-छत पर सुखाने गई थी महिला, अचानक बंदरों के झुंड ने कर दिया हमला

-भागने के दौरान गिरने से सिर पर लगी गंभीर चोट, इलाज के दौरान दम तोड़ा

बरेली : बिथरी में छत पर कपड़े सुखाने गई कई महिला पर बंदरों के झुंड ने अचानक हमला बोल दिया। बंदरों के खौफ में आकर महिला नीचे कमरे की ओर भागने लगी लेकिन हड़बड़ाहट में वह गिर गई जिससे सिर पर गंभीर चोट लग गई। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आपको बता दें इससे पहले भी रजऊ परसपुर में बंदरों के हमले से कई लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भी जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हुए हैं।

यह है पूरा मामला

बिथरी चैनपुर के रजऊ परसपुर में बंदरों ने आतंक मचा रखा है जिससे लोग खौफ में जीने को मजबूर है। संडे दोपहर लगभग एक बजे शिवदयाल की बेटी मिथलेश घर की छत पर कपड़े सुखाने गई थीं। छत पर बंदर पहले से बैठे थे। जब तक वह कुछ समझ पातीं तभी अचानक बंदरों का झुंड उनकी ओर झपट पड़ा। जिससे वह नीचे भागने की जल्दी में छत से गिर पड़ीं। चीख पुकार सुनकर परिजनों ने बाहर निकल कर देखा तो मिथलेश खड़ंजे पर पड़ी थी। उसके सिर से खून बह रहा था। परिजन तुरंत मिथलेश को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए, जहां इलाज के दौरान दो घंटे बाद उसकी मौत हो गई। प्रधान गीता राजपूत ने बताया कि बंदरों के आतंक की शिकायत उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।

दो सालों में चार की गई जान

रजऊपरसपुर गांव में बंदरों के हमले से मिथलेश की पहली मौत नहीं है। इससे पहले भी बात दो साल की करें तो चार लोगों की जान चली गई। जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।

इतने लोगों की मौत

- 2018 में बंदर एक घर से चादर उठा ले गए थे। बिटोली देवी ने बंदरों से चादर छीनने की कोशिश की। इस पर बंदरों ने हमला कर उन्हें छत से गिरा दिया, जिसमें बिटोली देवी की मौत हो गई थी।

-कुंवरसेन यादव पर भी बंदरों ने हमला कर दिया था। जिसमें कुंवरसेन छत से गिर गए और उनकी भी मौत हो गई।

-रजऊ परसपुर गांव की ही एक बुजर्ग महिला पर भी बंदरों ने हमला किया था। महिला ने बचने के लिए प्रयास किया तो वह छत से गिर गई और महिला की मौत हो गई।

दर्जन भर से अधिक घायल

रजऊ परसपुर में बंदरों का आतंक इस कदर है कि लोगों में दहशत सी है। बंदर आए दिन कभी स्कूल जाने वाले बच्चों तो कभी छत पर जाने वालों पर हमला कर घायल कर देते है। गांव में बंदरों की लगातार बढ़ रही संख्या से ग्रामीण भी परेशान हैं। इतना ही नहीं डर के कारण लोग अपनी छतों पर कपड़ा सुखाने जाने से डरने लगे हैं।

नगर निगम कर्मी की भी गई थी जान

बंदरों के हमले में 29 मार्च 2019 को नगर निगम कर्मी बाबू पर बंदरों ने छत पर हमला कर दिया। जिससे वह घर के आंगन में आ गिरे। परिजन हॉस्पिटल में ले गए जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वह घर की छत पर गए थे वहां पर बंदरों का झुंड पहले से ही बैठा था। बाबू कुछ समझ पाते इससे पहले बंदरों ने हमला कर दिया। जिससे वह छत से नीचे आंगन में आ गिरे।

इन एरिया में ज्यादा आतंक

जिला अस्पताल, किला, मलूकपुर, रामपुर गार्डन, सिविल लाइंस, राजेंद्र नगर, छोटी बमनपुरी, करगैना, मढ़ीनाथ, इज्जतनगर व साहूकारा में बंदरों का आतंक सबसे ज्यादा है। इन्हीं क्षेत्रों से ही सबसे ज्यादा लोग वैक्सीनेशन के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं।

वन विभाग की अनुमति नही

शहर में बंदरों का आतंक इस कदर होने के बाद भी नगर निगम अपने एरिया में बंदरों को पकड़वाने के लिए कोई टेंडर ही जारी नहीं कर सका। वहीं वन विभाग भी इस मामले में कोई एक्शन लेने बच रहा है।