- 27 अक्टूबर यानि सैटरडे को चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि शाम 6:38 बजे के बाद शुरू होगी

BAREILLY:

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को करवाचौथ का व्रत किया जाता है। ऐसे में दो दिन की चन्द्रोदय व्यापिनी या फिर दोनों ही दिन न हो तो पहले दिन वाली चन्द्रोदय ही लेनी चाहिए। 27 अक्टूबर यानि सैटरडे को चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि शाम 06:38 बजे के बाद शुरू होगी औरकृतिका नक्षत्र सुबह 08:20 बजे तक रहेगा, जिसके बाद रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ हो जाएगा। जो पूरी रात रहेगा। इस बार की विशेष बात चन्द्रमा का वृष राशि एवं रोहिणी नक्षत्र में उदय होना है।

पति-पत्नी में बढ़ेगा प्रेम

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस चन्द्रोदय में दंपत्ति के बीच आपसी प्रेम बढ़ेगा। ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा होने के कारण एवं चन्द्रमा स्वयं अपनी उच्च राशि वृष में उदय होने के कारण हर्षोल्लास देगा। इस दिन शुक्र अस्त रहेगा, लेकिन शुक्र स्वयं अपनी तुला राशि में रहने के कारण दोष रहित रहेगा। करवाचौथ व्रत स्त्रियों का सर्वाधिक प्रिय व्रत है। यूं तो प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी और चन्द्रमा का व्रत किया जाता है, लेकिन इसमें सर्वाधिक महत्व है करवाचौथ का। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अटल सुहाग, पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं मंगल कामनाओं के लिए व्रत करती हैं। यह व्रत सौभाग्य और शुभ संतान देने वाला होता है।