शिया समुदाय के लोगों ने कराया नज्र का ऐहतमाम, महफिल भी हुई

>BAREILLY: हजरत अली को मोहम्मद साहब का जानशीन (उत्तराधिकारी) बनाने की याद में वेडनसडे को ईद-ए-गदीर का जश्न घर-घर मनाया गया। शिया समुदाय के लोगों ने अपने घरों में नज्र का ऐहतमाम किया और महफिल भी आयोजित की। इस दौरान शायरों ने हजरत अली को खिराज-ए-अकीदत पेश की।

जामा मस्जिद में हुई महफिल

शहर के किला स्थित जामा मस्जिद में ईद-ए-गदीर के सिलसिले से विशेष नमाज अदा की गई। इससे पहले लोगों ने नए कपड़े पहने और इत्र लगाया और मस्जिद पहुंचे। मौलाना शमशुल हसन ने लोगों को विशेष नमाज अदा कराई। नमाज के बाद लोगों ने देश में अमन सुकून के लिए दुआ की। फिर महफिल का आयोजन हुआ। जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शमशुल हसन ने कहा कि आज ही के दिन हज से लौटते वक्त मोहम्मद साहब ने अपना जानशीन घोषित किया था। उन्होंने हजरत अली को जानशीन बनाया था। इसी की याद में यह जश्न मनाया जाता है। उन्होंने ईद-ए-गदीर को ईद-ए-अकबर यानि सबसे बड़ी ईद बताया। इसके बाद महफिल में शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किया। कलाम पेश करने वालों में रिजवान बरेलवी, सुहान सिरसवी, तौहीद फैजाबादी शाि1मल रहे।

घरों पर हुआ नज्र

वहीं इससे पहले लोगों ने अपने-अपने घरों पर नज्र का ऐहतमाम किया। महिलाओं ने घर पर ही महफिल भी आयोजित की। जिसमें महिलाओं ने कलाम पेश किया। वहीं लोगों ने शाम को अपने घरों को बिजली की झालरों से सजाया। इसके अलावा चिरागां भी किया। ईद-ए-गदीर का जश्न पूरी रात चला।