- शहर में कई जगहों पर बाइक से तस्कर सप्लाई कर रहा चरस, स्मैक व अन्य मादक पदार्थ

- सिटी शमशान में सजती है नशेडि़यों की महफिल, टैक्सी ड्राइवर लाकर देते हैं मादक पदार्थ

बरेली: शहर में मादक पदाथों की तस्करी धड़ल्ले से खुलेआम पुलिस की ही नाक के नीचे हो रही है। कहीं पुलिस को इन गोरखधंधों की भनक तक नहीं होती तो कहीं साठगांठ के चलते धंधे को नजरअंदाज कर दिया जाता है। वहीं जिले में बारादरी क्षेत्र को चरस, गांजा, स्मैक व अन्य नशीले पदार्थो के बिग बाजार के नाम से भी जाना जाता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जब इस गोरखधंधे को लेकर खोजबीन शुरू की तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। टीम ने कोतवाली क्षेत्र में कुमार टॉकीज के पास मोटरसाइकिल पर घूमकर इलाके में मादक पदार्थ सप्लाई करने वाले एक तस्कर का स्टिंग भी किया। जिसमें पता चला तस्कर कॉल पर ऑर्डर लेकर स्मैक की सप्लाई कर रहा है। वहीं कुछ खास लोगों को होम डिलीवरी भी कर रहा है।

किराए पर रहता है तस्कर

आई नेक्स्ट की टीम ने जिस तस्कर का शहर कोतवाली से चंद कदमों की ही दूरी पर कुमार टॉकीज के बाद स्टिंग किया, दरअसल वह बारादरी क्षेत्र के संजय नगर इलाके का रहने वाला है। छानबीन के दौरान सामने आया कि तस्कर इस गोरखधंधे के चलते सिकलापुर इलाके में एक किराए का कमरा लेकर रहता है। तस्कर शहर में घूम-घूमकर चरस, गांजा, स्मैक व अन्य मादक पदार्थो की तस्करी अपने बाइक पर ही करता है। दिन भर तस्करी के बाद रात में वह सिटी शमशान भूमि पर नशेड़ी साथियों के साथ बैठा नजर आता है।

उत्तराखंड से लाते हैं खेप

तस्करी को लेकर छानबीन करने के दौरान सामने आया कि तस्कर उत्तराखंड से चरस, गांजा व स्मैक मंगवाता है। जोकि कालीबाड़ी व अन्य आसपास के इलाकों के उसके परिचित टैक्सी ड्राइवर उसे लाकर देते हैं। वहीं अक्सर खुद भी मादक पदार्थ लेने उत्तराखंड जाता है।

100, 250 या 400, हर रेट की पुडि़या

सूत्रों के मुताबिक तस्कर पुडि़या में स्मैक, गांजा व चरस बेचता है। जिनका रेट 100-250 से लेकर 400 रुपये और उससे ज्यादा भी होता है। सूत्रों के मुताबिक तस्कर दिन भर में करीब 200 ग्राम तक मादक पदार्थ बेच लेता है। एक ग्राम के हिसाब से पुडि़यों को आंका जाए तो दिन की करीब दो सौ जहर की पुडि़या बेचकर वह करीब 50 हजार रुपये दिन भर में कमा लेता है।

फोन पर ऑर्डर

स्टिंग के दौरान दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम के कैमरे में कैद हुआ तस्कर फोन पर ऑर्डर लेता है। फोन पर डील होने के बाद जगह चुनी जाती है। जिसके बाद दोनों पार्टी चुनी हुई जगह पर मिलकर पुडि़या ले लेते हैं। यह भी सामने आया कि कुछ खास बंधे हुए ग्राहकों को तस्कर होम डिलीवरी भी कर देता है।

स्कूल-कॉलेज के छात्र भी ग्राहक

शहर के नामी नशेडि़यों के साथ ही स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स व बड़े घरानों के लड़के भी तस्कर के ग्राहक हैं। अक्सर ड्रेस पहने स्टूडेंट्स भी तस्कर के पास मादक पदार्थ खरीदते नजर आते हैं। वहीं शहर में अन्य सैकड़ों जगहों पर स्टूडेंट्स को नशे का सामान भी परोसा जा रहा है।

तस्कर से बातचीत के कुछ अंश

रिपोर्टर (फोन पर) - भाई माल चाहिए।

तस्कर - कौन बोल रहा है।

रिपोर्टर (फोन पर) - नाम बताते हुए, शमीम भाई से नंबर मिला, चरस चाहिए।

तस्कर - कुमार टॉकीज पर मिले

कुछ देर बाद कुमार टॉकीज पर

रिपोर्टर - कितने रुपये देने हैं।

तस्कर - 250 रुपये, जल्दी दो।

रिपोर्टर - माल तो बढि़या है ना।

तस्कर - एक दम मस्त, उत्तराखंड का है।

रिपोर्टर - एक तोला माल और देदो।

तस्कर - नहीं है, जेब चेक कर लो, पुलिस के झाड़ के बाद माल लेकर घूमना बंद कर दिया

नशीले पदार्थो की तस्करी और बेचे जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। अगर कोई ऐसा तस्कर है जो घूम-घूमकर बेच रहा है, तो जांच करवाकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी