बरेली (ब्यूरो)। पुलिस और प्रशासन के लिए शहर की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती बनी है। इस चुनौती को ओर भी मुश्किल बना रहे हैं, शहर में दौड़ रहे हजारों ई-रिक्शा। क्योंकि 50 प्रतिशत चालकों के पास ई-रिक्शा का डीएल ही नहीं है। शहर में आठ हजार से ज्यादा ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। जिसमें से मात्र 50 प्रतिशत चालकों के पास ही डीएल हैं। ये तो सिर्फ रजिस्टर्ड ई-रिक्शा का हाल है। हजारों की तादात में बिना रजिस्ट्रेशन ई-रिक्शा सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। उनकी तो इसमें गिनती ही नहीं है। ट्रैफिक व्यवस्था को ध्वस्त करने के साथ ही आए दिन ये ई-रिक्शा हादसों की वजह भी बनते हैं। क्योंकि देखा गया है कि ज्यादातर ई-रिक्शा की कमान नाबालिगों के हाथों में होती है।

कार्रवाई की तैयारी
आरटीओ (ई) दिनेश कुमार ने बताया कि शहर में आठ हजार के करीब ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। जबकि हजारों की संख्या में अवैध ई-रिक्शा सडक़ों पर फर्राटा भर रहे हैं। अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा पर कार्रवाई के लिए लिस्ट तैयार कराकर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि काफी संख्या में चालकों के पास ई-रिक्शा का डीएल ही नहीं है। बताया कि कुछ ई-रिक्शा चालकों ने तो ई-रिक्शा के लर्निंग डीएल के लिए आवेदन किया है। लेकिन परमानेंट डीएल बनवाया ही नहीं है। ऐसे लोगों की संख्या भी हजारों में है। बताया कि औचक चेकिंग अभियान चलाकर बिना डीएल के ई-रिक्शा चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नाबालिगों के हाथ में स्टेयरिंग
सिटी में बड़ी संख्या में नाबालिग ई-रिक्शा चला रहे हैं। जिनको ट्रैफिक नियमों की जानकारी ही नहीं है। यही कारण है कि वह चौराहों व सडक़ों पर ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ट्रैफिक जाम का कारण बनते हैं। इसके अलावा हादसों को भी बढ़ावा देते हैं। बैटरी बचाने के लिए रात को हेड लाइट भी नहीं जलाते हैं। कई बार तो उल्टी दिशा में चलते हैं। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस कई बार अभियान चलाती है। लेकिन, खानापूर्ति करके फिर से शांत बैठ जाती है।

हजारों की संख्या में अवैध ई-रिक्शा
शहर में जहां आठ हजार रजिस्टर्ड ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं। वहीं हजारों की संख्या में अवैध ई-रिक्शा भी सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। जिस पर अंकुश लगाने में आरटीओ अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। ई-रिक्शा चालकों की अराजकता के चलते सिटी में जाम की समस्या बढ़ जाती है। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है।


फैक्ट एंड फिगर
08 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा रजिस्टर्ड
04 हजार के करीब ही ई-रिक्शा के डीएल जारी किए
03 हजार के करीब अवैध ई-रिक्शा संचालित
02 वर्ष में दोगुना हो गई ई-रिक्शा की संख्या
50 प्रतिशत चालकों के पास नहीं ई-रिक्शा का डीएल

वर्जन
समय-समय पर अभियान चलाकर अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा पर कार्रवाई की जाती है। जिनके पास डीएल नहीं होता है उनका चालान भी किया जाता है। अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
दिनेश कुमार, आरटीओ (ई)