- जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में सीडीओ के न आने पर बिफरे बोर्ड मेंबर्स

- महज 20 मिनट चली बैठक, 43.10 करोड़ के प्रस्ताव हुए पास

बरेली : विकास भवन में सैटरडे को जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। सभागार में जिला योजना और कार्य योजना पर चर्चा होनी थी। मुद्दा जिले के विकास का था। बैठक में शामिल होने के लिए पूरे जिले के 60 बोर्ड मेंबर्स और 15 ब्लॉक प्रमुख आए थे। बैठक में सीडीओ समेत सभी सरकारी विभागों के प्रमुख अधिकारियों को उपस्थित होना था। सीडीओ के व्यस्त होने की वजह से बैठक में नहीं पहुंच पाए। चंद अधिकारियों की मौजूदगी में ही बैठक शुरू करनी पड़ी।

करीब 20 मिनट की बैठक में मूल बजट के 43.10 करोड़ के प्रस्ताव पर सहमति बन गई। इस दौरान बोर्ड मेंबर्स ने विकास कार्यो के प्रस्तावों को मंजूरी न दिए जाने को लेकर सवाल उठाए, लेकिन अफसर कोई जवाब नहीं दे सकेड इसके बोर्ड मेंबर्स हंगामा करते हुए मीटिंग हॉल से बाहर निकल आए। इसी दौरान सीडीओ चंद्र मोहन गर्ग पहुंच गए। वह मीटिंग में बैठे, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष संजय सिंह और मेंबर्स ने अंदर आने से इन्कार कर दिया। विकास भवन परिसर में ही जमीन पर बैठ गए और नारेबाजी होने लगी। मामला तब और तूल पकड़ गया, जब उन्हें मनाने के लिए भी कोई मौके पर नहीं पहुंचा।

जिले के विकास पर होनी थी चर्चा

सैटरडे को विकास भवन में जिला पंचायत की बैठक में पिछली बैठक की कार्रवाई की पुष्टि होनी थी। इसके अतिरिक्त, पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत विभागों की प्रगति पर चर्चा, जिला योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 का अनुमोदन, जिला पंचायत के वित्तीय वर्ष 2020-21 की कार्ययोजना का अनुमोदन और पुनरीक्षित बजट पर चर्चा होनी थी।

अगली बार करेंगे चक्का जाम

कार्ययोजना की बैठक को लेकर परिसर में ही जिला पंचायत सदस्य और बोर्ड के सदस्यों ने तय किया कि अगले थर्सडे या फ्राइडे को दोबारा बैठक की जाएगी। जिला पंचायत अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि अगर सीडीओ समेत बाकी विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी नहीं हुई तो चक्का जाम किया जाएगा।

43.10 करोड़ के प्रस्ताव पास

जिला पंचायत अध्यक्ष संजय सिंह के मुताबिक बैठक की शुरुआत में मूल बजट के 43.10 करोड़ रुपये के प्रस्ताव रखे गए थे। करीब 20 मिनट चली बैठक में इन प्रस्ताव पर सहमति बन गई थी। अब आगे के प्रस्ताव पर अगली बैठक में चर्चा होनी है।

तो क्या जिला योजना नहीं बनेगी

बोर्ड मेंबर्स के आरोप थे कि सीडीओ के नहीं आने पर जब उन्होंने सवाल किए तो बिजली विभाग के एक जेई ने ताना मारा कि अगर बैठक नहीं होगी तो क्या जिला योजना नहीं बनेगी। इसके बाद ही बोर्ड मेंबर्स ने बैठक का बहिष्कार किया।