-अपर मुख्य सचिव ने एल-2 व एल-3 हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को दिए निर्देश

- रेमडेसिविर इंजेक्शन एक मेडिकल कॉलेज में हो खत्म तो तुरंत दूसरे से मंगाकर लगाएंगे

बरेली: मेडिकल कॉलेज यानी एल-2 व एल-3 हॉस्पिटल में कोरोना मरीज के पहुंचने पर उसका पहले ही बेहतर इलाज हो जाए, तो मरीज के वेंटीलेटर पर पहुंचने की नौबत ही नहीं आएगी। यह बातें बरेली के नोडल अफसर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने तीनों मेडिकल कॉलेज के मैनेजमेंट व डॉक्टर्स से कहीं। उन्होंने प्राइमरी लेवल पर मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी गंभीर मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया जाए, यदि किसी मेडिकल कॉलेज में इंजेक्शन खत्म हो गया है तो तुरंत दूसरे मेडिकल कॉलेज से मंगाकर लगाएं और जब उनका स्टॉक आ जाए तो इंजेक्शन वापस कर दें। उन्होंने सीडीओ को कम से कम 500 इंजेक्शन स्टॉक में रखने के निर्देश दिए।

बेड की बढ़ाई जाए संख्या

अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन एवं खादी ग्रामोद्योग विभाग डॉ। नवनीत सहगल के साथ कुणाल सिल्कू प्रबन्ध निदेशक कौशल विकास मिशन ने दूसरे दिन संडे को दिल्ली रोड स्थित एल-2 हॉस्पिटल के मीटिंग हॉल में तीनों मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व चेयरमैन और डाक्टरों के साथ मेडिकल कॉलेजों में कोविड-19 से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यो के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि इलाज में यदि किसी भी प्रकार की कोई समस्या आती है तो तत्काल सूचना शासन प्रशासन को दी जाए। उन्होनें तीनों मेडिकल कालेजों से कहा कि कोविड के लिए अब तक जितने भी बेड हैं, उनकी संख्या बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना टेस्ट के लिए सैम्पलिंग को भी बढ़ाया जाए और कोविड हेल्प डेस्क की संख्या भी बढ़ायी जाए।

हॉस्पिटल में एंट्री पर हो कोरोना टेस्ट

मीटिंग में डॉ। सहगल ने कहा कि कोई भी मरीज जैसे ही अस्पताल में एन्ट्री करें तो उसी समय उसकी कोरोना जांच की जाए। उन्होंने कहा कि दवाइयों की कोई कमी नही होनी चाहिये। बताया कि ट्यूजडे तक बरेली को अधिक से अधिक इंजेक्शन मिल जाएंगे। ऑक्सीजन के लिए तीनों मेडिकल कॉलेज जो पूर्ववर्ती रेट है, उसी के अनुसार इसका क्रय विक्रय होना चाहिए। उन्होंने बताया कि किसी भी स्तर पर ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए।

देर से आए पेशेंट का फीडबैक

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जो भी मरीज देर से आये उसकी फीडबैक रिपोर्ट एल-3 को दें। उन्होंने 300 बेडेड हॉस्पिटल में बने आईसीयू का निरीक्षण कर वहां की मशीनों को देखा और इसे जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ। जावेद हयात, डॉ। अमित गोयल, प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। आरएन गिरि, मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल व चेयरमैन तथा डॉक्टर आदि उपस्थित रहे।