- शहर के कई इलाकों में घरों के ऊपर से गुजर रहीं हाईटेंशन लाइन

- पहले भी कई बार हो चुके हैं हादसे, अफसर कर रहे अनदेखी

बरेली : सरकारी विभागों की कार्यशैली से तो सभी वाकिफ हैं, भले ही इसकी लापरवाही से लोगों की जान चली जाए लेकिन सरकारी मुलाजिमों का शायद इससे कोई सरोकार नहीं है। पिछले कई सालों से शहर के कई इलाकों में बने घरों के ऊपर जर्जर बिजली की हाईटेंशन लाइन गुजर रही है लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि इससे कई लोगों की जान तक चली गई है लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार अफसर इसकी अनदेखी कर रहे हैं।

यहां बिखरा है तारों का जाल

शहर के वीर सावरकर नगर, पुराना शहर, सैटेलाइट, रोहलीटोला, कांकर टोला और सीबीगंज समेत कई इलाकों में मौत के तार घरों के ऊपर झूल रहे हैं। इतना ही नहीं सैटेलाइट स्थित कई घरों में अंदर से भी एचटी लाइन गुजर रही है। ऐसे में बड़े हादसे का डर बना हुआ है।

जुगाड़ का सहारा

जिन घरों से एचटी लाइन गुजर रही है, वहां कई घरों के लोगों ने तार टच न हो इसके लिए तारों के बीच में लकड़ी लगा रखी है जबकि कुछ लोगों ने घर बनाने के चक्कर में खुद ही प्लास्टिक के पाइप से उसकी गार्डिग करा दी है। लेकिन उनको शायद नहीं पता है एचटी लाइन से खिलवाड़ से उनकी जान भी जा सकती है।

कंप्लेन का कर रहे वेट

शहर के कई इलाकों के लोग मौत के साए में रह रहे हैं लेकिन अफसर आंखें मूंदे हुए हैं। जब अफसरों से इस बावत बात की तो उन्होंने तक दिया, काम चल रहा है जहां से शिकायत आएगी तो चेक कराकर समाधान कराया जाएगा।

सस्ते का भी चक्कर

शहर में जो भी एचटी लाइन के नीचे और आस-पास घर बने हैं, वह कई सालों पहले बने थे। उस समय एचटी लाइन की वजह से लोगों को यह जगह सस्ते में मिल गई थी तो जगह खरीदकर लोगों ने अपने आशियाने बना लिए। लेकिन हैरत की बात यह है न तो उस टाइम किसी जिम्मेदार ने लोगों को रोकने की जहमत उठाई और न ही इतने सालों बाद अफसर ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा अफसरों को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

आखिर कहां जा रहा है लाखों का बजट

हर वर्ष शासन की ओर से बिजली विभाग को लाखों का बजट जर्जर पोल शिफ्टिंग, एचटी लाइन की गार्डिग के लिए जारी किया जाता है लेकिन यह बजट कहां खपाया जा रहा है, इस पर अफसर चुप्पी साधे हुए हैं।

ये हैं हाईटेंशन लाइनों के नियम

- सड़क से 5.5 मीटर ऊंचे हों

- सड़क से गुजर रहे तार पर गार्डिंग अनिवार्य

- रेलवे लाइन के पास नहीं हों

- सार्वजनिक स्थान से दूर हों

- आबादी वाले क्षेत्र में इंसुलेटेड एचटी तार का प्रयोग हो

- 132 केवी एचटी लाइन के 23 मीटर की दूरी पर मकान बनें

- 220 केवी एचटी लाइन के 35 मीटर दूर घर बनें

खतरनाक होते हैं एचटी तार

- 23 से 35 मीटर की दूरी से भी झुलसने का डर

- टूट कर गिरे तो दूर-दूर तक तबाही

- जमीन पर गिरने से दरार और करंट प्रवाह

- पतंग के मांझे से करंट का प्रवाह

- आसपास मोबाइल प्रयोग से करंट

लोगों की जा रही जान

केस स्टडी 1

बीती 25 जनवरी को शहर के नवादा सेखान निवासी 25 वर्षीय प्रियंका गीले कपड़े सुखाने छत पर गई तो उसने जैसे ही कपड़ों का रस्सी पर सुखाने के लिए डाले तो गीले कपड़े घर के पास से गुजर रही एचटी लाइन से टच हो गए, जिससे प्रियंका करंट की चपेट में आ गई और चंद मिनटों में प्रियंका ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने हंगामा कर बिजली विभाग पर लापरवाही के आरोप भी लगाए थे।

केस स्टडी 2

बीती 3 फरवरी को शहर के मोहल्ला जखीरा निवासी कक्षा 6 की छात्रा मनतशा छत पर खेल रही थी, इस दौरान उसका दुपट्टा छत के पास गुजर रही एचटी लाइन से टच हो गया और वह करंट की चपेट में आ गई, चीख पुकार सुनकर जैसे ही परिजन मौके पर पहुंचे तब तक छात्रा की सांसे थम चुकी थी। परिजनों ने जन प्रतिनिधियों समेत उच्चाधिकारियों से मामले की शिकायत की थी लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

वर्जन

शहर में जर्जर एचटी लाइन और पोल शिफ्टिंग का कार्य चल रहा है, जिस एरिया से शिकायत मिलती है टीम को भेजकर स्थिति को चेक कराकर समस्या का समाधान किया जाता है। अगर किसी को कोई समस्या है तो वह बिजली विभाग से संपर्क कर सकता है, समस्या का समाधान कराया जाएगा।

एनके मिश्र, एसई अर्बन