बरेली(ब्यूरो)। यदि आप बिना फूड लाइसेंस के खाने-पीने से संबंधित स्टॉल, फूड शॉप, रेस्टोरेंट या फिर होटल चला रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि अब बिना फूड लाइसेंस पकड़े जाने पर आपको जुर्माना ही नहीं भरना पड़ेगा, बल्कि आपकी शॉप भी सीज हो सकती है। लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए शासन ने आदेश जारी किया है। ऐसे मेें फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) ने बिना लाइसेंस चल रही दुकानों पर कार्रवाई के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

टीमें करेंगी चेकिंग
एफएसडीए के अधिकारियों के अनुसार, शहर में लगभग 50 हजार से ज्यादा फूड शॉप्स संचालित हो रही हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसी दुकानें हैं, जो बिना फूड लाइसेंस के चल रही हैं। इनमें पूड़ी सब्जी, चाय-समोसा की ज्यादातर दुकानें ऐसी हैं, जिनके पास फूड लाइसेंस नहीं हैं। बताया कि शहर में ऐसे कई रेस्टोरेंट और होटल भी संचालित हो रहे हैं, जिनके पास लाइसेंस नहीं है। ऐसे में अब इन पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। बताया कि टीमें दुकानों पर जाकर फूड लाइसेंस की चेकिंग करेंगी और जिनके पास लाइसेंस नहीं होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नहीं आते हैं बाज
एफएसडीए के डीओ ने बताया कि शहर में समय-समय पर अभियान चलाकर चेकिंग की जाती है। ऐसे में जो दुकानें बिना फूड लाइसेंस के चलती पाईं जाती हैं या फिर खाद्य पदार्थों में मिलावट पाई जाती है तो ओनर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाता। इसके बाद भी लोग बाज नहीं आते है और फिर से बिना लाइसेंस के ही दुकानें खोल लेते हैं।

मात्र 16 हजार लाइसेंस हैं जारी
डीओ धर्मराज मिश्रा ने बताया कि शहर में इतनी बड़ी संख्या में फूड शॉप्स, होटल, रेस्टोंरेंट और छोटी दुकाने संचालित होने के बाद भी मात्र 15630 लोगों ने फूड लाइसेंस बनवाए हैं। जिनमें से 3342 स्टेट फूड लाइसेंस हैं, जबकि 12288 बेसिक फूड लाइसेंस और सेंट्रल फूड लाइसेंस हैं।

तीन प्रकार के होते हैं लाइसेंस
बेसिक फूड लाइसेंस: डीओ ने बताया कि यह लाइसेंस उन लोगों के लिए होता है, जिनका प्रतिवर्ष का कारोबार 12 लाख रुपए से कम है। खानपान से संबंधित व्यापार करने वाले लोगों लोगों को यह लाइसेंस लेना आवश्यक है।

स्टेट फूड लाइसेंस: जिनका सालाना कारोबार 12 लाख रुपए से अधिक और बीस करोड़ रुपये से कम है। साथ ही उनका व्यापार खाद्य उत्पादकों से संबंधित है तो उन लोगों को स्टेट फूड लाइसेंस लेने अनिवार्य होता है।

सेंट्रल फूड लाइसेंस: जिस बिजनेस में प्रतिवर्ष का टर्नओवर 20 करोड़ रुपये से अधिक है, साथ ही उन लोगों एक से अधिक राज्यों में शाखाएं हैं या फिर किसी दूसरे देश से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट होता है, तो उसे ये लाइसेंस लेना होता है।

यह भी जानें
-यदि आप बेसिक फूड लाइसेंस बनवा रहे हैं तो उसकी फीस 100 रुपए प्रतिवर्ष देनी होगी।
-स्टेट फूड लाइसेंस के लिए प्रतिवर्ष की फीस दो हजार देनी होती है।
-सेंट्रल फूड लाइसेंस के लिए साढ़े सात हजार रुपए प्रतिवर्ष फीस देय होती है।

बोले अधिकारी
सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए शासन का लिया गया निर्णय सही है। अभी आदेश की कॉपी नहीं आई है। जैसे ही आदेश की कॉपी आ जाएगी। वैसे ही मिलावट खोरों और बिना फूड लाइसेंस के होटल, रेस्टोरेंट या फूड स्टॉल चलाने वालों पर कार्रवाई शुरू कर देंगे।
धर्मराज मिश्रा, डीओ