेटर की कॉपी दे दी जाएगी, जिससे उनके विभाग में कार्यरत कोई व्यक्ति है। उसे आवास खाली करने की सूचना दी जाए। साथ ही डॉ। मेघ सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर वह काफी गंभीर हैैं, आवासों को खाली कराने के लिए कार्रवाई जरूर की जाएगी।

५० से अधिक का है कब्जा
जिला अस्पताल परिसर में बने आवासों में ५० से अधिक स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ रह रहा है। इसको लेकर जिम्मेदारों की ओर से कार्रवाई करने की बात भले ही कही जा रही हो लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। दरअसल लंबे समय से आवासों पर कब्जों को लेकर जिम्मेदारों की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्वास्थ्य विभाग की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आवासों में रहने वाले स्वास्थ्यकर्मी काफी समय पहले रिटायर हो चुके है, लेकिन जिम्मेदार इसको खाली कराने की हिम्मत नहीं जुटा सका। आवासों पर कब्जा करने वालों में संविदा नर्स, वार्ड बॉय, इलैक्ट्रिशियन, टेक्नीशियन, स्वीपर, आउटसोर्सिंग कर्मचारी, रिटायर कर्मचारी व ट्रंासफर हो गए कर्मचारी भी शामिल हैैं।

वर्जन
सरकारी आवासों पर अवैध रूप से रह रहे लोगों की सूची तैयार कर ली गई है। संबंधित अधिकारियों को सूची की कॉपी दे दी गई है। अवैध रूप से रह रहे लोगों को कई बार वॉर्निंग दी जा चुकी है, जल्द ही आवासो को खाली कराया जाएगा।
-डॉ। मेघ सिंह, एडीएसआईसी