डिस्ट्रिक्ट में महिला अपराध ज्यादा

साल रेप छेड़खानी पॅाक्सो एक्ट

2017 63 364 146

2018 72 411 186

2019 60 394 203

टोटल 195 1169 535

===================

बरेली: 16 दिसम्बर 2012 को निर्भया के साथ गैंगरेप करने वाले दोषियों का डेथ वारंट जारी होने पर शहर की महिलाओं ने खुशी जाहिर की। उनका कहना था कि फैसला देर से आया, दुष्कर्मियों को तो ऑन द स्पॉट सजा देनी चाहिए थी। निर्भया के साथ जो घटना हुई, वह झकझोर देने वाली थी। फिलहाल देर से ही फैसला तो आया। वहीं डिस्ट्रिक्ट में भी रेप के कई ऐसे मामले हैं जिनके दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिली है। ऐसे ही कई पीडि़त आज भी कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

14 दिन में आया था फैसला

करीब चार महीने पहले कोर्ट ने शहर में चौदह साल की बेटी से हुए रेप के मामले में कोर्ट ने 14 दिनों के भीतर आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तीन सालों डिस्ट्रिक्ट में रेप और पॉस्को एक्ट के 730 मामले समाने आए हैं, जिसमें बच्चियों से हुए दुष्कर्म के मामले कहीं ज्यादा है। वहीं कुछ केस तो पीडि़तों ने समाज में बदनामी के डर से दबा दिए गए। हालांकि न्याय की उम्मीद में तमाम पीडि़ताएं आज भी थानों और अफसरों के दफ्तरों में चक्कर काटने में मजबूर हैं।

==================

वर्जन

गैंगरेप करने वाले आरोपियों को सजा का फैसला काफी देर से सुनाया गया है। इन दरिंदों को ऑन स्पॉट मार देना चाहिए था। देर से ही सही लेकिन सही फैसला आया है।

कोमल,

अभी तक किसी भी दुष्कर्म पीडि़ता को निर्भया फंड तक नहीं मिला। सरकार ने आरोपियों को सजा देने में काफी समय बर्बाद कर दिया। महिलाओं के साथ रेप की घटना को अंजाम देने वाले लोगों को मौत की सजा देनी चाहिए।

खुशबू

----------------

रेप के आरोपियों को डेथ वारंट जारी होने की सूचना मिली तो काफी खुशी मिली। लेकिन दंरिदों को अब तक फंासी हो जानी चाहिए थी ताकि दूसरों को कानून का भय रहे।

प्रतीक्षा

-----------------